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क्या आपको कभी एक ही महीने में एक से ज्यादा बार पीरियड आ जाते हैं?

पीरियड से जुड़ी समस्या जो छोटी लगती है मगर जीवन बर्बाद कर सकती है.

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एक ही साइकल में एक से अधिक बार पीरियड होने की कई वजहें हो सकती हैं.
जब भी पीरियड आने का वक़्त करीब होता है, लगता है काश हम मर्द ही पैदा हुए होते. ये भी सोचते हैं कि भाई साब ये सब बच्चे-दानी वगैरह की क्या ही जरूरत है. हमें भी बैक्टीरिया की तरह प्रजनन करना चाहिए. खैर, पीरियड न होने का ऑप्शन हमारे पास है नहीं. इसलिए उससे जुडी समस्याएं डिस्कस कर लेते हैं.
क्या आपके साथ भी ऐसा हुआ है कि एक ही महीने में आपको दो बार पीरियड हो गए. माने 15 दिन में? है ना! मेरे साथ भी हुआ है. पहले इग्नोर किया. फिर अल्ट्रासाउंड किया. कोई डरने की बात नहीं थी. हॉर्मोन इधर-उधर हो रखे थे. इलाज हो गया. मगर आप इसे इग्नोर करते रहें तो आप भयानक खतरे में पड़ सकती हैं.
एक ही साइकल में एक से अधिक बार पीरियड होने की कई वजहें हो सकती हैं.
1. जब आप अपनी गर्भनिरोध वाली गोली खाना भूल जाएं
birth control बर्थ कंट्रोल के लिए जो औरतें रात वाली गोलियां लेती हैं, उनका शिड्यूल बिगड़ना आपके हॉर्मोन डिस्टर्ब कर सकता है.
बर्थ कंट्रोल के लिए जो औरतें रात वाली गोलियां लेती हैं, उनका शिड्यूल बिगड़ना आपके हॉर्मोन डिस्टर्ब कर सकता है. ये गोलियां 21-21 दिन लेनी होती हैं. बीच में 7 दिनों का ब्रेक होता है. ये आपकी डॉक्टर आपको बता देती हैं. इन्हें उसी हिसाब से लें. और अगर इसकी वजह से आपको ब्लीडिंग हो रही है, तो इनको फिर से लेना शुरू करने पर आपकी साइकल रेगुलर हो जाएगी.
2. हो सकता है आप प्रेगनेंट हों
pregnant मगर प्रेगनेंट होने के बाद बीच-बीच में ब्लीडिंग होती रहना आम बात है.
हमें लगता है प्रेग्नेंसी का अर्थ है पीरियड का रुक जाना. मगर प्रेगनेंट होने के बाद बीच-बीच में ब्लीडिंग होती रहना आम बात है. खासकर शुरुआत के तीन महीनों में. ये सेक्स या कसरत करने के बाद हो जाता है.
3. बच्चेदानी में ट्यूमर
tumour
अक्सर यूट्रस के अंदर ट्यूमर हो जाते हैं. ये भी हॉर्मोन के लोचे से होता है. इनकी वजह से ब्लीडिंग हो सकती है. ये ब्लीडिंग पीरियड से जुड़ी नहीं होती है. इसलिए किसी भी वक़्त हो सकती है. लेकिन ये परेशानी की बात नहीं है. डॉक्टर के पास जाइए, दवा लीजिए.
4. वजाइना में इन्फेक्शन
infection अगर ये इन्फेक्शन सेक्स की वजह से हुआ हो, तो आपको HIV संक्रमण का खतरा हो सकता है.
वजाइना और यूट्रस तक जाने वाले रास्ते में इन्फेक्शन के कारण ब्लीडिंग हो सकती है. इन्फेक्शन का इलाज तुरंत कराना चाहिए क्योंकि ये आपके अलावा आपके पार्टनर तक सेक्स के ज़रिये पहुंच सकता है. अगर ये इन्फेक्शन सेक्स की वजह से हुआ हो, तो आपको HIV संक्रमण का खतरा हो सकता है.
5. थाइरॉइड
थाइरॉइड घट-बढ़ सकता है. बढ़ने से आप मोटे भी हो जाते हैं. थाइरॉइड घट-बढ़ सकता है. बढ़ने से आप मोटे भी हो जाते हैं.
थाइरॉइड एक तरह का ग्लैंड होता है. माने शरीर में जरूरी रसायन छोड़ने वाला एक हिस्सा. थाइरॉइड घट-बढ़ सकता है. बढ़ने से आप मोटे भी हो जाते हैं. थाइरॉइड को कंट्रोल करने वाले हॉर्मोन दिमाग के जिस हिस्से में बनते हैं, वहीं वो हॉर्मोन भी बनते हैं जो पीरियड और प्रेग्नेंसी को कंट्रोल करते हैं.
6. PCOS
cyst PCOS मतलब पॉलिसिस्टिक ओवेरियन सिंड्रोम.
ये एक ऐसी बीमारी है जिसे डॉक्टर अक्सर औरतों के ऊपर फेंककर मारते हैं. PCOS मतलब पॉलिसिस्टिक ओवेरियन सिंड्रोम. छोटे में समझाएं तो जब आपका ओवुलेशन यानी अंडाशय से अंडा निकलने की प्रक्रिया नहीं होती या लेट होती है, तो आपके हॉर्मोन उलट-पुलट हो जाते हैं. जिसका नतीजा सीधे ब्लीडिंग पर दिखता है.
8. कैंसर के सेल
cervical अंडाशय या सर्विक्स में कैंसर का खतरा रहता है.
ये खतरनाक वाला है. अगर आपके अंडाशय या वजाइना के रास्ते में कैंसर है, तो इससे ब्लीडिंग पर फर्क पड़ता है.
देखिए, वजह कोई भी हो, छोटी हो या बड़ी, तुरंत इलाज करने के ठीक हो जाएगी. और छोड़ दिया तो बात बिगड़ जाएगी. इसलिए असमय होने वाली ब्लीडिंग को इग्नोर न करें.
ये स्टोरी सबसे पहले OddNaari वेबसाइट पर अंग्रेजी में छपी थी.


 
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