यूं तो इस कलाकार ने गिन के आठ फ़िल्में डायरेक्ट की और सोलह में बतौर अभिनेता काम किया. पर जैसा कि कहते हैं 'बाबू मोशाय... जिंदगी बड़ी होनी चाहिए लंबी नहीं'. कुछ ऐसी ही ज़िन्दगी रही गुरु दत्त की. बड़ी. इतनी बड़ी कि इनके सामने दशकों सिनेमा में काम करने वाले कलाकारों का कद छोटा लगता है. लेकिन, गुरु की जिन्दगी ये लंबी कतई नहीं रही. क्या है उनकी कहानी, जानने के लिए देखें पूरा वीडियो.
तारीख: कहानी Guru Dutt की जिन्होंने नींद न आने पर करोड़ों की कोठी गिरवा दी
कलकत्ता में ही गुरु दत्त की मुलाक़ात हुई बी. बी. बेनेगल से.जो रिश्ते में गुरु दत्त के मामा भी लगते थे. उन्होंने ही गुरु दत्त के अंदर के कलाकार की पहचान की और उन्हें सिनेमा की दुनिया से परिचित करवाया.
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