
कैसे सवाल पूछे गए? रिसर्च करने वालों ने करीब 830 लोगों से बात की. जिन लोगों से सवाल किया गया, वो बड़े मिले-जुले टाइप के थे. प्यार में पड़े जोड़े, समलैंगिक, शादीशुदा, हर किस्म के रिलेशनशिप स्टेटस वाले लोग थे. सिंगल लोग भी थे. उनसे पूछे गए सवालों का नमूना कुछ ऐसा था:
कितना पॉर्न देखते हैं? पॉर्न देखने की आपकी तलब बाकी कामों में कितनी टंगड़ी लगाती है? मतलब, दूसरे काम बिगाड़ती है. पॉर्न देखकर क्या महसूस होता है? सेक्स करते समय संतुष्टि मिलती है? सेक्स करना अच्छा लगता है कि नहीं?
एक टाइप के लोग हैं, जो पॉर्न देखते हैं और खुश रहते हैं और भी सवाल थे. उनको वगैरह वगैरह समझ लीजिए. सारे जवाबों से छांटकर निकले तीन तरह के लोग. मतलब तीन कैटगरी के लोग. इनमें से एक ही कैटगरी के लोगों को हेल्दी माना गया है. इसका नाम है- रिक्रिएशनल व्यूअर्स. बस इसी कैटगरी के लोग अपनी सेक्स लाइफ से खुश पाए गए. अक्सर देखा जाता है कि लंबे समय तक पॉर्न देखने वालों के अंदर सेक्स के प्रति एक किस्म की अनिच्छा पैदा हो जाती है. मगर इस कैटगरी के लोगों में ये चीज भी नहीं थी. कुल मिलाकर सब लोगों की तुलना में बस इसी कैटगरी के लोग सबसे ज्यादा ठीक थे. इमोशनल और सेक्सुअल, दोनों तरह से. इस कैटगरी में ज्यादातर या तो महिलाएं हैं या फिर ऐसे लोग जो रिलेशनशिप में हैं. इनके पॉर्न देखने का औसत निकालें, तो हफ्ते में करीब 24 मिनट बैठेगा.

बाकी दोनों कैटगरी के लोगों का हाल-चाल इसके अलावा जो दो टाइप के लोग थे, उनमें से एक को 'सेक्सुअली कम्पलसिव व्यूअर्स' नाम दिया गया. ये सबसे ज्यादा पॉर्न देखते हैं. ज्यादातर तो अकेले ही बैठकर देखते हैं. इसमें अधिकांश लोग पुरुष हैं. इनको एक किस्म की लत लग जाती है पॉर्न देखने की. बिना पॉर्न देखे ये रह नहीं पाते. इस वजह से कई तरह की परेशानियां भी होती हैं इनको. दूसरी कैटगरी को नाम दिया गया- डिस्ट्रेस्ड नॉन-कम्पलसिव व्यूअर्स. इसमें वैसे लोग आते हैं जो अच्छा महसूस करने के लिए पॉर्न देखते हैं. इनकी जिंदगी में सेक्स की जो कमी होती है, उसको भरने के लिए. ऐसे लोग सेक्स करने पर बहुत संतुष्टि महसूस नहीं करते. इस वजह से वो सेक्स टालते भी हैं. और पॉर्न देखकर वो इसी कमी को भरने की कोशिश करते हैं. औसतन ये लोग हफ्ते में 17 मिनट देखते हैं पॉर्न. बाकी रिसर्च के बारे में एक बात गांठ बांधकर रख लीजिए. किसी भी रिसर्च को आखिरी मत मानिए. ये एक अनवरत चलने वाली क्रिया है. अभी हुई है. फिर आगे भी होगी. नदी और रिसर्च, दोनों का एक सा हाल है. गतिशील.
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