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कहीं 40 तो कहीं 44... दुनियाभर के देशों में होता है इतने घंटे काम, ओवरटाइम के मिलते हैं पैसे

Weekly Work Hours: अगर सप्ताह में 5 दिन काम करें तो, मूर्ति के हिसाब से हर दिन 14 घंटे और सुब्रह्मण्यन के कहे मुताबिक हर दिन 18 घंटे काम करना होगा. अगर सप्ताह के 7 दिन भी काम करें तो भी इनके अनुसार, क्रमश: हर दिन 10 घंटे और करीब 13 घंटे काम करना होगा.

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नारायण मूर्ति और एसएन सुब्रह्मण्यन. (फाइल फोटो: इंडिया टुडे/सोशल मीडिया)

गुलामी के एक लंबे दौर के बाद दुनिया भर में कई मजदूर आंदोलन हुए. तब जाकर कामगारों के लिए कुछ कानून बनाए गए. काम के घंटे तय हुए. ये तय हुआ कि मजदूरों के मानसिक और शारिरिक स्वास्थ्य को एकनॉलेज किया जाए. वर्क-लाइफ-बैलेंस की बात हुई. भारत में उद्योग क्षेत्र के कुछ बड़े लोगों ने इस संघर्ष के दौर को धता बताने का प्रयास किया. इस कड़ी में सबसे पहली बोली लगाई, इंफोसिस के को-फाउंडर नारायण मूर्ति ने. फिर लार्सन एंड टुब्रो (L&T) के चेयरमैन एसएन सुब्रह्मण्यन ने एक कदम आगे बढ़ते हुए और बड़ी बोली लगाई. 

मूर्ति ने कहा कि भारत में लोगों को सप्ताह में 70 घंटे काम करना चाहिए, तो वहीं सुब्रह्मण्यन ने कहा कि लोगों को 90 घंटे काम करना चाहिए और वीकेंड पर भी काम करना चाहिए. मूर्ति ने कहा था कि चीन जैसे देश से आगे निकलने के लिए भारत के युवाओं को इतना काम करना पड़ेगा, तो चीन से ही शुरू करते हैं.

अगर सप्ताह में 5 दिन काम करें तो, मूर्ति के हिसाब से हर दिन 14 घंटे और सुब्रह्मण्यन के कहे मुताबिक हर दिन 18 घंटे काम करना होगा. अगर सप्ताह के 7 दिन भी काम करें तो भी इनके अनुसार, क्रमश: हर दिन 10 घंटे और करीब 13 घंटे काम करना होगा. 

China में हर दिन 8 घंटे काम

चीन के लेबर कानून के मुताबिक, एक व्यक्ति को दिन 8 घंटे ही काम कराया जा सकता है. और पूरे सप्ताह में 40 घंटे से ज्यादा काम नहीं कराया जा सकता. और अगर किसी स्थिति में इससे ज्यादा काम करना पड़ा, तो कंपनी को इसके लिए ओवरटाइम का पैसा अलग से देना होता है. 

US में 1 घंटे काम करने के बदले 10 मिनट का ब्रेक

अमेरिका के अधिकतर राज्यों में भी ऐसा ही नियम है. जबकि कुछ राज्यों में तो इससे बेहतर प्रावधान हैं. जैसे कि कुछ राज्यों में हर एक घंटे काम करने के बाद आप 10 मिनट का ब्रेक ले सकते हैं. साथ ही ये भी सुनिश्चित किया जाता है कि कर्मचारियों को सप्ताह में कम से कम एक दिन की छुट्टी जरूर मिले.

ये भी पढ़ें: "सप्ताह में 90 घंटे काम, वीकेंड पर ऑफिस, पत्नी को कितनी देर घूरेंगे" लार्सन एंड टुब्रो कंपनी के चेयरमैन का बयान

Japan में सप्ताह के 44 घंटे काम

जापान में भी सप्ताह के 40 घंटे या प्रति दिन 8 घंटे से अधिक काम नहीं कराया जा सकता. इसमें ब्रेक के समय को नहीं जोड़ा जाता. कुछ बिजनेस में प्रति सप्ताह 44 घंटे और हर दिन अधिकतम 8 घंटे काम कराने की अनुमति है. इन व्यवसायों में रिटेल एंड ब्यूटी सर्विस, सिनेमा और थिएटर, स्वास्थ्य और स्वच्छता से संबंधित व्यवसाय, साथ ही 10 से कम नियमित कर्मचारियों वाले रेस्टोरेंट और मनोरंजन व्यवसाय शामिल हैं.

