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डॉक्टर की मदद के बगैर बचाई 8 महीने के बच्चे की जान, सेना के जवान ने चलती ट्रेन में किया कमाल

सुनील अपनी छुट्टियां मनाकर वापिस लौट रहा था. उसी ट्रेन में एक परिवार था जिनका 8 महीने का बच्चा था. जैसे ही पता चला कि बच्चे को सांस लेने में परेशानी हो रही है सुनील ने तुरंत मौके पर पहुंचकर बच्चे की जान बचा ली.

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एक जवान ने डिब्रूगढ़-दिल्ली एक्सप्रेस में 8 महीने के बच्चे की जान बचा ली.

पश्चिम बंगाल की राजधानी कोलकाता में एक जवान ने अपनी सूझबूझ से एक बच्चे की जान बचाई. ये घटना डिब्रूगढ़ से चलकर दिल्ली को जाने वाली राजधानी एक्सप्रेस की है. ये जवान फील्ड हॉस्पिटल में तैनात है. नाम है सुनील. सुनील अपनी छुट्टियां मनाकर वापस लौट रहा था. उसी ट्रेन में एक परिवार था जिनका 8 महीने का बच्चा था. जैसे ही पता चला कि बच्चे को सांस लेने में परेशानी हो रही है सुनील  ने तुरंत मौके पर पहुंचकर बच्चे की जान बचा ली. 

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इस घटना के बारे में जानकारी देते हुए कोलकाता के रक्षा विभाग ने अपने X हैंडल पर पोस्ट किया. घटना के साथ साथ ट्रेन की जानकारी और सुनील की पोस्टिंग के बारे में भी बताया. सुनील की तस्वीर के साथ उन्होंने लिखा कि जवान ने वही किया जो सेना का काम है. बिना डॉक्टर के मदद के भी सुनील ने बच्चे की जान बचा ली. 

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आजतक की रिपोर्ट के मुताबिक़, सुनील अपनी बर्थ पर बैठा था तभी उसे बच्चे के परिवार की पुकार सुनाई दी. सुनील जब परिवार के पास पहुंचा तो पाया कि बच्चा ना तो सांस ले पा रहा है ना ही उसकी नब्ज़ टटोली जा सकती है. सुनील चूंकि मेडिकल फील्ड में तैनात है उसने अपने ट्रेनिंग और सूझबूझ का इस्तेमाल किया. बिना देर किए सुनील ने बच्चे को सांस देना शुरू किया. उसने CPR (cardio pulmonary resuscitation) तकनीक का इस्तेमाल किया. रिपोर्ट के मुताबिक़, उसने बच्चे के छाती पर दो उंगलियों से दबाव दिया और माउथ-टू-माउथ ब्रीथिंग दी. दो बार ऐसा करने पर बच्चे की सांसें वापस लौट आईं. 

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तत्काल चिकित्सा ना होने की वजह से एक बच्चे की जान जा सकती थी लेकिन सुनील के त्वरित एक्शन ने बच्चे को नया जीवन दे दिया. घटना के बाद बच्चे के परिवार को शांत किया गया. ट्रेन के स्टाफ और पुलिस को संपर्क किया गया. आजतक की रिपोर्ट के मुताबिक़ परिवार को असम के रंगिया स्टेशन पर उतरवाकर आगे की मेडिकल जांच और देखभाल सुनिश्चित किया गया. 

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