~ : कृष्णा राज कपूर (30 दिसंबर 1930 - 1 अक्टूबर 2018) : ~
कृष्णा राज कपूर की 26 बातेंः रणबीर कपूर ने बताया, वे कैसे सबको हंसाती थीं?
राज कपूर ने पत्नी कृष्णा और प्रेमिका नरगिस के बारे में क्या कहा था जो किसी को नहीं पता.

राज कपूर और कृष्णा अपनी पहली दो संतानों रणधीर और रितु के साथ; काफी बाद के एक मौके में आरके स्टूडियो में हवन के दौरान ये दंपत्ति; और हाल के दिनों में कृष्णा अपने सबसे नामी पोते रणबीर कपूर के साथ. (फोटोः इंस्टाग्राम/सीगा आर्ट्स)
//1. उनका नाम कृष्णा मल्होत्रा था. उनके पिता रीवा (मध्य प्रदेश) में आईजी थे. नाम था करतारनाथ मल्होत्रा. 2. उनका परिवार पेशावर में करीमपुरा घंटाघर के पास रहता था और वहां से रीवा आया था. करतार की पोस्टिंग रीवा में हुई थी. 1944-46 में कृष्णा रीवा में रहीं. यहां के सुदर्शन कुमारी स्कूल में उन्होंने 9-10वीं की पढ़ाई की. 3. कृष्णा के कुल 13 भाई-बहन थे. उनके पिता ने तीन शादियां की थी. दूसरी पत्नी से उनको तीन बच्चे हुए - प्रेमनाथ जो हिंदी फिल्मों के जाने-माने विलेन बने; राजेंद्रनाथ जो जाने-माने कॉमेडियन हुए; और तीसरी कृष्णा थीं. उनके दोनों भाई बाद में राज कपूर के प्रोडक्शन की कई फिल्मों में साथ नजर आए. 4. जब कृष्णा ने 10वीं के एग्ज़ाम दिए तब उनकी शादी कर दी गई. तब वे 16 साल की थीं. और उनके होने वाली पति राज कपूर उनसे छह साल बड़े. विवाह 12 मई 1946 को हुआ. रीवा में उनके पिता के सरकारी बंगले में बारात आई. शादी के बाद कृष्णा के मैट्रिक के रिज़ल्ट आए और वे डिस्टिंक्शन से पास हुई थीं. 5. हिंदी फिल्मों के डरावने विलेन और एक्टर प्रेम चोपड़ा कृष्णा के बहनोई लगते हैं. उनकी छोटी बहन उमा की शादी प्रेम से हुई थी. उमा करतारनाथ की तीसरी पत्नी से हुई बहन थीं. ये शादी कृष्णा ने ही करवाई थी. उन्होंने ही पति राज कपूर को, प्रेम चोपड़ा के पास भेजा था, उमा से शादी करने का प्रस्ताव लेकर. उन्हें मनाया कि क्यों उमा उनके लिए सबसे सुयोग्य लड़की थीं. प्रेम चोपड़ा आज भी इसे याद करते हैं. 6. राज और कृष्णा की मुलाकात कैसे हुई उसके पीछे भी किस्सा है. पृथ्वीराज कपूर नहीं चाहते थे कि उनका बेटा फिल्मी और निजी जिंदगी को मिक्स करे. वे राज कपूर की अरेंज मैरिज करना चाहते थे, किसी पारंपरिक लड़की के साथ. उन्होंने प्रेमनाथ के साथ राज कपूर को रीवा घूमने भेज दिया. प्रेम के पिता करतारनाथ, राज के पिता पृथ्वीराज के ममेरे भाई लगते थे और रीवा में थियेटर करते हुए उनका परिचय दोबारा गाढ़ा हो चुका था. राज ने जब रीवा में आईजी के बंगले में प्रवेश किया तो वे उस ओर बढ़ चले जहां से म्यूजिक सुनाई दे रहा था. वहां खिड़की के अंदर से उनकी नज़रें कमरे में गईं और ठिठक गई. अंदर एक लड़की सफेद साड़ी में, बालों में मोगरे के फूल लगाए सितार बजा रही