जापान के पूर्व प्रधानमंत्री शिंजो आबे की शुक्रवार 8 जुलाई को हत्या कर दी गई. इस खबर से सब भौंचक्के हैं. केवल जापानी या एशियाई मूल के लोग नहीं, पर पूरा विश्व. इस घटना के बाद उठे अनेकों सवालों में से एक ये भी है कि इतने बड़े ओहदे पर रहा व्यक्ति भी सुरक्षित नहीं? क्या कोई नेता केवल तब तक सेफ है जब तक कि वो किसी ऊंचे पद पर कार्यरत है? उसके बाद उसकी सुरक्षा का क्या?
भारत में पूर्व प्रधानमंत्रियों को क्या सुरक्षा मिलती है?
जापान के पूर्व पीएम शिंजो आबे की हत्या के बाद कई लोगों ने ये सवाल किया है.

ये कोई पहली बार नहीं है कि किसी नेता की हत्या इस तरह कर दी गई हो. इससे नेताओं की सुरक्षा को लेकर कई सवाल पैदा होते हैं. खासतौर पर उनकी जो संवैधानिक पद पर हों या कभी रहे हों. जापान के सन्दर्भ में सवाल करते वक़्त ख्याल अपने देश का भी आता है. भारत में प्रधानमंत्री पद पर बैठे व्यक्ति को SPG सुरक्षा दी जाती है. इस समय ये अभेद्य सिक्योरिटी पीएम नरेंद्र मोदी को मिली हुई है.
लेकिन हमारी रिपोर्ट मौजूदा पीएम की सिक्योरिटी पर नहीं, बल्कि पूर्व प्रधानमंत्री या प्रधानमंत्रियों की सिक्योरिटी पर है. शिंजो आबे जापान के पूर्व पीएम थे और बड़ी आसानी से सरेआम एक शख्स ने गोली मार दी. जाहिर है कई लोग जानना चाहते होंगे कि भारत में पूर्व पीएम को सुरक्षा कैसे दी जाती है.

शुरुआत में हमने एसपीजी का ज़िक्र किया था. एसपीजी माने स्पेशल प्रोटेक्शन ग्रुप. ये भारत सरकार की एक एजेंसी है, जिसकी एकमात्र जिम्मेदारी है प्रधानमंत्री की सुरक्षा. कभी कभी उनके परिवार की भी. साल 1984 में इंदिरा गांधी की हत्या के बाद साल 1988 में एक एक्ट के जरिए एसपीजी की स्थापना हुई थी. स्पेशल प्रोटेक्शन ग्रुप एक्ट, 1988. देश और विदेश में पीएम की सुरक्षा का उत्तरदायित्व एसपीजी का होता है. इसके साथ ये ग्रुप पीएम के करीबी रिश्तेदारों की सुरक्षा का भी ख्याल रखता है. हालांकि परिवार के सदस्य सुरक्षा के लिए इनकार कर सकते हैं.
एसपीजी में हुए संशोधनसाल 1988 तक पूर्व प्रधानमंत्रियों को ये सुरक्षा नहीं दी जाती थी. इसी आधार पर वीपी सिंह सरकार ने 1989 में राजीव गांधी की एसपीजी सुरक्षा वापस ले ली थी. लेकिन 1991 में राजीव गांधी की हत्या कर दी गई. तब एसपीजी कानून में संशोधन किया गया. अब पूर्व प्रधानमंत्रियों और उनके परिवारों को कम से कम 10 सालों तक एसपीजी सुरक्षा देने का प्रावधान जोड़ा गया.
2003 में एक और संशोधन हुआ. इसके अनुसार पूर्व पीएम को पद छोड़ने के एक साल बाद तक ही एसपीजी सुरक्षा मिलेगी. लेकिन 2019 में स्पेशल प्रोटेक्शन ग्रुप (संशोधन) एक्ट 2019 के ज़रिए इसमें फिर कुछ बदलाव हुए, जो पूर्व प्रधानमंत्रियों और उनके परिवारों की सुरक्षा पर सीधा असर डालते हैं. इस संशोधन के विषय में जानना ज़रूरी है.
2019 में फिर हुए संशोधन ने एसपीजी प्रोटेक्शन को केवल प्रधानमंत्री और पीएम निवास में उनके साथ रह रहे परिवार के निकटतम सदस्यों तक सीमित कर दिया. इसी के तहत पूर्व पीएम ऑफिस छोड़ने के बाद अपनी सुरक्षा को 5 साल तक के लिए एक्सटेंड करवा सकते हैं. हालांकि, ऐसा आईबी के थ्रेट असेसमेंट के आधार पर होगा.

