गुरुत्वाकर्षण को लेकर न्यूटन ने बहुत मेहनत की थी. गति के नियम और यूनिवर्सल गुरुत्वाकर्षण के कॉन्सेप्ट भी तभी ही आये थे. इन सारी चीजों को न्यूटन ने अपनी किताब प्रिन्सिपिया में लिखा था. इस किताब को दुनिया की महानतम किताब माना जाता है. क्योंकि यही से मानव सभ्यता एकदम बदल गई थी. साइंटिफिक माइंड का कॉन्सेप्ट यहीं से आया था. लोगों ने साइंस को यहीं से सोचना शुरू किया था. हम सबने पढ़ा था कि फिजिक्स जानने के लिए कैलकुलस जानना पहली जरूरत है. फिजिक्स के नियमों की खोज करने के दौरान ही न्यूटन ने कैलकुलस की खोज कर ली थी. और मजेदार चीज ये है कि पहले इंट्रीगल कैलकुलस खोजा था. धरती के पूरे भार को नापने के लिए. हालांकि हर किताब में डिफरेंशियल कैलकुलस पहले दिया रहता है.

Principia
पर ये जानकर हैरानी होगी कि एक कुत्ते ने न्यूटन की सारी मेहनत पर लगभग आग फेर ही दिया था. ये सारी खोज बर्बाद हो गई थी. क्योंकि आग तो लगी ही थी, साथ ही न्यूटन एक लंबे समय के लिए डिप्रेशन में चले गये थे. और ये सबको पता है कि डिप्रेशन में जाना क्या होता है. पर ये भी कहा जाता है कि न्यूटन हमेशा से बाईपोलर डिसऑर्डर के शिकार थे तो इस चीज से उनका वास्ता पड़ते रहता था.
हुआ ये कि न्यूटन के पास डायमंड नाम का एक पॉमेरेनियन कुत्ता था. वही सफेद झबरा कुत्ता, जो जब तक बंधा रहता है, खूब भौंकता है. खोल देने पर ऐसे बिहैव करता है जैसे कुछ हुआ ही नहीं था. उसके एक्स्प्रेशन से लगता है कि वो तो बस यूं ही जस्ट फॉर फन. नाराज तो वो था ही नहीं.

Symbolic Image
तो न्यूटन अपने कमरे में एक्सपेरिमेंट कर रहे थे. दिमागी. मोमबत्ती जल रही थी. पेपर बिखरे पड़े थे. दरवाजे पर नॉक हुआ. न्यूटन बाहर चले गये. उसी दौरान डायमंड कमरे में आ गया. बहुत क्यूरियस हो गया कि क्या चल रहा है यहां. इधर-उधर घूमने लगा. मेज के एक पाये से टकरा गया. मोमबत्ती गिर गई. कमरे को कुछ नुकसान नहीं हुआ. पर गुरुत्वाकर्षण पर लिखी पूरी थीसिस ही जल गई.
पर कहते हैं कि न्यूटन जब कमरे में आये तो कुत्ते को गोद में उठाकर बोले- ओह डायमंड, तुमको पता नहीं कि तुमने क्या किया है. और मेरे गांव का न्यूटन बस कुत्ते को देख लेता था तो दौड़ा के मारता था. न्यूटन हम लोग उसको इसलिए कहते थे कि हर बात का जवाब 5 सेकेंड सोच के ही देता था.
डेविड ब्रूस्टर और कॉरेन लिखते हैं कि न्यूटन ने उस वक्त बोल दिया कि डायमंड कोई बात नहीं. पर इसके बाद वो डिप्रेशन में चले गये थे. उनको फिर एक साल लगा लिखने में. मेहनत करते पर इस सदमे से उबर नहीं पा रहे थे. पर काबिले तारीफ है कि कुत्ते को कुछ बोला नहीं. शायद डायमंड के प्रति उनका प्यार भी वजह हो सकता है कि उन्होंने फिर से पूरी थीसिस पूरी कर ली.