कैसा होता है ये बीफ?
भैंस का मांस, गोमांस से कम सॉफ्ट होता है. इसलिए सस्ता भी होता है और एक्सपोर्ट आसानी से हो जाता है. लेकिन ये एक्सपोर्ट किया हुआ बीफ सीधे मार्केट में बिकने नहीं जाता. चूंकि ये सॉफ्ट नहीं होता, इसलिए ये सबसे पहले मीट कंपनियों के पास पहुंचता है. वहां इससे हड्डियां अलग करके इसे प्रोसेस किया जाता है. फिर टिन के डब्बों में पैक कर इसे फ्रोजेन फ़ूड की तरह बेचा जाता है. इंडिया कच्चा बीफ सप्लाई करता है, जबकि ब्राज़ील फ्रोजेन बीफ सप्लाई करता है, जिससे ब्राज़ील की कमाई इंडिया के मुकाबले दोगुनी हो जाती है.इंडिया का बीफ कहां जाता है?
इंडिया का अधिकतर बीफ एशिया में ही रहता है. यहां से लगभग 11 एशियन देशों में बीफ की सप्लाई होती है. बाकी इक्के-दुक्के देश अफ्रीका में हैं. रूस भी इंडिया से बीफ खरीदने वालों में से है.कौन सा देश खरीदता है सबसे ज्यादा बीफ
इंडिया से एक्सपोर्ट होने वाला बीफ सबसे ज्यादा वियतनाम में बिकता है. उसके बाद मलेशिया, इजिप्ट, सऊदी अरब और इराक. लेकिन एक बात मज़ेदार है. वियतनाम में जाने वाले सारा बीफ वियतनाम नहीं खाता है. आधा बीफ वहां से चीन भेज दिया जाता है.चीन हमसे सीधे नहीं खरीदता बीफ
चीन ऑन-पेपर हमसे बीफ नहीं खरीदता, लेकिन वियतनाम को बिचौलिया बनाकर लेता है. विएतनाम के 'हैफोंग' से, जो कि समंदर किनारे बसा हुआ है, वहां से छोटी कश्तियों में बीफ की तस्करी चलती है. पेट जो न करवाए.और हां, पिछले कुछ सालों में इंडिया से एक्सपोर्ट होने वाला बीफ और उससे होने वाली कमाई, दोनों ही तिगुने हो गए हैं. इतना ही नहीं, बीफ इंडिया से एक्सपोर्ट होने वाले 'ऐग्री' प्रोडक्ट्स में से टॉप पर है. यानी हम खाने की जो चीज सबसे ज्यादा विदेश में बेचते हैं, वो बीफ है. दूसरे नंबर पर है बासमती चावल.मतलब हमारे यहां से गोश्त और चावल खरीदकर पूरा एशिया बिरयानी बना रहा है. क्या समझे?
ये भी पढ़ें:
इनटॉलरेंस दोतरफा है: बीफ के खिलाफ बोला, मौलाना जी की छिनी कुर्सी