The Lallantop

वशिष्ठ एक नहीं पूरे 12 थे, जानो सबके नाम

वशिष्ठ ऋषि को तो जानते ही होगे. राम के गुरुजी. लेकिन हिस्ट्री में अकेले यही नहीं हैं. पढ़ोगे तब पता चलेगा.

Advertisement
post-main-image
फोटो - thelallantop
ये सब जानते हैं कि राम के गुरु का नाम वशिष्ठ था. लेकिन पुराणों की कहानियां पढ़ते हुए कई जगह डाउट होने लगता है. वशिष्ठ का नाम राजा दिलीप के काल में भी सुनाई पड़ता है कार्तवीर्य अर्जुन के समय भी. वही वशिष्ठ राम के गुरु भी हो जाते हैं. वही वशिष्ठ व्याघ्रपाद के पिता भी हो जाते हैं और वही वशिष्ठ दूसरी किसी कथा में शक्तिमुनि के पिता भी. अगर आप भी इस कन्फ्यूजन से गुजर रहे हैं तो हम इस मतिभ्रम का निवारण करते हैं. पुराणों में एक-दो या चार-छह नहीं पूरे 12 वशिष्ठों का जिक्र है और इनमें से सिर्फ 6 के बारे में कई कहानियां उपलब्ध हैं. 6 वशिष्ठ जिनका जिक्र कथाओं में हुआ है: 1. वशिष्ठ देवराज: ये त्रिशंकु के समय हुए थे. 2. वशिष्ठ अपव: अपव कार्तवीर्य सहस्रबाहु अर्जुन के समय में हुए थे. सहस्रबाहु का वध परशुराम ने किया था. इस हिसाब से वशिष्ठ अपव और परशुराम एक ही समय में हुए थे. 3. वशिष्ठ अथर्वनिधि, प्रथम: ये तब हुआ करते थे जब अयोध्या में राजा बाहु का राज था. राजा बाहु ही थे, जिन्होंने वर्ण व्यवस्था के हिसाब से हर जाति को उनके काम पर लगाया था. 4. वशिष्ठ श्रेष्ठभाज: श्रेष्ठभाज राजा सौदास के समय में हुए थे. सौदास ही आगे जाकर राजा कल्माषपाद कहलाए. 5. वशिष्ठ अथर्वनिधि, द्वितीय: ये राजा दिलीप के समय में हुए थे. 6. वशिष्ठ: ये 'मोस्ट फेमस' वशिष्ठ हैं जो भगवान राम के समय में हुए थे. इनके अलावा वशिष्ठ मैत्रावरुण, वशिष्ठ शक्ति, वशिष्ठ सुवर्चस जैसे दूसरे वशिष्ठों का भी जिक्र आता है. (स्रोतः नागवंश की पुराकथाएं)

Advertisement
Advertisement
Advertisement
Advertisement