थी. वे कृष्णा मल्होत्रा थीं और म्यूज़िक के लेसन ले रही थीं. राज अंदर गए. कृष्णा से शुरुआती परिचय हुआ. राज कपूर ने फिर अपने सम्मोहक अंदाज में वहां तबले पर संगत देकर बातें कीं. कृष्णा का वो शुरुआती विजुअल राज कपूर के मन में अटक गया. फिर उनकी शादी हुई. शादी के बाद भी कृष्णा अधिकतर सफेद साड़ियां पहनती थीं और बालों में मोगरा लगाती थीं. खास इसलिए क्योंकि राज कपूर को ये पसंद था. 7. जब इन दोनों की शादी हुई तो बताया जाता है कि उस दौर की एक बड़ी मैगज़ीन ने लिखा था कि - "अपने दूर के रिश्ते की बहन (कज़िन) से शादी करके राज कपूर ने अपना करियर खत्म कर लिया है." 8. शादी के नौ महीने बाद 15 फरवरी 1947 को कृष्णा-राज के पहले बच्चे का जन्म हुआ. नाम रखा गया - रणधीर कपूर. बाद में रितु, ऋषि, रीमा और राजीव का जन्म हुआ. इन पांचों बच्चों और उनके भी बच्चों ने कृष्णा और राज कपूर के कुनबे को आगे बढ़ाया. खासकर फिल्मों में. इनके तीनों ही बेटे हिंदी फिल्मों में एक्टर बने. रणधीर ने एक्ट्रेस बबीता से शादी की और उनके करिश्मा व करीना दो बेटियां हुईं. ऋषि कपूर ने एक्ट्रेस नीतू कपूर से शादी की और उनके बेटे रणबीर आज बड़ी ब्रांड वैल्यू वाले स्टार एक्टर हैं. रितु के बेटे की शादी अमिताभ बच्चन की बेटी श्वेता से हुई. और रीमा के बेटे अरमान जैन ने 2015 में हिंदी फिल्मों में डेब्यू (लेकर हम दीवाना दिल) किया था. 9. कृष्णा शांत और रिज़र्व स्वभाव की थीं. लेकिन वे हंसी-मज़ाक भी करती थीं. राज उनसे काफी ठिठोली करते थे. शादी के बाद वे उनको प्यार से बिल्लो कहकर बुलाते थे. बाद के जब बच्चे बड़े होने लगे तो वे उनको कृष्णाजी कहने लगे. 10. वे एक रईस परिवार में पली थीं जहां उन्हें कोई काम करने की जरूरत नहीं पड़ती थी. अंडा उबालना भी बमुश्किल आता था. खाना बनाना नहीं आता था. शादी करके कपूर खानदान में आईं तो राज कपूर उन्हें छेड़ते हुए कहते थे - "ये तो मेरी मैरी एंटुवोनेट है (वो फ्रेंच रानी जिसने जब ब्रेड खत्म हो गई तो लोगों से केक खाने के लिए कहा)." लेकिन बाद में कृष्णा ने खुद को तब्दील किया. वे घर की परफेक्ट होस्ट बनीं, जैसी उस खाने-पीने और दावतों के दीवाने परिवार को चाहिए थी. उन्होंने पाये से लेकर यखणी पुलाव और जंगली मटन सब बनाना सीखा. क्योंकि राज कपूर घर में घुसते थे तो सबसे पहले किचन में ही जाते थे ये देखने के लिए कि क्या बन रहा है. 