असम के गुवाहाटी में नीलाचल पहाड़ियों में एक अनोखा मंदिर. जहां किसी देवी की मूर्ति या प्रतिमा की आराधना नहीं होती. जिसे चमत्कारों से भरा माना जाता है. कहा जाता है कि देवी यहां ब्रह्मपुत्र नदी को लाल कर देती हैं. मंदिर जो 8वीं-9वीं सदी से लेकर 16वीं सदी तक कई बार बनवाया और रेनोवेट किया गया. मंदिर जो अपनी कहानियों, मान्यताओं और योनी की पूजा के लिए जाना जाता है. पहाड़ों के गर्भ में बसे इसी मंदिर की क्या कहानी है, जानने के लिए देखें तारीख का ये एपिसोड.
तारीख: असम का कामख्या मंदिर और उससे जुड़ी क्या कहानियां हैं?
कालिका पुराण के मुताबिक, सती की मृत्यु के बाद, शिव उनके शव को कंधे पर उठाकर यहां वहां भटकते रहे थे. अंत में भगवान विष्णु ने अपने चक्र से शव को टुकड़ों में काट दिया. और शरीर के हिस्से नीलाचल पहाड़ियों में गिरे. जिसकी वजह से ये नीले हो गए.
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