'क़िस्सों की गड्डी, बकैती का गड्डा
लौट आया है लल्लनटॉप अड्डा'
दिल्ली के मेजर ध्यानचंद स्टेडियम में सज रहा है लल्लनटॉप अड्डा; 18, 19 और 20 नवंबर!
रहिना है मितरो!
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ये शेर बहर से ख़ारिज हो सकता है, क्रिएटिविटी से नहीं. जानकारी की जानकारी, फ़ील का फ़ील. यानी फ़ुल लल्लनटॉप. ऐसी ही मज़ेदार और मानीख़ेज़ महफ़िल सज रही है. कहां? मेजर ध्यानचंद नैशनल स्टेडियम, नई दिल्ली में. 18, 19 और 20 नवंबर को. तो जैसा हमारे वीडियो हेड सौरभ त्रिपाठी कहते हैं, 'रहिना है मितरो!'
रजिस्ट्रेशन बिलकुल मुफ़्त मुफ़्त मुफ़्त! बहुत आसान प्रोसेस है. लल्लनटॉप ऐप पर जाइए. ऊपर ही रजिस्ट्रेशन का ऑप्शन आएगा. उस पर क्लिक करें. दो-एक बुनियादी जानकारी दें और काम पैंतिस.

कोरोना की वजह से हर साल होने वाली ये महफ़िल मुल्तवी थी, जैसे ये दुनिया. दुनिया के पहिए ने रफ़्तार पकड़ी, तो अड्डा भी आ गया है वापस. वीकेंड है, आप भी शिरकत करें. मौज काटी जाएगी. आपकी पसंदीदा हस्तियां और कलाकार तो आ ही रहे हैं. और, हस्तियों में भी भरसक विविधता है भाईसा'ब — कमेडियन, सिंगर, लेखक, कॉन्टेंट क्रिएटर, नेता, कवि. सब लल्लनटॉपियों का ही है अड्डा. बाक़ी नवंबर का महीना और सुस्त सी ठंड के साथ आपके सबसे फ़ेवरिट ऐंकर और राइटर तो होंगे ही. कभी स्टेज के ऊपर, कभी नीचे. हाल-ख़बर सुनाइएगा. कोई सुझाव या शिकायत हो, तो वो भी बताइएगा.
आपके पसंद किए शोज़ का लाइव प्रसारण होगा. जैसे, नेता नगरी और किताबवाला. तो अगर आप नेता नगरी में टिप्पणी करना चाहें, या एक्सपर्ट्स से अपने हिस्से के सवाल पूछना चाहें, तो उसके भी इंतज़ाम हैं. इंतज़ाम खान-पान का भी है. लज़ीज़ खाने की ढेर सारी ठेलियां होंगी.

वैसे, हमारे न्यूज़ हेड सिद्धांत मोहन और सोशल मीडिया हेड आशीष मिश्रा ने एक सरप्राइज ऐक्ट तैयार किया है. उनके और हमारे, दोनों के लिए सरप्राइज. इसको आप मुख्य-आकर्षण मानें या नहीं, आप पर है.
चलते-चलते.. किसी महान सामाजिक दर्शन में लिखा था, न्योते में भरपूर प्रेम और उत्साह की ख़ुशबू आनी चाहिए. न भी लिखा होता, तो सत्य ही मालूम होता है. इसलिए कह रहे हैं, लल्लनटॉप अड्डे पर ज़ुलूल ज़ुलूल से आना!
वीडियो- कानपुर में जमा लल्लनटॉप अड्डा तो निकली ऐसी कहानियां जो दिल खुश कर देंगी