भारतीय वायु सेना के विंग कमांडर अभिनंदन ने 27 फरवरी, 20219 को अपने मिग-21 से पाकिस्तानी फाइटर जेट F-16 को मार गिराया था. इससे पहले दोनों देशों के फ्लाइंग फाइटर्स के बीच जबर्दस्त डॉग फाइट (हवा में दो विमानों की लड़ाई) हुई थी. सही पोजीशन मिलते ही अभिनंदन ने मिग-21 से कहीं बेहतर फाइटर जेट F-16 को निशाना बनाया था. हालांकि पाकिस्तान ने इस बात को कभी स्वीकार नहीं किया कि पुरानी जनरेशन के मिग विमान से भारतीय पायलट ने उनके सबसे उन्नत F-16 को ढेर कर दिया था. उसने हमेशा यही दावा किया कि उस दिन पाकिस्तानी वायु सेना ने F-16 का इस्तेमाल ही नहीं किया था.
चीन के सबसे एडवांस फाइटर जेट को खरीदने की जुगत में पाकिस्तान, कितना बड़ा सिरदर्द है J-35?
J-35 दो इंजन वाला, मल्टीरोल, ऑल वेदर, माने हर मौसम में उड़ान के काबिल स्टेल्थ एयरक्राफ्ट है. इसके बारे में जितनी जानकारी पब्लिक डोमेन में आई है, उसके अनुसार किसी रडार के लिए J-35 को पकड़ना बहुत ही मुश्किल है. वजह है इसमें इस्तेमाल हुई स्टेल्थ तकनीक.


ये भूमिका यूं बताई कि पाकिस्तान एक अत्याधुनिक फाइटर जेट खरीदने की जुगत में है. खबरें हैं कि पाकिस्तान ने चीन से उसके पांचवीं पीढ़ी के एयरक्राफ्ट J-35 खरीदने की योजना बनाई है. अगर ये डील फाइनल होती है तो भारत के मुकाबले पाकिस्तानी एयरफोर्स को बड़ा बूस्ट मिलेगा, क्योंकि चीन का J-35 तकनीक के लिहाज से भारत के सबसे उन्नत फाइटर जेट राफेल से बेहतर है.
कितना खतरनाक है J-35?J-35 को चीन के Shenyang Aircraft Corporation ने बनाया है. ये दो इंजन वाला, मल्टीरोल, ऑल वेदर, माने हर मौसम में उड़ान के काबिल स्टेल्थ एयरक्राफ्ट है. इसके बारे में जितनी जानकारी पब्लिक डोमेन में आई है, उसके अनुसार किसी रडार के लिए J-35 को पकड़ना बहुत ही मुश्किल है. वजह है इसमें इस्तेमाल हुई स्टेल्थ तकनीक. यूं तो इसकी तुलना दुनिया के सबसे उन्नत फाइटर जेट माने जाने वाले अमेरिकन F-35 से हो रही है, पर असल में इसकी बेहतरी साबित होना अभी बाकी है. क्योंकि इसे अभी तक किसी भी मोर्चे का ऑपरेशनल अनुभव नहीं है.

चीन के पास पहले से एक और स्टेल्थ विमान J-20 मौजूद है. ऐसे में अमेरिका के बाद चीन पहला देश बन गया है जिसके बेड़े में दो स्टेल्थ फाइटर जेट हैं. चीन ने ये विमान सिर्फ अपनी एयरफोर्स नहीं, बल्कि नेवी के लिए भी बनाए हैं.
Dassault राफेलइस विमान को फ्रांस की कंपनी Dassault Aviation ने बनाया है. 4.5 जेनरेशन का राफेल एक अनुभवी लड़ाकू विमान है. 4.5 का मतलब ये 4th और 5th जेनरेशन के बीच का विमान है. फ्रांस की वायु सेना ने इसे अफ़ग़ानिस्तान, लीबिया, इराक, सीरिया और माली जैसे देशों में इस्तेमाल किया है. इसकी अधिकतम रफ्तार 1.8 Mach यानी 2222.64 किलोमीटर प्रति घंटा है. इसमें एक खास हथियार, Meteor मिसाइल को ले जाने की क्षमता है जो एक बियोंड विजुअल रेंज (Beyond Visual Range Missile-BVR Missile) मिसाइल है. यानी अगर टारगेट नजर न आ रहा हो, तो भी BVR Missile 100 किलोमीटर की दूरी से ही उसे मार गिराने में सक्षम है.
बिना हथियारों और ईंधन के राफेल का वजन 10 टन है. पर ये विमान हथियार और ईंधन समेत 24.5 टन के वजन के साथ टेक-ऑफ करने में सक्षम है. ये विमान 50 हजार फुट की ऊंचाई तक उड़ान भरकर अपने मिशन को अंजाम दे सकता है.

अब इन दोनों विमानों को देखें तो तकनीक के मामले में जाहिर तौर पर चीन का J-35 बेहतर है. वजह है उसका राफेल से आगे की पीढ़ी का विमान होना. J-35 पूरी तरह से एक स्टेल्थ विमान है. लेकिन लड़ाई के अनुभव से देखें तो राफेल के पास प्लस पॉइंट है. एक और जरूरी पॉइंट. डॉग फाइट में जीत पूरी तरह तकनीक के भरोसे नहीं होती. इसका नतीजा काफी हद तक पायलट के अपने अनुभव और स्किल पर भी निर्भर करता है. और भारत के लड़ाकू पायलट दुनियाभर में अपना लोहा मनवाते रहे हैं.
भारत की चिंताभारत का पड़ोसी चीन स्टेल्थ तकनीक विकसित कर चुका है. भारत भी इसमें लगा हुआ है. फिलहाल यहां ये तकनीक डेवलपिंग स्टेज में है. भारत में बन रहे स्टेल्थ फाइटर जेट को AMCA प्रोजेक्ट के तहत बनाया जा रहा है, यानी Advance Medium Combat Aircraft (AMCA) नाम दिया गया है. ये एक सिंगल सीटर, दो इंजन वाला विमान होगा. इस प्रोजेक्ट की फर्स्ट फ्लाइट 2027-28 तक होने की उम्मीद है.
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