11. उनकी बेटी रीमा ने फिल्मफेयर मैगज़ीन को दिए एक इंटरव्यू में अपने मां-पिता के बारे में बताया था - "चाहे कुछ भी लिखा और बोला गया हो, पापा मॉम को बहुत ज्यादा प्यार करते थे. सच्चाई तो ये है कि वो पूरी जिदंगी मॉम के दीवाने रहे. उन्होंने भले ही इसे वैसे अभिव्यक्त नहीं किया जैसे मॉम ने चाहा हो. लेकिन राज कपूर ने जो भी किया वो लौटकर घर आए. उनका प्यार मॉम के लिए बेइंतहा था. वो उनके पैर भी दबाते थे और हंसाते हुए कहते थे - 'राज कपूर का क्या हाल बना दिया! मेरी बीवी मुझे पैर दबाने में लगा रही है. घर की मुर्गी दाल बराबर!' वो नए साल का जलसा हर साल रखते ही इसलिए थे क्योंकि वो मॉम के जन्मदिन पर पड़ता था." राज कपूर जो भी पार्टियां देते थे उसमें सारी व्यवस्था कृष्णा ही देखती थीं. चाहे वो होली की पार्टी आरके स्टूडियो में हो, राज कपूर की बर्थडे पार्टी दिसंबर में हो या कुछ और, वे खुद कहते थे - "मैं तो बस इनवाइट करता हूं, करती सब मेरी बीवी है." 12. जब कृष्णा शादी करके आई थीं तो शुरू में वे और राज कपूर चेंबूर में एक किराए के घर में रहते थे. घर में आर्थिक सहारा देने के लिए वो साड़ियों पर एम्ब्रॉयडरी का काम करती थीं. बताया जाता है कि राज कपूर अपनी फिल्म 'बरसात' (1949) बना सकें इसके लिए कृष्णा ने अपने गहने बेच दिए थे. 13. अपनी फिल्मों के सीन दिखाकर वे कृष्णा से राय भी मांगते थे. जैसे उन्होंने 'राम तेरी गंगा मैली' का क्लाइमैक्स उन्हें दिखाया था. उसमें गंगा (मंदाकिनी) मर जाती है. इसे देख कृष्णा ने कहा था - "गंगा मर गई, पिक्चर फ्लॉप!" राज कपूर ने फिल्म की दो एंडिंग शूट कर रखी थीं. उन्होंने फिर दूसरी वाली कृष्णा को दिखाई जिसमें गंगा जीवित रहती है. राज कपूर कृष्णा के ऐसे फीडबैक पर मज़ाक में चिढ़ते हुए कहते थे - "अब कृष्णाजी, राज कपूर को सिखाएंगी फिल्में बनाना!" 14. कृष्णा कपूर एक आम महिला जैसी थीं. वे प्रतिक्रियाहीन, मूक महिला नहीं थीं. राज कपूर को भी लाइन में लाना उनको आता था. कई बार वो ड्रिंक ज्यादा कर लेते थे तो वे टोकती थीं. एक बार उनकी लड़ाई हो गई तो कृष्णा ने बोतल उठाकर बरामदे में फेंक दी. बोतल टूटी नहीं और लुढ़कती लुढ़कती आगे जाकर खड़ी हो गई. इस पर कृष्णा जोर से हंसने लगीं. राज कपूर अपनी बोतल फेंके जाने से गुस्सा थे, बोले - "मूर्ख औरत! समझती है कि ये (शराब) मुझे छोड़ देगी, मगर ऐसा नहीं होगा." 15. उन्होंने पूरी जिंदगी राज कपूर को संभाला. उनकी फिल्मी सनक बर्दाश्त की. उनके अफेयर्स के बीच अपने घर को संभाले रखा. बच्चों के लिए मां के अलावा पिता की भूमिका भी कृष्णा ने ही अदा की क्योंकि राज कपूर अपने काम में डूबे रहते थे. आज अगर कपूर परिवार के बच्चों और नाती-पोतों को इतना शिक्षित और पॉलिश्ड देखा जाता है तो वो कृष्णा कपूर की वजह से ही. ये कृष्णा ही थीं जिन्होंने अपने बच्चों को बेस्ट स्कूलों में दाखिल करवाया. साउथ बॉम्बे की जो पॉलिश ऋषि, रितु, रणधीर पर चढ़ी वो कृष्णा की वजह से ही. राज कपूर की फिल्में फ्लॉप हुईं और लोगों ने उनको खत्म मान लिया तो कृष्णा सपोर्ट बनकर मौजूद थीं. जब राज कपूर आखिरी वर्षों में बीमार रहने लगे तो हर क्षण उनके पास मौजूद रहीं. 