बिहार (Bihar) की IAS अधिकारी हरजोत कौर (IAS Harjot Kaur) इन दिनों चर्चा में हैं. वजह है सैनिटरी पैड को लेकर एक छात्रा को दिया गया उनका जवाब. इस जवाब के चलते उनका वीडियो सोशल मीडिया पर खूब वायरल हो रहा है.
JNU से पढ़ी हैं 'कॉन्डम भी दें क्या' पूछने वाली IAS, नाव डूबने पर छिन गया था सेक्रेटरी वाला पद
छात्राओं को दिए गए जवाब के चलते IAS हरजोत कौर को नोटिस भेजा गया है.


दरअसल, 28 सितंबर को बिहार की राजधानी पटना में महिला एवं बाल विकास निगम की ओर से 'सशक्त बेटी समृद्ध बिहार' कार्यक्रम का आयोजन किया गया था. कार्यक्रम में 9वीं और 10वीं क्लास की छात्राएं भी थीं. इसी दौरान महिला विकास निगम की एमडी हरजोत कौर से एक छात्रा ने सवाल किया कि सरकार यूनिफॉर्म दे रही है, छात्रवृत्ति दे रही है तो क्या 20-30 रुपये का सैनिटरी पैड नहीं दे सकती है?
जवाब में हरजोत कौर ने कहा,
''इस सवाल पर बहुत तालियां बजाई जा रही हैं. क्या इस मांग का कोई अंत है. 20 और 30 रुपये का सैनिटरी पैड भी दे सकते हैं, कल को जींस-पैंट भी दे सकते हैं, परसों को सुंदर जूते क्यों नहीं दे सकते हैं और अंत में परिवार नियोजन की बात आएगी तो निरोध भी मुफ्त में ही देना पड़ेगा. सब कुछ मुफ्त में लेने की आदत क्यों है... ये जो सोच है वो गलत है. सरकार बहुत कुछ दे रही है. अपने आप को इतना संपन्न करो कि सरकार से कुछ लेने की जरूरत ही ना हो."
IAS अधिकारी के जवाब पर एक छात्रा ने कहा कि लोगों के वोट से सरकार बनती है. इस पर अधिकारी ने कहा कि यह मूर्खता की पराकाष्ठा है. वोट मत करो. पाकिस्तान बन जाओ.
हरजोत कौर 1992 बैच की IAS अधिकारी हैं. महाराष्ट्र की रहने वाली हरजोत कौर बिहार सरकार में महिला विकास निगम की प्रबंध निदेशक हैं. इससे पहले हरजोत विज्ञान और प्रौद्योगिकी विभाग के प्रमुख सचिव के पद पर थीं.
हरजोत कौर के पति दीपक कुमार सिंह हैं. दीपक भी बिहार कैडर के 1992 बैच के IAS अधिकारी हैं. दीपक और हरजोत पहली बार JNU में मिले थे. दोनों ने पढ़ाई पूरी करने के बाद IAS की तैयारी साथ शुरू की थी. आईएएस बनने के बाद दोनों ने शादी कर ली. दीपक कुमार सिंह बिहार सरकार में पर्यावरण, वन और जलवायु परिवर्तन विभाग के प्रधान सचिव हैं. उन्होंने राज्य सरकार के साथ-साथ केंद्र सरकार में कई महत्वपूर्ण विभागों को संभाला है. इससे पहले वो बिहार सरकार के श्रम संसाधन विभाग के प्रधान सचिव थे.

साल 2016 में दीपक कुमार सिंह और हरजोत कौर दोनों खूब चर्चा में रहे थे. दरअसल, तब बिहार सरकार ने 1992 बैच के तीन अधिकारी सचिव चंचल कुमार, दीपक कुमार सिंह और हरजोत कौर को प्रधान सचिव बना दिया था. प्रमोशन के बाद चंचल कुमार को मुख्यमंत्री का प्रधान सचिव, दीपक कुमार को श्रम संसाधन विभाग में प्रधान सचिव और हरजोत कौर को पर्यटन विभाग का प्रधान सचिव बनाया गया था. लेकिन केंद्र सरकार इससे सहमत नहीं हुई, उसने इसे IAS (कैडर) नियम 1954 और IAS (वेतन) नियम का उल्लंघन बताया था.
गंगा में नाव पलटने पर हुई कार्रवाईफरवरी 2017 की बात है. मकर संक्रांति के मौके पर पटना में गंगा के घाट पर एक नाव डूब गई थी. इस हादसे में 25 लोगों की मौत हो गई थी. मुख्यमंत्री नीतीश कुमार ने दो सदस्यीय जांच समिति बनाई. समिति ने अपनी जांच रिपोर्ट में कहा कि मकर संक्रांति के मौके पर गंगा के पार पतंग महोत्सव का पर्यटन विभाग ने ही आयोजन किया था. जांच में ये बात सामने आई कि इस महोत्सव को लेकर तैयारियां ठीक ढंग से नहीं की गई थीं, जिसकी वजह से ये नाव दुर्घटना हुई. इसके बाद CM नीतीश कुमार ने पर्यटन विभाग की प्रधान सचिव हरजोत कौर और राज्य पर्यटन विकास प्राधिकरण के मैनेजिंग डायरेक्टर उमाशंकर प्रसाद को उनके पद से हटा दिया.
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