जरा सोचिए, अगर कल कोई दुश्मन रडार से ओझल होकर हमला करे, तो क्या भारत के पास उसका जवाब है? यही सवाल आज भारतीय आसमान पर मंडरा रहा है. एक तरफ स्वदेशी ‘तेजस’ उड़ान भरने को तैयार है, तो दूसरी तरफ अगली पीढ़ी का ‘AMCA’ अभी डिज़ाइन टेबल पर है. और इसी बीच, वायुसेना वो चाल चल रही है, जिसकी भनक तक दुनिया को नहीं - "स्टील्थ नहीं तो स्ट्रेटेजी ही सही."
रडार से ओझल दुश्मन? जवाब तैयार है, तेजस से लेकर AMCA तक, भारतीय वायुसेना का ‘स्मार्ट वार प्लान’
रडार से ओझल दुश्मन? भारतीय वायुसेना (IAF) ने अपने ‘Smart War Plan’ के साथ जवाब तैयार कर लिया है. स्वदेशी Tejas और आने वाला AMCA मिलकर भारतीय आसमान में नई ताकत जोड़ रहे हैं. Su-30 MKI अपग्रेड और Astra मिसाइल टेक्नोलॉजी से IAF पूरी तरह Future Ready बन रही है.


भारतीय वायुसेना प्रमुख एयर चीफ मार्शल ए.पी. सिंह ने हाल ही में यूरेशियन टाइम्स से बात करते हुए साफ कहा -
भविष्य की जंग सिर्फ ताकत से नहीं, तैयारी और तकनीक से जीती जाएगी.
इसी के तहत एयरफोर्स को जल्द मिलने वाले हैं 83 तेजस Mk-1A, और उसके बाद 97 और तेजस Mk-1A. यानी कुल 180 स्वदेशी फाइटर जेट्स, जो वायुसेना के बेड़े में नई जान डालेंगे. साथ ही, Su-30 MKI को भी नए उपकरणों और हथियारों से अपग्रेड किया जा रहा है. मतलब साफ है, पुराने शेर अब नई तकनीक की दहाड़ के साथ लौट रहे हैं.
स्टील्थ की कमी, मगर रणनीति की नहींभारत को अभी 5वीं पीढ़ी के स्टील्थ फाइटर जेट्स की कमी ज़रूर है, लेकिन वायुसेना की रणनीति इस कमी को "स्मार्ट अपग्रेड्स" से पूरा कर रही है. MRFA (Multi-Role Fighter Aircraft) खरीद प्रक्रिया जारी है. Astra BVRAAM मिसाइल को अपग्रेड किया जा रहा है ताकि दुश्मन दिखे बिना ढेर हो सके. ऊपर से S-400 एयर डिफेंस सिस्टम पहले से ही भारतीय आसमान की सुरक्षा में तैनात है. यानी आने वाले वक्त में भारत का जवाब कम नहीं, बल्कि और ज़्यादा सटीक होने वाला है.
जो हैं, वही बनेंगे और ख़ासनए विमानों की खरीद जितनी अहम है, उतनी ही ज़रूरी है पुराने जेट्स को नई ज़िंदगी देना. एयरफोर्स चीफ का मानना है,
अगर मौजूदा बेड़ा अपग्रेड हो जाए, तो वही हमारी ताकत दोगुनी कर देता है.
इसी सोच के तहत, Mirage 2000, Jaguar और Su-30 MKI को लंबी उम्र और उन्नत तकनीक के साथ मॉडर्नाइज़ किया जा रहा है.
यानी भारत का हर जेट अब सिर्फ उड़ान नहीं भरेगा, असमान पर राज करेगा.
टेक्नोलॉजी से परे एयर चीफ मार्शल ए.पी. सिंह का फोकस एक और मोर्चे पर है, वो है इंसान. उनका साफ कहना है-
सबसे तेज तलवार भी बेकार है, अगर योद्धा तैयार न हो.इसलिए एयरफोर्स अब "मशीन नहीं, मैन" पर सबसे ज़्यादा ध्यान दे रही है. नए ट्रेनिंग प्रोग्राम, AI-सिमुलेशन और हाई-इंटेंसिटी मिशन ड्रिल्स से वायु सैनिकों को "फ्यूचर रेडी" बनाया जा रहा है.
आसमान अब सिर्फ नीला नहीं, भारतीय हैऑपरेशन ‘सिंदूर’ ने दिखाया कि भारत हवा में क्या कर सकता है. अब तेजस से लेकर AMCA तक का सफर बताता है कि भारत नकल नहीं, अपना रास्ता खुद बना रहा है.
जब तक स्टील्थ फाइटर नहीं आता, तब तक भारतीय वायुसेना अपनी रणनीति से ही साबित कर देगी. “जो आसमान हमारा था, वो हमेशा हमारा ही रहेगा.”
वीडियो: राफेल फाइटर जेट्स के खिलाफ चीन अब ये साज़िश रच रहा है