16. ऋषि कपूर ने अपनी आत्मकथा में लिखा - "वो (राज कपूर) प्यार में पड़े हुए आदमी थे. दुर्भाग्य से मेरी मां के अलावा किसी और महिला से. उनकी गर्लफ्रेंड उस टाइम की कुछ बड़ी हिट फिल्मों की हीरोइन थीं जैसे आग (1948), बरसात (1949) और आवारा (1951)." इस प्यार की शुरुआत 'अंदाज़' फिल्म के सेट से शुरू हुई थी. जब नरगिस पहले से ही बड़ी हिट फिल्मों की स्टार थीं. बहुत बरसों तक दोनों का संबंध रहा. 17. नरगिस राज कपूर से शादी करना चाहती थीं, वो भी तब जब उन्हें पता था कि वे विवाहित हैं और वे कृष्णा को भी जानती थीं. लेकिन नरगिस को उम्मीद थी कि उन दोनों की शादी होगी. लेकिन जब नरगिस को यकीन हो गया कि वे अपनी पत्नी को उनके लिए नहीं छोड़ने वाले तो उन्होंने भी आरके स्टूडियो के बाहर समानांतर काम ढूंढ़ना और फिल्में साइन करनी शुरू कीं. 1956 में रिलीज हुई 'चोरी चोरी' उन दोनों की साथ में आखिरी फिल्म थी. नरगिस से अलग होने वाले फेज़ में राज कपूर बहुत शराब पीने लगे. नरगिस जब सुनील दत्त से शादी करने वाली थीं तब भी राज की हालत और खराब हो गई. बताया जाता है कि एक इंटरव्यू में कृष्णा ने कहा था कि - "एक के बाद एक, हर रात वो (राज कपूर) शराब पीकर आते थे और बाथटब में बैठकर रोते थे." 18. कहा जाता है कि एक पार्टी में जब नरगिस कृष्णा से मिलीं तो उन्हें कहा कि उनकी जिंदगी में जितने तूफान आए हैं उनके लिए वो ही जिम्मेदार हैं जिस पर कृष्णा ने उन्हें माफ करते हुए कहा था कि - "अगर मैं नहीं होती तो मेरी जगह कोई और होती." 19. बाद में राज कपूर का अफेयर वैजयंतीमाला के साथ हुआ. कृष्णा इससे बहुत नाराज हुईं. इतनी कि कई बार घर छोड़कर चली गईं. एक बार ऐसा तब हुआ जब राज कपूर वैजयंतीमाला के साथ 'संगम' की शूटिंग कर रहे थे. वे बच्चों को लेकर चली गईं. ऋषि कपूर ने अपनी आत्मकथा में इस बारे में लिखा - "मुझे याद है हम (बच्चे) लोग मॉम के साथ मरीन ड्राइव पर बने नटराज होटल में चले गए. तब पापा का वैजयंतीमाला के साथ चल रहा था. होटल से बाद, हम दो महीने के लिए चित्रकूट में एक दूसरे अपार्टमेंट में रहने लगे. पापा ने वो अपार्टमेंट मां और हमारे लिए खरीदा था. बाद में उन्होंने मां को वापस अपने पास बुलाने के लिए जो संभव था सब किया लेकिन मां तब तक टिकी रहीं जब तक उन्होंने (राज कपूर) अपनी जिदंगी के उस (वैजयंतीमाला) अध्याय को बंद नहीं कर दिया था." राज कपूर रोज उनके पास जाते थे और दरवाजा खटखटाते थे. लेकिन कृष्णा नहीं खोलती थीं. बाद में इनकम टैक्स का कोई मसला हो गया तब जाकर वे घर लौटीं. 