कहानी शुरू होती है साल 1849 से. 15 नवम्बर की तारीख. महाराष्ट्र के परोला में पैदाइश हुई आनंद राव की. ज्योतिषियों ने भविष्यवाणी की- बेटा राजा बनेगा. तीन साल बाद आनंद राव को झांसी के महाराज, गंगाधर राव ने गोद ले लिया. महाराज के अपने पुत्र की मौत हो चुकी थी. गद्दी का कोई वारिस नहीं था. इसलिए उनके रिश्ते में भाई लगने वाले, वासुदेव राव ने अपना खुद का बेटा महाराज को दे दिया. इस तरह आनंद राव का नाम पड़ा- दामोदर राव (Damodar Rao) - झांसी के अगले महाराज. वीडियो देखें.
तारीख: झांसी की रानी के बेटे दामोदर राव का क्या हुआ? पूरी कहानी जान लीजिए
झांसी की रानी के दत्तक पुत्र Damodar Rao को अंग्रेजों ने राजा मानने से इनकार कर दिया. 1857 के संग्राम में Rani Lakshmibai वीर गति को प्राप्त हुई. उनके बेटे दामोदर राव का क्या हुआ?
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