आज 25 मार्च है और आज की तारीख का सम्बंध है गणेश शंकर विद्यार्थी से. गणपत सिंह नाम के एक चश्मदीद के अनुसार गणेश दो तरफ़ा भीड़ के बीच में फ़ंस चुके थे. कुछ लोगों ने उन्हें गली में ले जाने की कोशिश की, ताकि उनकी जान बच सके. लेकिन उन्होंने ये कहते हुए इनकार कर दिया कि, एक ना एक दिन तो सबको मरना है. इसके बाद भीड़ ने विद्यार्थी पर हमला कर दिया. एक ने चाकू भोंका तो दूसरे ने कुल्हाड़ी से वार किया. दो दिन बाद उनकी हॉस्पिटल के एक ढेर में उनकी लाश मिली. जिसकी हालत इतनी बुरी कर दी गई थी कि उनके सफ़ेद खादी के कपड़ों से उन्हें पहचाना गया. इसके अलावा उनकी जेब में 3 चिट्ठियां मिली जो उन्होंने उसी सुबह लिखी गई थीं. देखिए वीडियो.
तारीख: 'एक दिन तो सबको मरना है' कह गणेश शंकर विद्यार्थी ने भीड़ से बच निकलने से इंकार कर दिया!
विद्यार्थी को पत्रकारिता का आदर्श कहे जाने के पीछे यह वजह थी.
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