20. राज कपूर ने एक इंटरव्यू में अपने अफेयर्स और अपनी पत्नी के साथ अपने रिश्ते को लेकर पहली बार अपनी राय रखी थी. उन्होंने कहा, "शुरू से ही मेरे लिए एक बहुत स्पष्ट तथ्य था कि मेरी पत्नी मेरी एक्ट्रेस नहीं है और मेरी एक्ट्रेस मेरी वाइफ नहीं हैं. वाइफ से मेरा मतलब है, मेरे बच्चों की मां. मेरी घर की लाइफ अलग थी. कृष्णा मेरे बच्चों की मां थी और यहां मेरी एक्ट्रेस (नरगिस) थी जिसे मेरी फिल्मों की क्रिएटिविटी में योगदान देने की खुशी थी. तो मैंने न तो अपनी वाइफ को अपनी एक्ट्रेस बनाने की कोशिश की, न ही अपनी एक्ट्रेस को अपनी वाइफ. ये एक सम्मान बचाने का एक ऐसा संतुलन था कि हम लोग (नरगिस-राज) वर्षों तक साथ काम करते रहे, उसी इंटेंसिटी से. क्योंकि किसी का भी दर्जा दूसरा (पत्नी और प्रेमिका) नहीं था. आपकी जो भूमिका है, वहां आप सर्वोच्च हैं. और फिर एक हिस्सा था जहां सबने स्थिति को समझा और किसी को चीट नहीं किया. मेरे बच्चों की मां कभी मेरी एक्ट्रेस नहीं होनी थी, इसलिए उसे कभी नहीं लगा कि उसके साथ धोखा हुआ है. या मैंने वैसे नहीं महसूस किया. और इसी तरह जो एक्ट्रेस मेरे पास आई तो मेरी एक्ट्रेस की तरह, मेरे बच्चों की मां की तरह नहीं." 21. उन्होंने ये भी कहा, "कृष्णा को बहुत गर्व है कि वो राज कपूर की पत्नी है जो कि एक प्रोड्यूसर, डायरेक्टर और एक्टर है. क्योंकि अपने पति के साथ वो सिर्फ यही प्रतिष्ठा/glory नहीं साझा करती, बल्कि वो एक दूसरी महान प्रतिष्ठा ये भी शेयर करती है कि वो हमारे बच्चों की मां है और उनको बड़ा किया, उनकी शादियां की, उन्हें संभाला." 22. राज कपूर ने कृष्णा को शादी के बाद भी बहुत सारे ख़त लिखे थे. वो ऐसे प्राइवेट लेटर्स थे जो शायद उनके बच्चों ने भी नहीं पढ़े थे. सबसे अधिक इंटेंस और पैशन से भरे पत्र उन्होंने कृष्णा को तब लिखे थे जब उनका अफेयर नरगिस के साथ चल रहा था. 23. कृष्णा के बारे में राज कपूर ख़ूब बातें करते थे. 'मेरा नाम जोकर' फिल्म में उनकी एक्ट्रेस सिमी ग्रेवाल ने राज कपूर के साथ कुछ लंबी बातें की थीं. उसमें उन्होंने बताया कि कृष्णा उनकी जिंदगी में कितनी सारी खुशियां लेकर आई हैं. वो उनकी जिंदगी का सहारा हैं. वो उनके लिए बहुत गहरा प्यार महसूस करते हैं और उनके बहुत अधिक अहसानमंद हैं. जब सिमी ने पूछा कि क्या आपने कभी कृष्णा को ये सब बताया है? तो राज कपूर ने कहा, "नहीं, नहीं! इससे तो उसको पावर मिल जाएगी ना. मुझ पे बहुत रौब जमाएगी!" मज़ाक के उलट उन्होंने गंभीर होकर कहा - "जब मैं मर रहा होऊंगा तो अपनी आखिरी घड़ी में मैं उसे सबकुछ कह दूंगा. वादा रहा!" 24. लेकिन जब 2 जून 1988 को राज कपूर का निधन हुआ तो वे कृष्णा से कुछ खास शायद नहीं कह पाए. वे उनके पास ही थीं. 