साल 2008, कर्नाटक की चिकमंगलूर पुलिस को एक बड़ी टिप मिलती है. एक मोस्ट वांटेड आतंकवादी की. आतंकवादी अपने कुछ साथियों के साथ एक किराए के मकान में रुका था. बड़ा आतंकवादी था और एक छोटा सा पुलिस स्टेशन, इसलिए आसपड़ोस के थानों से और जवान बुलाए गए. घर के बाहर घेराबंदी हुई. पुलिस जब अंदर गई तो वहां कोई नहीं मिला. वो भाग चुका था. साल 2009, कोलकाता के शेक्सपियर सरनी पुलिस स्टेशन में एक व्यक्ति को पकड़कर लाया गया. चोरी करने का इल्जाम था. कई घंटे स्टेशन में बिठाया गया. आरोपी ने पुलिस को समझा दिया कि वो कोलकाता का लोकल है और नाम बुल्ला मलिक है. पुलिस ने उसे जाने दिया. ये वही मोस्ट वांटेड आतंकी था जिसकी टिप साल भर पहले चिकमंगलूर पुलिस को मिली थी. 2010 में कर्नाटक पुलिस को फिर खुफिया जानकारी मिली. आतंकवादी मंगलौर के एयरपोर्ट से दिल्ली जाने वाला है. अलर्ट जारी हुआ और इस बार भारत का मोस्ट वांटेड आतंकी अरेस्ट कर लिया गया, ऐसा भारत सरकार ने ऐलान किया. लेकिन शाम होते तत्कालीन गृह मंत्री पी चिदंबरम मीडिया के सामने आए और बोले गलती हो गई, वो आतंकी नहीं, उसका छोटा भाई था. देखिए वीडियो.
तारीख़: कैसे पकड़ा गया था भारत का मोस्ट वांटेड आतंकवादी
अलर्ट जारी हुआ और इस बार भारत का मोस्ट वांटेड आतंकी अरेस्ट कर लिया गया
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