7 मई को भारतीय मीडिया में दिन भर ‘ऑपरेशन सिंदूर’ की कार्रवाई से जुड़ी खबरें मीडिया में छाई रहीं. इस बीच देश में खबरों के लिहाज से कुछ और बड़े डेवलपमेंट भी हुए. मसलन रोहित शर्मा का टेस्ट क्रिकेट से संन्यास और जस्टिस यशवंत वर्मा के घर कैश मिलने की जांच के लिए CJI की गठित कमिटी की रिपोर्ट. ये खबरें आपसे छूट ना जाएं. इसलिए एक बार इनका रिकैप कर लेते हैं.
रोहित का संन्यास, जस्टिस वर्मा पर बड़ा अपडेट... वो बड़ी ख़बरें जो कल आप मिस तो नहीं कर गए
7 मई को Operation Sindoor के अलावा कुछ और बड़े डेवलपमेंट हुए. Rohit Sharma ने टेस्ट क्रिकेट से रिटायरमेंट की घोषणा कर दी. और Justice Yashwant Varma के आवास पर नकदी मिलने के आरोपों की जांच पर बड़ी खबर आई.

भारत के स्टार क्रिकेटर रोहित शर्मा ने 7 मई को टेस्ट क्रिकेट को अलविदा कह दिया. उन्होंने अपने इंस्टाग्राम पर स्टोरी डालकर यह जानकारी दी. उन्होंने अपनी टेस्ट कैप की तस्वीर शेयर करते हुए लिखा,
हेलो एवरीवन, मैं बताना चाहूंगा कि मैं टेस्ट क्रिकेट से संन्यास ले रहा हूं. सफेद जर्सी में अपने देश का प्रतिनिधित्व करना मेरे लिए बहुत सम्मान की बात रही. इतने सालों तक आप सबके प्यार और समर्थन के लिए धन्यवाद. मैं वनडे फॉर्मेट में भारत का प्रतिनिधित्व जारी रखूंगा.'
रोहित शर्मा ने पिछले साल टी20 वर्ल्ड कप जीतने के बाद ही इस फॉर्मेट को टाटा बाय-बाय कर दिया था. अब वह केवल वनडे जर्सी में ही इंडियन टीम को रिप्रेजेंट करते दिखेंगे. रोहित शर्मा के रिटायरमेंट अनाउंस करने के कुछ घंटे पहले कुछ देर पहले इंडियन एक्सप्रेस ने खबर ब्रेक की थी कि सेलेक्टर्स आने वाले इंग्लैंड दौरे पर रोहित को कप्तान बनाए रखने के पक्ष में नहीं हैं. और बीसीसीआई उनकी राय से सहमत है. इस खबर के सामने आने के थोड़ी देर बाद रोहित ने रिटायरमेंट की घोषणा कर दी.
रोहित शर्मा ने साल 2013 में वेस्टइंडीज के खिलाफ अपना टेस्ट डेब्यू किया था. अपने टेस्ट करियर में उन्होंने 67 मैच खेले. जिसमें उनके नाम 4,301 रन दर्ज हैं. इस दौरान उनका औसत 40.57 का रहा. रोहित ने टेस्ट में 12 शतक और 18 अर्धशतक लगाए हैं. लिमिटेड ओवर क्रिकेट में रोहित शर्मा का रिकॉर्ड बेहद शानदार है. लेकिन उसकी तुलना में टेस्ट क्रिकेट में उनको उतनी सफलता नहीं मिली.
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जस्टिस यशवंत वर्मा के आवास पर नकदी मिलने के आरोपों की जांच के लिए गठित आंतरिक समिति (in-house committee) ने भारत के चीफ जस्टिस संजीव खन्ना को अपनी रिपोर्ट सौंप दी है. बताया जाता है कि इस रिपोर्ट में कमिटी ने जस्टिस वर्मा को दोषी माना है.
बार एंड बेंच ने सूत्रों के हवाले से बताया कि जस्टिस वर्मा को इस्तीफा देना ही होगा. और यदि वह ऐसा करने से इनकार करते हैं तो उनके खिलाफ महाभियोग चलाने की सिफारिश करते हुए राष्ट्रपति को रिपोर्ट भेजी जाएगी
रिपोर्ट में बताया गया कि प्रक्रिया के मुताबिक CJI ने उनसे पूछताछ की है. और उन्हें खुद से इस्तीफा देने का विकल्प दिया है. अगर वह इस्तीफा दे देते हैं तो अच्छा है. लेकिन अगर वह ऐसा नहीं करते हैं तो उन पर महाभियोग चलाने की सिफारिश की जा सकती है. बार एंड बेंच से जुड़े सूत्रों ने आगे बताया कि सीजेआई संजीव खन्ना ने जस्टिस वर्मा को जवाब देने के लिए 9 मई तक का समय दिया है.
भारत के CJI संजीव खन्ना द्वारा गठित समिति में पंजाब और हरियाणा हाईकोर्ट के चीफ जस्टिस शील नागू, हिमाचल हाईकोर्ट के चीफ जस्टिस जीएस संधावालिया और कर्नाटक हाईकोर्ट की जस्टिस अनु शिवरामन शामिल थीं. इस पैनल ने 25 मार्च को अपनी जांच शुरू की थी. और 4 मई को अपनी रिपोर्ट चीफ जस्टिस संजीव खन्ना को सौंप दी.
क्या था पूरा मामला14 मार्च की शाम को जस्टिस यशवंत वर्मा के दिल्ली स्थित आवास में आग लग गई थी. मौके पर पहुंचे दमकल कर्मियों को कथित तौर पर एक स्टोररूम में काफी मात्रा में जली हुई नकदी मिली. जले हुए नोटों के वीडियो सामने आने के बाद जस्टिस वर्मा पर भ्रष्टाचार के आरोप लगे थे.
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