The Lallantop

समुद्र को सागर क्यों कहते हैं?

इसके पीछे एक कहानी है. किस्सा जो पुराण में लिखा है.

post-main-image
Image: Reuters
क्या आप जानते हैं कि समुद्र को सागर क्यों कहा जाता है? यह नाम राजा बाहु के भौकाली बेटे सगर के नाम पर पड़ा है. हुआ यूं कि राजा सगर ने अपने प्रताप से पृथ्वी को जीता और फिर अश्वमेध यज्ञ के लिए घोड़ा छोड़ दिया. घोड़ा कहीं समंदर किनारे टहल रहा था तब किसी ने उसे चुराकर धरती के अंदर छिपा दिया. राजा ने घोड़े की तलाश में अपने बेटों से वह जमीन खुदवा डाली. जमीन के अंदर भगवान विष्णु महर्षि कपिल के रूप में सो रहे थे. नींद टूटने से उनकी आंखें खुलीं तो उसके तेज से सगर के बेटे भस्म हो गए. बस चार बेटे बचे. कपिलरूपधारी भगवान नारायण ने उन्हें आशीर्वाद दिया कि जाओ बेटा तुम्हारे इक्ष्वाकु वंश का कभी नाश नहीं होगा. उन्होंने ही समुद्र को सगर का बेटा घोषित कर दिया. समुद्र दौड़ा हुआ आया और कायदे में अपने बाबूजी का पांव पखार कर लौटा. सगर का बेटा होने की वजह से समुद्र सागर कहलाया. ये तो सागर के नाम की कहानी हुई, पर राजा सगर के नाम की कहानी भी कम इंटरेस्टिंग नहीं है. वो अगले अंक में... स्रोत: ब्रह्मपुराण, गीता प्रेस, पेज- 25, 26