भारत वह देश है जहां रसखान जैसे कृष्ण भक्त मुस्लिम कवि होते हैं. जहां शकील बदायूंनी नाम का एक मुसलमान हिंदुओं का मशहूर फिल्मी भजन 'मन तड़पत हरि दर्शन को' लिखता है, जिसे खय्याम का संगीत और मोहम्मद रफी की आवाज मिलती है.
ये है सबसे बड़ा हनुमान भक्त मुसलमान
हिंदुस्तान, जहां शकील बदायूंनी 'हरि भजन' लिखते हैं, जिसे खय्याम का संगीत और मोहम्मद रफी की आवाज मिलती है. इसी हिंदुस्तान में है एक संजय खान.

गंगा-जमुनी तहजीब अगर हमारी सोसाइटी में है, तो हमारे सिनेमा में भी पहले से रही है. बेवजह नहीं है कि एक हिंदू बहुसंख्यक देश में चोटी के सारे बॉलीवुड सितारे मुसलमान हैं. इसका विस्तार छोटे पर्दे तक आता है और इस कड़ी में एक नाम है संजय खान का. जिन्होंने अपने समय का मशहूर टीवी सीरियल 'जय हनुमान' बनाया और इस तबियत से बनाया कि आज भी उसके मुकाबले की हनुमान गाथा पर्दे पर नहीं आ सकी है. संजय का 3 जनवरी को जन्मदिन होता है. आपको उनके बारे में थोड़ा बताते हैं:
1) संजय खान बॉलीवुड में एक्टर, डायरेक्टर और प्रोड्यूसर रहे. लेकिन शुरुआत हुई एक्टिंग से. साल 1964, फिल्म 'हकीकत'. 1960 से 1980 के दशक तक उन्होंने करीब 30 फिल्मों में एक्टिंग की.
2) 'दोस्ती', 'दस लाख', 'एक फूल दो माली', 'इंतकाम', 'उपासना', 'मेला' और 'नागिन' जैसी फिल्मों में उन्होंने रोल किए. बतौर एक्टर उनकी आखिरी फिल्म 1986 में आई. नाम था 'काला धंधा गोरे लोग.'

3) इसके बाद से संजय छोटे पर्दे पर लौट आए और उनके करियर ने नई उड़ान भरी. 1990 में उन्होंने टीवी सीरीज 'द स्वोर्ड ऑफ टीपू सुल्तान' शुरू की. खुद ही डायरेक्ट किया, खुद ही टीपू सुल्तान का रोल निभाया.
4) 'द स्वर्ड ऑफ टीपू सुल्तान' की शूटिंग के दौरान 8 फरवरी 1990 को वह एक आग की दुर्घटना में 65 फीसदी तक झुलस गए थे. इस हादसे में 52 लोगों की मौत हो गई थी. 13 दिनों में 73 सर्जरी करवाने के बाद संजय को अस्पताल से छुट्टी मिली. काम पर लौटकर उन्होंने 'टीपू सुल्तान' की शूटिंग पूरी की. इसमें उनके डायरेक्शन और एक्टिंग, दोनों को सराहा गया.

5) 1997 में संजय खान ने मेगा टीवी सीरीज 'जय हनुमान' को प्रोड्यूस और डायरेक्ट किया. भगवान राम के अनन्य भक्त हनुमान की कहानी को इस तरह पहली बार भारत की टीवी इंडस्ट्री में पेश किया गया. इसे जबरदस्त सराहना मिली. साल 2000 तक 'जय हनुमान' का प्रसारण हुआ.
6) संजय खान का 'जय हनुमान' इसलिए भी ज्यादा याद किया जाता है क्योंकि इसे बनाने वालों में ज्यादातर मुसलमान थे. टीवी सीरीज का टाइटल गीत 'मंगल को जन्मे, मंगल ही करते, मंगलमय भगवान' आज भी लोगों की जुबान पर है. इसका बैकग्राउंड म्यूजिक दिया था खय्याम ने और साउंड मिक्सिंग की थी जहीर अलाउद्दीन. संजय खान ने उस समय के मशहूर भक्ति संगीतकार रवींद्र जैन से इसका म्यूजिक बनवाया था. संजय की बेटी फराह खान अली ने सीरियल के किरदारों की जूलरी डिजाइन की थी.
7) संजय खान और भी कई वजहों से पहचाने जाते हैं. वह मशहूर एक्टर फिरोज खान के छोटे भाई हैं. बोले तो फरदीन खान के चाचू जान. रितिक रौशन की एक्स-वाइफ सुजैन खान संजय की ही बेटी हैं. दिलचस्प बात ये है कि संजय खान उनका असली नाम नहीं है. उनका नाम है शाह अब्बास खान.
8) संजय खान ने 60 के दशक की मशहूर मॉडल रहीं जरीन से शादी की थी. जरीन वही हैं जो देवआनंद की फिल्म 'तेरे घर के सामने' (1963) में उनकी सेक्रेटरी के रोल में नजर आई थीं.
9) संजय खान की तीन बेटियां और एक बेटा है. नामी जेमोटोलॉजिस्ट और जूलरी डिजाइनर फराह खान अली उन्हीं की बेटी हैं. दूसरी बेटी है सिमोन और तीसरी सुजैन खान. सुजैन से ही रितिक रोशन की शादी हुई थी, जो बाद में किन्हीं वजहों से टूट गई. बेटे का नाम है जायद खान. हां जी वही 'मैं हूं ना' वाले.
10) संजय खान कारों, खास तौर से इंपोर्टेड कारों के बड़े शौकीन हैं. घोड़ों और कुत्तों से उन्हें खास लगाव है. वह बढ़िया घुड़सवार भी हैं.