The Lallantop

माफ करें हुज़ूर, दस रुपए का 15 लाइनों वाला सिक्का नकली नहीं है

और भी बहुत सारी चीजें बता रहे हैं, सीधे टकसाल से.

post-main-image
RBI द्वारा जारी किए गए 10 रुपए के दो अलग-अलग सिक्के. 15 लाइनों वाले सिक्के को लोग नकली मान रहे हैं.

यार गुरू... सबसे पहले तो माफी. इसलिए, क्योंकि हमने आपको 10 के असली और नकली सिक्के में जो फर्क बताया था, उसमें कुछ जानकारी गलत थी. हमारे कुछ लल्लनटॉप रीडर्स ने इस तरफ हमारा ध्यान दिलाया, तो इस बार अपन एकदम सटीक जानकारी के साथ आपके पास आए हैं. गूगल छोड़ो, इस बार हमने बात की सीधे टकसाल के एक अधिकारी से. उन्होंने हमें ढेर सारी चीजें बताईं.

ऐसा है कि नकली सिक्कों के चक्कर में लोग असली सिक्के लेने से भी मना कर देते हैं. वजह है सिक्कों का डिजाइन, जो RBI अब तक दो बार बदल चुका है. 2005 में सबसे पहले जो सिक्का आया, उसका डिजाइन कुछ और था. फिर 2008-09 में इसमें कुछ बदलाव किया गया. 2011 में भी एक बार डिजाइन चेंज हुई. इसके अलावा खास मौकों पर खास सीरीज़ के सिक्के तो छापे ही गए. अलग डिजाइन के सिक्के देखकर लोग इन्हें नकली मान लेते हैं.


10 रुपए की स्पेशल सीरीज़ वाले सिक्के, जो बीच-बीच में खास मौकों पर सीमित मात्रा में छापे जाते हैं
10 रुपए की स्पेशल सीरीज़ वाले सिक्के, जो बीच-बीच में खास मौकों पर सीमित मात्रा में छापे जाते हैं

सबसे ज़रूरी बात

टकसाल के अधिकारी कहते हैं कि जब तक उन्हें कोई नकली सिक्का नहीं मिल जाता, तब तक वो निश्चित तौर पर ये नहीं बता सकते कि दोनों सिक्कों में क्या फर्क है. लेकिन वो ये बात मजबूती से बताते हैं कि दस रुपए के 10 और 15 लाइनों वाले जो सिक्के आ रहे हैं, वो दोनों असली हैं. 15 लाइनों वाले सिक्के नकली होने की बात गलत है, वो भी RBI द्वारा जारी किए गए हैं.

कब-कब क्या-क्या हुए बदलाव

2005: पहली बार 10 का सिक्का आया. इसमें आगे की तरफ ऊपर भारत और INDIA साथ में लिखा था. बीच में अशोक लाट और 10 लिखा था. नीचे टकसाल के निशान के साथ ढलाई का साल लिखा था. पीछे चार डॉट्स के साथ दो समानांतर लाइनें और हिंदी-अंग्रेजी में 'दस रुपए- TEN RUPEES' लिखा होता था.


2005 में लॉन्च किया गया 10 रुपए का सिक्का
2005 में लॉन्च किया गया 10 रुपए का सिक्का

2008-09: डिजाइन बदला गया. आगे की तरफ ऊपर भारत और INDIA लिखा गया. बीच में अशोक लाट और नीचे ढलाई का साल. अशोक लाट के ऊपर-नीचे एक-एक लाइन भी खींची गई. पीछे की तरफ बीच में 10 लिखा गया, उसके ऊपर 15 लाइनें बनाई गईं और नीचे 'रुपये RUPEES' लिखा गया.


2008-09 में जारी किया गया 10 रुपए का सिक्का
2008-09 में जारी किया गया 10 रुपए का 15 लाइनों वाला सिक्का

2011: डिजाइन फिर बदला गया, क्योंकि 15 जुलाई 2010 को रुपए का ऑफीशियल सिंबल ₹ अनाउंस हो गया था, तो उसे सिक्के में शामिल करना था. आगे की तरफ बीच में अशोक लाट और उसके बाएं तरफ 'भारत' और दाईं तरफ 'INDIA' लिखा गया. नीचे ढलाई का साल लिखा गया. पीछे बनीं 15 लाइनों को कम करके 10 कर दिया गया, उसके नीचे रुपए का सिंबल लगाया गया और उसके भी नीचे गिनती में 10 लिखा गया.


2011 में रुपए के सिंबल के साथ छापा गया सिक्का
2011 में रुपए के सिंबल के साथ 10 लाइनों वाला छापा गया सिक्का

तो मतलब निकलता है कि

कि 15 लाइनों वाले सिक्के नकली नहीं हैं. देश के कई राज्यों में जुलाई 2016 से ये अफवाह चल रही है, जो बीच-बीच में जोर पकड़ती है. तब से अब तक RBI कई बार अपनी तरफ से गाइडलाइन जारी करके कह चुका है कि किसी भी तरह की डिजाइन वाले सिक्के नकली नहीं हैं. और इस अफवाहों से सिर्फ लोगों को ही दिक्कत नहीं होती है.

टकसाल ऑफिसर बता रहे थे कि जब लोग सिक्के लेने से मना करते हैं, तो नए ढले सिक्कों के सर्कुलेशन में भी गड़बड़ हो जाती है. असल में कितने सिक्के ढालने हैं, ये RBI बताता है. वो मार्केट की ज़रूरत के हिसाब से बताता है. जब लोग सिक्के लेना बंद कर देते हैं, तो मामला लुल्ल हो जाता है.


RBI की तरफ से जारी की गई एक गाइडलाइन, जिसमें बताया कि सिक्के नकली नहीं हैं
RBI की तरफ से जारी की गई एक गाइडलाइन, जिसमें बताया कि सिक्के नकली नहीं हैं

नकली सिक्के बनाने वालों को फायदा नहीं होता

टकसाल के ऑफिसर ने बताया कि 10 के सिक्कों की डुप्लीकेसी बड़े लेवल पर नहीं हो पाती है, क्योंकि इनकी ढलाई मुश्किल है और लागत ज्यादा है. अब सोचिए अगर 10 का नकली सिक्का बनाने में 6-7 रुपए लग जाएंगे, तो इन बदमाशों को क्या फायदा होगा. यही वजह है कि 500 और दो हज़ार के नोट ज्यादा फर्जी आते हैं, लेकिन 100 के फर्जी कम होते हैं. वजह वही है, 100 वाले में ज्यादा फायदा नहीं होना है.

coin

सारांश ये है कि

10 के सिक्कों का आदान-प्रदान करते रहिए. असली-नकली का एक मोटा फर्क ये है कि नकली सिक्के पर थोड़ा ज़ोर लगाएंगे, तो उसका बीच वाला हिस्सा बाहर निकल आएगा, लेकिन असली वाले में वो टिका रहता है. दस रुपए के 15 लाइनों वाले सिक्के देखकर लबड़िया न जाना. लइ लेना.




अकेले सिक्कों की ही बात क्यों हो, नोटों की बात भी कर लेते हैं:

₹1 के नोट में ऐसा क्या है कि 100 सालों में कोई सरकार इसे बंद नहीं कर पाई

एक रुपए का नोट दुनिया की सबसे मजबूत करेंसी है, पांच सुबूत!