सिन्धु रेड्डी, इस नाम को आज देश भर ने देखा जब वो गणतंत्र दिवस पर एयर फोर्स के जत्थे के लीड कर रही थीं. इस जत्थे में 144 हवाई लड़ाकों के साथ 4 अफसर भी होंगे. एयर फ़ोर्स के जत्थे को लीड करना इसलिए भी ख़ास है क्योंकि साल 2011, 2012, 2013 और 2020 में बेस्ट मार्चिंग कन्टिंजेंट का अवार्ड एयर फ़ोर्स के ही नाम रहा है. इसके आलावा 2022 में पॉपुलर चॉइस कैटेगरी में भी बेस्ट मार्चिंग कन्टिंजेंट का खिताब एयर फ़ोर्स के नाम रहा था.
कहानी सिन्धु रेड्डी की, जिन्होंने 26 जनवरी की परेड में एयरफोर्स का नेतृत्व किया
सिन्धु अब चेतक और चीता हेलिकाप्टर्स में उड़ान भरती हैं.
12th के एग्जाम के बाद जब सिन्धु ने अपने पिता को NDA ज्वाइन करने के अपने सपने के बारे में बताया तो कुछ देर के लिए वो सोच में पड़ गए. उन्हें पता था, NDA में लड़कियां नहीं जा सकती. यह जानते हुए भी उन्होंने सिन्धु को आगे बढ़ने की सलाह दी और कहा कि तुम जो करना चाहती हो करो, मैं तुम्हारे साथ हूं. वो चाहते थे कि सिन्धु खुद ही इस बारे में पता लगाए. फॉर्म भरने की जानकारी इकट्ठे करते वक़्त सिन्धु को पता चला कि NDA लड़कियों के लिए नहीं है. इसके बाद सिन्धु निराश ज़रूर हुईं. उन्होंने इंजीनियरिंग की और यहीं से एयर फोर्स में एंट्री करने का अपना रास्ता खुद ही ढूंढ निकाला.
वो हमेशा से जहाज़ उड़ाना चाहती थी. जब उन्हें पता चला कि एयर फ़ोर्स में उन्हें यह मौका मिल सकता है तो उनके लिए इससे ज्यादा अच्छा मौका और क्या ही हो सकता था. उन्हें देश के लिए भी कुछ करने का अवसर दिखाई दिया. यह जानकारी उन्हें अपनी मां के एक दोस्त के ज़रिए मिली. जो खुद एयर फ़ोर्स का हिस्सा थे. उस वक़्त सिन्धु बेंगलुरु में एयर शोज़ देखने जाया करती थी. इसी के बाद सिन्धु ने एयर फ़ोर्स में अप्लाई किया और सफलता भी मिली. डेढ़ साल की ट्रेनिंग के बाद आखिरकार उन्हें एयर फ़ोर्स की फ्लाइंग ब्रांच में मौका मिला और उनकी तैनाती नॉर्थ और ईस्टर्न बॉर्डर्स पर की गई.
सिन्धु अब चेतक और चीता हेलिकाप्टर्स में उड़ान भरती हैं. पहाड़ों और घाटियों के ऊपर उड़ान भरना उन्हें बेहद पसंद है.
कारगिल युद्ध के दौरान चेतक लेकर वार-ज़ोन में जाने वाली 2 महिलाओं को याद करते हुए सिन्धु ने कहा कि ‘महिलाओं को भी लड़ाकू हेलिकॉप्टर्स उड़ाने का मौका मिलना चाहिए और एयरफ़ोर्स इस दिशा में कदम उठा रही है.’
सिन्धु कहती है कि जब लोग उनकी परेड देखकर वापिस जाएं तो वो याद रखें की कुछ भी नामुमकिन नहीं है. बड़े सपने देखिये और उन्हें पूरा करने के लिए कड़ी मेहनत कीजिए.
इस बार एयर फ़ोर्स की थीम है ‘Indian Air Force Power Beyond Boundaries’. इसके साथ ही एयरफ़ोर्स की झांकी में बड़ा सा ग्लोब भी देखने को मिलेगा जिसका मकसद सीमा के पार जाकर की गई मानवीय सहायता को दर्शाना है. यह दूसरे देशों के साथ किए गए युद्ध अभ्यास का भी प्रतीक होगा.
इसके अलावा लाइट कॉम्बैट एयरक्राफ्ट तेजस एमके- II, लाइट कॉम्बैट हेलीकॉप्टर 'प्रचंड', एयरबोर्न अर्ली वार्निंग एंड कंट्रोल एयरक्राफ्ट नेत्र और सी-295 ट्रांसपोर्ट एयरक्राफ्ट के साथ ही गरुड़ की एक टीम भी झांकी का हिस्सा रहेगी.
वीडियो: इंडियन एयरफोर्स डे रिहर्सल में फाइटर प्लेन्स ने दिखाया दम