इस देश के लोग करते हैं सबसे ज्यादा काम

दुनिया में सबसे ज्यादा काम भूटान के लोग करते हैं. इसके बावजूद वहां के लोग हर सप्ताह 70 या 90 घंटे से कम काम करते हैं. यहां के कर्मचारी सप्ताह में औसतन 54.4 घंटे काम करते हैं. भूटान के बाद, संयुक्त अरब अमीरात और लेसोथो में काम के घंटे सबसे ज्यादा हैं, जो कि औसतन क्रमशः 50.9 और 50.4 घंटे प्रति सप्ताह हैं.

भारत में लोग कितना काम करते हैं

भारत में फैक्ट्रीज एक्ट 1948 के अनुसार, कंपनियों को सरकार द्वारा निर्धारित न्यूनतम मजदूरी का भुगतान करना होता है. साथ ही सप्ताह के 48 घंटे ही काम कराया जा सकता है. इसमें प्रतिदिन अधिकतम 1 घंटे के ब्रेक के साथ 9 घंटे का समय हो सकता है. क्लियर करने के लिए बता दूं कि 9 घंटे के काम के घंटों में ही 1 घंटे का ब्रेक का भी शामिल है. ओवरटाइम की स्थिति में नियमित मेहनतनामा से दोगुना पैसे देने होते हैं.

प्रति दिन 8 घंटे काम करने वाली नीति की नींव डाली डॉ अंबेडकर ने. 27 नवंबर 1942 को नई दिल्ली में भारतीय श्रम सम्मेलन के 7वें सत्र में डॉ. अंबेडकर ने काम के समय को 12 घंटे से बदलकर 8 घंटे कर दिया.

हालांकि, डेटा बताता है कि भारत में कर्मचारियों से इससे कहीं ज्यादा काम कराया जाता है. भारत दुनिया के सबसे ज्यादा काम करने वाले देशों में 13वें स्थान पर है. यहां के कर्मचारी दुनिया के ओवरवर्क्ड कर्मचारियों में से एक हैं. अंतर्राष्ट्रीय श्रम संगठन के अनुसार, औसत भारतीय कर्मचारी- हर हफ्ते 46.7 घंटे काम करता है. जबकि भारत के 51 प्रतिशत कर्मचारी हर हफ्ते 49 या उससे ज्यादा घंटे काम करते हैं. 

International Labour Organization क्या कहता है?

अंतर्राष्ट्रीय श्रम संगठन के मुताबिक, 1 दिन में किसी कर्मचारी से 8 घंटे से ज्यादा काम नहीं कराया जा सकता. और पूरे सप्ताह में ये ज्यादा से ज्यादा 48 घंटे तक हो सकता है. एक दिन में 4 घंटे से ज्यादा का ओवटाइम नहीं कराया जा सकता. और ओवटाइम के लिए अलग से मजदूरी देनी होती है. और अगर कोई कर्मचारी दिन में 6 घंटे से ज्यादा काम कर रहा है तो उसे कम से कम- लगातार 30 मिनट का ब्रेक और नाइट शिफ्ट के दौरान लगातार 45 मिनट का ब्रेक मिलना चाहिए.

90 घंटे काम करने की वकालत करने वाली कंपनी का हाल

90 घंटे काम करने की वकालत करने वाले एसएन सुब्रह्मण्यन ने 2023-24 में कुल ₹51 करोड़ रुपये की सैलरी पाई है. इसमें ₹35.28 करोड़ का कमीशन शामिल है. द न्यू इंडियन एक्सप्रेस के अनुसार, सुब्रह्मण्यन का वेतन उनकी कंपनी के कर्मचारियों के औसत वेतन से 534.57 गुना अधिक है. जबकि पूरे भारत में कर्मचारियों की औसत सैलरी करीब 20 हजार रुपये प्रतिमाह और 2.40 लाख रुपये सलाना है.

वीडियो: नारायण मूर्ति के 70 घंटे वाले बयान के बाद अब L&T के चेयरमैन ने 90 घंटे का सुझाव दे दिया