राजस्थान का चूरू जिला. यहां छोटड़ीया नाम के गांव में मुग़लों की एक कीमती चीज आज भी रखी हुई है. पुराने जमाने में जब राजा युद्ध में जाते थे, तो उनके सर पर एक शाही छतरी लगी होती थी. छतरी का झुक जाना मतलब भारी बेज्जती. इसलिए राजा की छतरी का विशेष ख़याल रखा जाता था. कहानी कहती है कि 16 वीं सदी में एक मुग़ल शहजादे ने युद्ध के मैदान में ऐसा नजारा देखा कि उनके होश उड़ गए. डर के मारे भागे और ऐसे भागे कि किसी को शाही छतरी का ख्याल भी न रहा. क्या है पूरी कहानी, जानने के लिए देखिए वीडियो.
तारीख़ : बाबर के बेटे की छतरी पहुंची राजस्थान, लेकिन कैसे?
कहानी उस युद्ध की, जो मुग़ल बादशाह बाबर के बेटे और बीकानेर के राजा के बीच लड़ा गया. एक ऐसा युद्ध, जिसके लिए तमाम नियम कायदे बदल दिए गए. रात भर 21 घंटे तक लड़ाई हुई.
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