राजीव गांधी का पारसी कनेक्शन और नेहरू को फिरोज का इनकार
क्या आपको राजीव गांधी का पूरा नाम पता है. इस नाम की अपनी एक कहानी है. जानिए आज उनकी बर्थ एनिवर्सरी पर.
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फोटो - thelallantop
क्या आपको देश के सबसे यंग पीएम राजीव गांधी का पूरा नाम पता है. इस नाम की अपनी एक कहानी है. बेहद रोचक. आज राजीव का बर्थडे है. 20 अगस्त. तो इस मौके पर सुनिए ये वाकया. एक सिलसिला. जिसकी शुरुआत हुई फरवरी 1945 में. फिरोज और इंदिरा का बड़ा बेटा राजीव अब तक छह महीने का हो गया था. मगर उसके नाना जवाहर लाल नेहरू ने नाती की शक्ल नहीं देखी थी. क्योंकि नेहरू भारत छोड़ो आंदोलन के चलते जेल में बंद थे. खतों में बात हुई थी. उसी क्रम में तस्वीर भी देखी थी. फिरोज ने नाना को नाती दिखाने की एक जुगत निकाली. उन्हें पता चला कि नेहरू को एक जेल से दूसरी जेल शिफ्ट किया जा रहा है. इस दौरान एक रात उन्हें इलाहाबाद के पास की नैनी जेल में भी रखा जाएगा. सहायकों संग फिरोज और इंदिरा पहुंच गए नैनी के गेट पर. रात में वैन आई. नेहरू उतरे. सड़क के इस तरफ ये सब खड़े थे. इंदिरा चिल्लाईं- पापू. नेहरू ने नजर घुमाई. लैंप पोस्ट के नीचे उनकी बेटी खड़ी थी. हाथ ऊंचा किए. और उस पर टिका था नाती राजीव. फिर चिट्ठी पतरी शुरू हुई नाम को लेकर. फिरोज इंदिरा ने शॉर्ट लिस्ट किए सब नाम भेजे. नेहरू ने चुना राजीव. यानी कमल. राजीव की नानी का नाम कमला था. नेहरू को लगा कि पत्नी की याद ऐसे ही याद रहे. कमला आठ साल पहले टीबी के चलते गुजर गईं थीं.
फिर नेहरू ने राजीव के नाम के साथ जोड़ा रत्न. रत्न यानी जवाहर. नाना का नाम. पंडित जी यहीं नहीं रुके. उन्हें फारसी जबान का बहुत चस्का था. तो उन्होंने एक रोज इंदिरा को खत लिखा. क्यों न हम राजीव रत्न के नाम में एक फारसी शब्द भी जोड़ दें. और ये शब्द था बिरजिस. बिरजिस यानी जुपिटर. देवताओं के ईश्वर के लिए फारसी भाषा का शब्द. हमारे यहां बृहस्पति. देवताओं के गुरु का नाम. इसे भी मान लिया गया. हालांकि ध्यान रखें कि इसका फिरोज के पारसी होने से कोई ताल्लुक नहीं था.
इसके बाद नेहरू ने बच्चे के मम्मी-पापा को लिखा. राजीव के नाम में नेहरू भी होना चाहिए. अब दामाद जी अड़ गए. फिरोज ने सिरे से इनकार कर दिया. तो आखिरी में नाम तय हुआ. राजीव रत्न बिरजिस गांधी. इस बच्चे को दुनिया ने जाना. क्योंकि अपनी मां की हत्या के बाद वह देश का सबसे बड़ा जनादेश लेकर प्रधानमंत्री बना. साल 1984 में. उसके बाद गांधी परिवार से कोई पीएम नहीं बना. हां, दस साल, 2004 से 2014 तक, सत्ता का रिमोट जरूर राजीव की विधवा सोनिया के हाथ रहा. https://www.youtube.com/watch?v=HYHfQhRWf_s
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