The Lallantop
Logo

तारीख़: सालों तक कैसे चलता रहा IIPM और अरिंदम चौधरी का फर्ज़ी कारोबार?

इन 11 सालों के भीतर नए भारत ने अपनी आखों ने सामने एक फ्रॉड होते देखा.

Advertisement

शाहरुख़ खान स्टेज पर खड़े हैं. एक किस्सा बतिया रहे हैं. बचपन में जब मैं पतंग उड़ाता था, मांझे में अक्सर गांठ पड़ जाती थी. मैं घंटो उसे सुलझाने में लगा रहता. फिर एक रोज़ मेरी मां ने मुझसे कहा कि मैं अंडे के कुछ छिलके और पेंट से नया मांझा बना सकता हूं. और मुझे अहसास हुआ, ये घंटों मांझे को सुलझाने से कहीं बेहतर है. 
इसके बाद कहानी का मर्म समझाने के लिए शाहरुख़ कहते हैं.
“परेशानियां ऐसी ही हैं. उन पर घंटों सोचने से कोई फायदा नहीं है.” साल 2009 में एक बुक लांच के दौरान शाहरुख़ शाहरुख़ ने ये बात कही थी. किताब का नाम था, ‘डिस्कवर द डायमंड इन यू’. किताब भी ऐसे ही नायाब वन लाइनर्स से भरपूर थी. देखिए वीडियो. 

Add Lallantop As A Trusted Sourcegoogle-icon
Advertisement

Advertisement
Advertisement