प्रसिद्ध व्यंग्यकार शरद जोशी का एक व्यंग्य है- ‘समाजवाद एक उपयोगी चिमटा’. इस व्यंग्य में वे लिखते हैं- "मुख्यमंत्री तीन तरह के होते हैं- चुने हुए मुख्यमंत्री, रोपे हुए मुख्यमंत्री और तीसरे वे, जो इन दोनों की लड़ाई में बन जाते हैं. चुने हुए मुख्यमंत्रियों की तीन जात होती हैं. एक तो काबिलियत से चुने जाते हैं, दूसरे वे जो गुट, जाति, रुपयों आदि के दम जीतते हैं और तीसरे वे, जो कोई विकल्प न होने की स्थिति में चुन लिए जाते हैं." समाजवादी राजनीति से ही निकले नीतीश कुमार 9वीं बार बिहार के मुख्यमंत्री बने हैं. अब शरद जोशी की परिभाषा में आप उनको जिस कैटगरी में रखना चाहते हैं, रख लीजिये, आपकी स्वतंत्रता है. बीजेपी के साथ दोबारा नहीं जाने पर मर जाने तक की बात करने वाले नीतीश क्यों बीजेपी के साथ फिर गए हैं. 'हमेशा के लिए दरवाजे बंद करने' की बात करने वाली बीजेपी फिर नीतीश के साथ क्यों गई, इसके पीछे पार्टी की क्या रणनीति है. लोकसभा चुनाव में इसका क्या असर पड़ने वाला है और नीतीश के पलटी मारने का इंडिया गठबंधन पर क्या असर पड़ेगा. इन सब पर विस्तार से बात करेंगे. नमस्ते मैं हूं निखिल और आप देखना शुरू कर चुके हैं दी लल्लनटॉप शो.
दी लल्लनटॉप शो: 10 साल में Nitish Kumar की चौथी पलटी, Bihar में BJP की रणनीति क्या?
लोकसभा चुनाव में इसका क्या असर पड़ने वाला है और नीतीश के पलटी मारने का इंडिया गठबंधन पर क्या असर पड़ेगा.
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