1960 के दशक में पुर्तगाल की राजधानी लिस्बन के कॉफ़ी घरों में एक भारतीय की तस्वीर लगी रहती थी. जिसके ऊपर लिखा होता, जो इस शख़्स को पकड़कर लाएगा, ज़िंदा या मुर्दा उसे 10 हज़ार डॉलर, यानी इंफ़्लेशन को जोड़ें तो आज के हिसाब से लगभग 60 लाख का ईनाम दिया जाएगा. इस भारतीय का नाम था लेफ़्टिनेंट जनरल सगत सिंह. वो इकलौते भारतीय फ़ौजी जिनके सिर पर एक विदेशी सरकार ने इनाम रखा हुआ था. ये इनाम रखा क्यों हुआ था? दरअसल ये सगत सिंह ही थे, जिन्होंने गोवा की पुर्तगाल से आज़ादी में निर्णायक भूमिका निभाई थी. हालांकि उनकी जांबाज़ी का क़िस्सा सिर्फ़ यही पर ख़त्म नहीं हो जाता. 1967 में उन्होंने नाथु ला दर्रे की रक्षा के लिए चीन को मुंह तोड़ जवाब दिया था. और 1971 में पाकिस्तानी फ़ौज के सरेंडर की जो मशहूर फ़ोटो है, उसमें भी जनरल नियाज़ी के पीछे वही खड़े दिखते है. क्या है लेफ़्टिनेंट सगत सिंह की कहानी. चलिए जानते हैं.
तारीख: भारतीय फ़ौजी के सिर पुर्तगाली तानाशाह ने लाखों का इनाम क्यों रखा था?
पहले पुर्तगाल को भारत से भगाया, फिर चीन का मुंह तोड़ा, फिर पाकिस्तान के टुकड़े किए, बताओ कौन था वो भारतीय फ़ौजी?
Advertisement
Advertisement
Advertisement