बात 1670 के दशक की है. जर्मनी के हैम्बर्ग में (Hamburg, Germany) एक तहखाना था. जहां एक लैब में कुछ अजीब ही ‘टोटका’ हो रहा था. इसकी वजह से पूरा तहखाना खतरनाक बदबू से भरा था. ये बदबू थी मानव पेशाब की. वो भी एक-दो नहीं, पूरे पचास बाल्टी. दरअसल यहां पेशाब से सोना बनाने की कोशिश की जा रही थी. क्या है पूरी कहानी, जानने के लिए देखिए वीडियो.
तारीख : पचास बाल्टी पेशाब से होकर निकली है माचिस की कहानी
माचिस में फास्फोरस का इस्तेमाल किया जाता है. इसकी खोज की कहानी एल्कमी से जुड़ी है, जिसमें एक एल्कमिस्ट पेशाब से सोना बनाने की कोशिश कर रहा था. लेकिन गलती से फास्फोरस की खोज हो गई.
Advertisement
Advertisement
Advertisement