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कौन हैं NIA के नए डीजी दिनकर गुप्ता? चरणजीत सिंह चन्नी ने पंजाब डीजीपी पद से हटाया था

दिनकर गुप्ता का नाम पिछले साल खूब चर्चा में था. उस वक्त वे पंजाब के डीजीपी थे. चरणजीत चन्नी के सीएम बनते ही कुछ ही दिनों बाद दिनकर गुप्ता को डीजीपी पद से हटा दिया गया था.

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IPS अधिकारी दिनकर गुप्ता (फोटो-@BureaucratsInd/Twitter)

सीनियर IPS ऑफिसर दिनकर गुप्ता को राष्ट्रीय जांच एजेंसी (NIA) का नया महानिदेशक नियुक्त किया गया है. केंद्र सरकार ने गुरुवार 23 जून को उनकी नियुक्ति की घोषणा की. 1987 बैच के आईपीएस अधिकारी दिनकर गुप्ता एनआईए के डीजी पद पर 31 मार्च 2024 तक रहेंगे. ये उनके रिटायरमेंट की भी तारीख है. एनआईए आतंकी घटनाओं से जुड़े अपराध को जांच करने वाली एजेंसी है. नवंबर 2008 के मुंबई आतंकी हमले के बाद इसका गठन किया गया था.

एनआईए को एक साल बाद स्थायी डीजी मिला है. 31 मई 2021 को वाईसी मोदी इस पद से रिटायर हुए थे. उसके बाद CRPF के डीजी कुलदीप सिंह को एनआईए महानिदेशक की अतिरिक्त जिम्मेदारी दी गई थी. पिछले 13 सालों में दिनकर गुप्ता सातवें एनआईए प्रमुख हैं.

कौन हैं दिनकर गुप्ता?

दिनकर गुप्ता का नाम पिछले साल खूब चर्चा में था. उस वक्त वे पंजाब के डीजीपी थे. कैप्टन अमरिंदर सिंह को हटाए जाने के बाद सितंबर 2021 में चरणजीत सिंह चन्नी पंजाब के सीएम बने थे. चन्नी के सीएम बनते ही गुप्ता ने केंद्रीय प्रतिनियुक्ति के लिए अप्लाई कर दिया. और एक महीने के लिए छुट्टी पर चले गए. कुछ ही दिनों बाद चन्नी ने दिनकर गुप्ता को डीजीपी पद से हटा दिया. उनकी जगह 1988 बैच के ऑफिसर इकबाल प्रीत सिंह सहोता को डीजीपी बनाया गया. सीएम ने दिनकर गुप्ता को पंजाब पुलिस हाउसिंग कॉरपोरेशन (PPHC) का चेयरपर्सन बना दिया.

पंजाब कैडर के अधिकारी दिनकर गुप्ता फरवरी 2019 में राज्य के डीजीपी बने थे. करीब ढाई साल तक वे इस पद रहे. डीजीपी के लिए उनकी नियुक्ति भी विवादों में रही थी. उन्हें डीजीपी तब बनाया गया, जब राज्य में दो सीनियर अधिकारी मोहम्मद मुस्तफा (1985 बैच) और सिद्धार्थ चट्टोपाध्याय (1986 बैच) सर्विस में थे. लेकिन सरकार द्वारा UPSC पैनल को भेजी गई लिस्ट में इन दोनों के नाम नहीं थे. ये मामला सुप्रीम कोर्ट तक भी पहुंचा था. हालांकि कोर्ट ने नवंबर 2021 के फैसले में दिनकर गुप्ता की नियुक्ति को गलत नहीं माना था.

कई महत्वपूर्ण पदों पर रहे

दिनकर गुप्ता जून 2004 से जुलाई 2012 तक केंद्र सरकार में भी अलग-अलग पदों पर रहे. इस दौरान उन्हें संवेदनशील विभागों की जिम्मेदारी दी गई थी. उन्होंने इंटेलिजेंस ब्यूरो की उस यूनिट का भी हेड बनाया गया था जो VVIPs की सुरक्षा देखती है.

केंद्रीय प्रतिनियुक्ति से लौटने पर पंजाब सरकार ने दिनकर के जिम्मे कई महत्वपूर्ण विभागों को सौंपा. उन्हें राज्य इंटेलिजेंस विभाग का डीजीपी बनाया गया. जो पंजाब स्टेट इंटेलिजेंस विंग, स्टेट एंटी टेररिस्ट स्क्वॉड और ऑर्गेनाइज्ड क्राइम कंट्रोल यूनिट (OCCU) को सुपरवाइज करता है. राज्य में आतंकी गतिविधियों के खिलाफ दिनकर गुप्ता का काम महत्वपूर्ण माना जाता है. वे करीब सात साल लुधियाना, जालंधर और होशियारपुर के एसएसपी रह चुके हैं.

बहादुर अफसरों में गिनती

जून 1992 में दिनकर गुप्ता को राष्ट्रपति द्वारा वीरता पदक से सम्मानित किया गया था. ये सम्मान उन्हें अप्रैल 1992 में आतंकवादियों के साथ मुठभेड़ में बहादुरी दिखाने के लिए मिला था. उस दौरान गुप्ता एएसपी थे. इसके बाद जुलाई 1994 में उन्हें पुलिस वीरता मेडल मिला. उस वक्त वे होशियारपुर के एसएसपी थे. 2003 में उन्हें सराहनीय सेवा के लिए और 2011 में विशिष्ट सेवा के लिए राष्ट्रपति पुलिस मेडल दिया गया.

58 साल के दिनकर गुप्ता ने कॉमर्स से स्नातक किया है. उसके बाद पुलिस प्रशासन में एमए की डिग्री ली. इंडियन एक्सप्रेस के मुताबिक, साल 2000 से 2001 के बीच वे जॉर्ज वाशिंगटन यूनिवर्सिटी और अमेरिकन यूनिवर्सिटी में विजिटिंग प्रोफेसर भी रहे. जहां उन्हें आतंकवाद से जुड़े विषयों पर क्लास लेने को कहा गया था. 

दिनकर गुप्ता की पत्नी विनी महाजन भी अमरिंदर सिंह के कार्यकाल में चीफ सेक्रेटरी थीं. विनी महाजन भी 1987 बैच की आईएएस ऑफिसर हैं. चरणजीत सिंह चन्नी ने सीएम बनने के बाद उन्हें भी मुख्य सचिव के पद से हटा दिया था. वो भी केंद्रीय प्रतिनियुक्ति पर चली गईं. विनी महाजन फिलहाल केंद्रीय जल शक्ति मंत्रालय में सचिव हैं. विनी के पिता बीबी महाजन भी पंजाब कैडर के आईएएस अधिकारी थे.

फिलहाल, देश की दो बड़ी सुरक्षा एजेंसियों की जिम्मेदारी पंजाब कैडर के अधिकारियों के पास है. RAW के प्रमुख सामंत कुमार गोयल भी पंजाब कैडर के 1984 बैच के अधिकारी हैं.