The Lallantop

14 साल के लड़के का यौन शोषण करती थी औरत, क्या ये आपको झकझोरता नहीं?

और हां, इसमें लड़के को कोई मज़ा नहीं आता था

post-main-image
सांकेतिक तस्वीर

अमेरिकी स्टेट नॉर्थ कैरोलीना में 20 साल की एक लड़की पर 14 साल के लड़के का रेप करने का आरोप लगा है. कॉलेज में पढ़ने वाली टेलर एश्टन मोसली एक बार में काम करते हुए इस लड़के से मिली थी. उन्हें एक कॉमन दोस्त ने मिलवाया था. पुलिस के मुताबिक दोनों मई से रिलेशनशिप में हैं, लेकिन लड़के की मां की शिकायत के बाद टेलर पर रेप का केस दर्ज किया गया. टेलर ईस्ट कैरोलीना यूनिवर्सिटी की स्टूडेंट है और उसे जमानत के लिए सवा दो लाख डॉलर चुकाने होंगे.

नॉर्थ कैरोलीना सामाजिक रूप से एक रूढ़िवादी स्टेट है, जहां लोग धार्मिक मान्यताओं में बहुत यकीन रखते हैं. यहां 16 साल के बच्चों को माता-पिता की सहमति से शादी की इजाजत है और अगर कोई बच्ची 14 साल की उम्र में प्रेग्नेंट हो गई है, तो उसे भी शादी की इजाजत है.


रेप की आरोपी टेलर रेप की आरोपी टेलर

रेप सुनकर हम बड़े सहज रूप से मान लेते हैं कि किसी पुरुष ने किसी महिला के साथ रेप किया होगा. लेकिन पिछले कुछ महीनों से ऐसे मामलों की रिपोर्टिंग बढ़ी है, जिनमें किसी महिला ने किसी पुरुष का रेप किया हो. इस साल की शुरुआत में नॉर्थ कैरोलीना में ही 25 साल की एक महिला टीचर पर अपने तीन स्टूडेंट्स के साथ जबरन सेक्स करने का मामला सामने आया था. दिल्ली में भी पिछले साल जुलाई में 26 साल की एक महिला पर 17 साल के लड़के का रेप करने का केस दर्ज किया गया था.

एक इंसान के तौर पर हमारा समाज रेप को स्वीकार कर चुका है. रेप अब हमें झकझोरता नहीं है. हमारी सारी चेतना निर्भया कांड के साथ ही चुक गई है. हम रेप को भी 'डेली रूटीन' मान चुके हैं. जैसे नाश्ते के साथ अखबार जरूरी है, वैसे ही अखबार के हर एक पन्ने पर रेप की कम से कम एक खबर जरूरी है. ऐसे में जब हम किसी महिला द्वारा लड़के का रेप करने की खबर पाते हैं, तो उसे 'रेयर' मानकर ऐसे आंखें मूंद लेते हैं, जैसे वो कोई अपराध हो ही न. जबकि किसी महिला का रेप करना उतना ही बुरा, खतरनाक, डरावना और हिंसक है, जितना किसी पुरुष का रेप करना.

man-rapes

रेप टिका ही हिंसा पर है. रेप सेक्स नहीं है. सेक्स कन्सेंट यानी सहमति से होता है, जिसमें दो पार्टनर एक जैसा एन्जॉय करते हैं. लेकिन जब कोई पुरुष किसी महिला का रेप करता है, तो असल में वो अपनी मर्दानगी साबित कर रहा होता है. वो ये मान चुका होता है कि किसी महिला की योनि में अपना लिंग जबरन घुसाकर वो अपनी सत्ता स्थापित कर सकता है. फिर जब एक महिला किसी का रेप करती है, तो उसके पीछे भी वही हिंसक मानसिकता होती है.

किसी लड़के की मर्जी को कुचलकर, उसे बहला-फुसलाकर या उसके साथ जबरन सेक्स करके लड़की भी यही साबित करने की कोशिश कर रही होती है कि वो ज्यादा ताकतवर है. सहमति के साथ सेक्स से कोसों दूर हमने ये मान लिया है कि बिस्तर पर हावी और आक्रामक होना अनिवार्य है और जो ऐसा कर पाएगा, वो ज्यादा ताकतवर माना जाएगा.


Girls Against Boys का एक दृश्य Girls Against Boys का एक दृश्य (सांकेतिक तस्वीर)

विज्ञान कहता है कि प्रकृति के साथ संघर्ष करते-करते बंदरों की जो प्रजाति इंसान बनी, उसकी पूंछ गायब हो गई. पुरुषों के खिलाफ महिलाओं का संघर्ष सदियों पुराना है. अंदाजा लगाना मुश्किल है कि हमेशा मर्दों के अंगूठे के नीचे रहने वाली महिलाओं के अंदर से कितना कुछ गायब हो चुका है. उनका जागना, सोना, खाना, पीना, पूजा करना, परदा करना, सेक्स करना... सब कुछ तो मर्दों के हिसाब से ही होता आया है. लेकिन आज लड़कों के रेप के ये मामले बताते हैं कि हिंसक होने के बाद पुरुष और महिलाएं एक ही पायदान पर खड़े दिखते हैं.

पुरुषों और महिलाओं में से किसी को एक-दूसरे को डॉमिनेट करने की जरूरत नहीं है. अगर मर्द यौन हिंसा कर सकता है, तो इन मामलों से खुद अंदाजा लगा लीजिए कि किसी महिला का डॉमिनेंस कितना गंदा रूप ले सकता है. और इलाज तो खुद ही सबको अपना-अपना ढूंढना पड़ता है.




ये भी पढ़ें:

मिलिए रेप को बढ़ावा देने वाली एक घटिया 'सेक्स डॉल' से

यौन शोषण की ये भयानक कहानी सुनकर अपनों से विश्वास उठने लगता है

आप मर रहे होंगे, तो क्या खून डोनेट करने वाले से पूछेंगे वो किसके साथ सेक्स करते हैं?

'चरित्रहीन' औरतों की पहचान करना सिखाते बेहूदे, भद्दे, घिनहे वीडियो