इस संशोधन के लागू होते ही पूर्व पीएम डॉ मनमोहन सिंह, मौजूदा पीएम नरेंद्र मोदी की मां हीराबेन मोदी, उनकी पत्नी जशोदाबेन मोदी आदि लोगों की एसपीजी प्रोटेक्शन वापस ले ली गई थी. हालांकि, उन्हें जेड प्लस से वाई कैटेगरी के अलग-अलग सुरक्षा कवर केंद्रीय गृह मंत्रालय की ओर से दिए गए.
क्या हैं वाई, जेड सिक्योरिटी?हमारे देश में उच्च पदों पर काम कर रहे या कर चुके लोगों को अलग-अलग कैटेगरीज के तहत प्रोटेक्शन कवर दिया जाता है. ये हैं – X लेवल, Y लेवल, Z लेवल और Z प्लस लेवल सिक्योरिटी.
X लेवल, देश का पांचवा क्रिटिकल सिक्योरिटी लेवल है. इसमें दो सिक्योरिटी प्रोफेशनल्स होते हैं. दोनों ही बंदूकधारी पुलिस अफसर. एक पीएसओ (पर्सनल सिक्योरिटी ऑफिसर) पूरे भारत में काफी लोगों को ये कवर ऑफर करता है.
देश का चौथा क्रिटिकल सिक्योरिटी लेवल है Y. इसके अंतर्गत 11 मेम्बर्स का क्रू होता है जिसमें एक से दो NSG कमांडो और पुलिस कर्मी होते हैं. साथ ही, इसमें 2 पीसओ आते हैं. देश के कई लोग Y लेवल कैटेगरी से प्रोटेक्शन कवर लेते हैं.
Z के अन्दर 22 मेम्बर का क्रू होता है. इसमें 4 से 5 NSG कमांडो होते हैं, साथ ही पुलिस कर्मी भी. ये देश की तीसरी सबसे हाई लेवल की सिक्योरिटी है. Z लेवल प्रोटेक्शन में ITBP (भारत-तिब्बत बॉर्डर पुलिस), दिल्ली पुलिस और CRPF के जवान बतौर सुरक्षाकर्मी मिलते हैं. साथ में एक एस्कॉर्ट कार भी मिलती है.
वहीं Z प्लस देश का दूसरा क्रिटिकल सिक्योरिटी प्रोटेक्शन लेवल है. इसमें 55 मेम्बर्स का वर्कफोर्स होता है. इसमें 10 से ज्यादा NSG कमांडो और पुलिस कर्मी होते हैं. इनमें हर कमांडो को एक्सपर्ट लेवल की मार्शल आर्ट्स और अनआर्म्ड कॉम्बैट ट्रेनिंग मिली होती है.
ज़ाहिर है, Y से लेकर Z प्लस कैटेगरी वाले प्रोटेक्शन कवर्स हल्की बात तो कतई नहीं. देश के सबसे प्रमुख पद पर रहे व्यक्तियों (पूर्व पीएम) को ये चार कवर दिए जाते हैं. जिनमें अच्छे खासे ट्रेन्ड प्रोफेशनल्स सुरक्षा की ज़िम्मेदारी संभालते हैं.
आज का ज्ञान यहीं तक. उम्मीद करते हैं ज्यादा हैवी ड्यूटी न हुआ हो.
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