30 अप्रैल को वे बंबई से दिल्ली के लिए रवाना हुए. 2 मई को उन्हें राष्ट्रपति के हाथों दादा साहेब फाल्के पुरस्कार दिया जाना था जो हिंदी सिनेमा का सबसे ऊंचा पुरस्कार है. दिल्ली में उन दिनों धूल भरी आंधियां चल रही थीं. प्लेन का गेट खुलते ही राज कपूर को दिक्कत होनी शुरू हो गई क्योंकि उन्हें अस्थमा था. उन्हें ऑक्सीजन सिलेंडर लगाया गया. अवॉर्ड सेरेमनी में कृष्णा उनको पकड़े हुए थीं. वे बार-बार कृष्णा का हाथ दबाकर बता रहे थे कि कितनी तकलीफ में हैं. जब अवॉर्ड देने के लिए राज कपूर का नाम पुकारा गया तो वे खड़े नहीं हो सके. राष्ट्रपति वेंकटरमन ने ये देखा तो उनके पास चलकर आए और अवॉर्ड दिया. बाद में राष्ट्रपति ने अपनी एंबुलेंस में राज को एम्स भेजा. वहां उनको वेंटीलेटर पर रखा गया. करीब एक महीना वे अस्पताल में रहे. कृष्णा के अलावा पूरा परिवार उनके साथ था लेकिन वे नहीं बचे. उनकी देह को पैसेंजर सीट पर बैठाकर लाया गया, शोमैन की तरह. कृष्णा तब भी उनके साथ थीं. 25. राज कपूर की पत्नी होने के अलावा उन्होंने जिस दूसरे रोल में पूरी जिंदगी लगा दी वो थी अपने परिवार की देखरेख. बच्चों की पढ़ाई, शादियां, उनके करियर की टेंशन के बाद जब वे रिटायर हो गईं तो अपने नाती-पोतों की चहेती थीं. घर की सेंट्रल फिगर. पूरे कपूर कुनबे की धुरी उनके इर्द-गिर्द ही घूमती थी. कृष्णा अपने चैंबूर वाले बंगले में रहती थीं, जहां बेटे राजीव और रणधीर कपूर उनके साथ रहते थे. ऋषि कपूर भी. उनके नाती-पोते छुट्टियों में या अन्यथा उनसे मिलने आया करते थे. वे सबको घी खिला-खिलाकर मोटा करती थीं. उनके नाती अरमान जैन (रीमा के बेटे) ने बताया था कि कृष्णा मेकअप लगाने में 45 मिनट लगाती थीं. इस दौरान मज़ाक करते हुए अरमान से कहती थीं, "बहुत से पुरुष मुझे देखने आने वाले हैं." उनके सेंस ऑफ ह्यूमर का एक और ऐसा किस्सा अरमान ने बताया था. एक वे क्रूज़ पर छुट्टियां मनाने गए हुए थे और कुछ मैनिक्विन यानी पुतलों से टकरा गए. कृष्णा राज ने पुतले की तरफ देखा और हंसाते हुए बोला, "ये पहला आदमी है जो मुझ पर गिरा है." 26. पोते रणबीर कपूर ने अपने एक इंटरव्यू में कहा था - "अब तक मैं अगर सबसे ज्यादा like-minded / एक जैसी सोच वाले किसी इंसान से मिला हूं तो वो मेरी दादी हैं. वे 87 साल की हैं और उनके साथ टाइम बिताना, मेरी जिंदगी की बातें करना, उनकी जिंदगी की बातें करना, फिल्मों, लोगों और खाने के बारे में बातें करना ये सब अमेज़िंग रहा है. मैं जब बड़ा हो रहा था तब भी उनके काफी करीब था और अब उनके साथ रह रहा हूं, टाइम बिता रहा हूं तो ये मेरी जिंदगी के सबसे समृद्ध दिनों में से हैं." कृष्णा कितनी हंसोड़ थीं इसके बारे में रणबीर ने बताया था - "मेरी दादी एकदम सीधा चेहरा बनाकर ऐसी फनी बातें कहती थीं कि यकीन नहीं होता था. घर में किसी बड़े गंभीर फंक्शन में खड़ी होंगी और मेहमानों को रवाना कर रही होंगी और अपने मुंह के एक कोने से इतनी हंसाने वाली बातें बड़बड़ा रही होंगी." रणबीर ने याद किया था कि एक बार सब डिज़्नीलैंड जा रहे थे लेकिन कृष्णा ने कहा कि उनका मन नहीं है. फिर बड़े बेमन से वे वहां गईं. लेकिन उसके बाद वहां सबसे ज्यादा बार राइड उन्होंने ही लीं.