अमेरिकी उद्योगपति और एक्स के मालिक एलन मस्क ने साल 2017 में एक ट्वीट किया था, 'I love Wikipedia. Just gets better over time.' यानी मुझे विकिपीडिया बहुत पसंद है. ये समय के साथ और बेहतर होता जा रहा है. (हालांकि ये ट्वीट अब ‘एक्स’ पर नहीं है). लेकिन 2023 तक आते-आते एकदम से वक्त बदल गया. जज्बात बदल गए. विकिपीडिया से मस्क का ऐसा मोहभंग हो गया कि वह उसे ‘लेफ्ट-विंग प्रोपेगैंडा मशीन’ कहने लगे. इतने से मन नहीं भरा तो ये भी कह दिया कि ‘अगर विकिपीडिया अपना नाम बदलकर डिकिपीडिया रख ले तो वह उसे एक अरब डॉलर देंगे.’
एलन मस्क के 'Grokipedia' में Wikipedia को खत्म करने का दम है?
विकिपीडिया की तरह एलन मस्क ने ग्रोकीपीडिया लॉन्च किया है. इसके कई सारे कॉन्टेंट को लेकर सवाल उठ रहे हैं और माना जा रहा है कि इसे मस्क की विचारधारा के हिसाब से ही बनाया गया है.
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विकिपीडिया से एलन मस्क ऐसे भड़के कि दुनिया भर से कहने लगे कि उसे पैसा देना बंद कर दो. और अब ये 'नफरत' ऐसे मोड़ पर आ गई है कि मस्क ने अपना ‘खुद का विकिपीडिया’ ही लॉन्च कर दिया है. नाम दिया है- ग्रोकीपीडिया.
सोमवार, 28 अक्टूबर को एलन मस्क ने Grokipedia नाम की वेबसाइट लॉन्च की. इसके बारे में CNN ने बताया कि इस कदम के साथ मस्क एक ऐसा वैकल्पिक सूचना और मीडिया तंत्र बनाने की कोशिश कर रहे हैं, जो उनके नजरिए और विचारों के अनुरूप हो.

ग्रोकीपीडिया है तो विकिपीडिया जैसा ही. जैसे इसका लेआउट विकिपीडिया जैसा है. इसके पेज वैसे ही साफ-सुथरे और क्रमबद्ध तरीके से जानकारी देने वाले हैं. लेखन शैली भी विकिपीडिया जैसी है और रेफरेंस देने का तरीका तो एकदम सेम है. फिर भी कुछ मामलों में यह विकिपीडिया से अलग है. जैसे- ग्रोकीपीडिया पर जितने भी लेख मौजूद हैं, वे सब संभवतः एलन मस्क के ही ग्रोक AI की मदद से लिखे गए हैं, जबकि विकिपीडिया के सारे लेख इंसानों ने लिखे हैं.
ग्रोकीपीडिया के कॉन्टेंट को विकिपीडिया की तरह कोई भी एडिट नहीं कर सकता. लेकिन वेबसाइट पर फीडबैक का ऑप्शन दिया गया है, जिस पर पाठक लेखों को लेकर अपनी प्रतिक्रिया दे सकते हैं.
ग्रोक AI ने बनाया ग्रोकीपीडिया‘टाइम्स ऑफ इंडिया’ के मुताबिक, ग्रोकीपीडिया को मस्क की कंपनी xAI ने बनाया है और यह उनके Grok LLM (लार्ज लैंग्वेज मॉडल) पर चलती है. विडंबना यह है कि ग्रोकीपीडिया खुद उसी विकिपीडिया के डेटा पर ट्रेन किया गया है, जिसे मस्क ‘लेफ्ट-विंग प्रोपेगैंडा मशीन’ कह चुके हैं. यानी, यह उसी स्रोत पर टिकी है जिसे वह पक्षपाती बताकर चुनौती देना चाहते हैं.
लेखों की संख्या के मामले में भी ग्रोकीपीडिया विकिपीडिया से काफी पीछे है. सीएनएन की रिपोर्ट के अनुसार, विकिपीडिया पर जहां 70 लाख से ज्यादा लेख प्रकाशित हैं. वहीं ग्रोकीपीडिया पर महज तकरीबन 8 लाख लेख ही दर्ज हैं.
इस वेबसाइट को लॉन्च करते हुए एलन मस्क ने अपने सोशल मीडिया प्लेटफ़ॉर्म X पर लिखा,
Grok और Grokipedia का मकसद है सच… पूरा सच और सिर्फ सच. हम पूरी तरह सही नहीं होंगे लेकिन कोशिश जरूर करेंगे.

Wikipedia पर लंबे समय से कन्जर्वेटिव लोग सवाल उठाते रहे हैं कि वह ‘वामपंथी’ कॉन्टेंट को प्राथमिकता देता है. इस क्लब में मस्क भी शामिल रहे हैं. एक बार उन्होंने ये कह भी दिया था कि ‘Wikipedia कट्टर वामपंथी कार्यकर्ताओं के नियंत्रण में है.’ हो सकता है कि इसी सोच से ग्रोकीपीडिया की शुरुआत हुई हो. जो विकिपीडिया की तरह लोगों के सहयोग से नहीं बल्कि AI पर चलने वाली और ‘सत्य की खोज करने वाली मशीन’ बताई जा रही है.
कॉन्टेंट में दिखेगा अंतरमस्क के इस ‘विकिपीडिया’ पर एक रिपोर्ट में TOI कहता है कि ग्रोकीपीडिया के लेख दिखने में ‘Polished’ हैं, लेकिन अक्सर ‘एकतरफा’ और ‘वैचारिक रूप से झुके हुए’ लगते हैं. उदाहरण के तौर पर ‘जेंडर’ पर इसका लेख ‘जैविक आधार पर केवल पुरुष और महिला’ की बात करता है, और सामाजिक या मनोवैज्ञानिक जटिलता को नजरअंदाज करता है.
रिपोर्ट में आगे बताया गया है कि 6 जनवरी 2020 को अमेरिका के कैपिटल दंगे जैसे राजनीतिक मामलों में यह घटना को स्वीकार तो करता है, लेकिन ‘उसके असर और इसमें डॉनल्ड ट्रंप की भूमिका को ‘बढ़ा-चढ़ाकर पेश किया गया’ बताता है.’
सबसे रोचक बात यह है कि एलन मस्क पर लिखा इसका लेख लगभग एक ‘प्रेस रिलीज’ जैसा लगता है. यानी तारीफों से भरा हुआ.
Wikipedia पर एलन मस्क के बारे में पढ़ेंगे तो वहां उन्हें एक विवादास्पद शख्सियत, 'गलत बयान देने वाला, COVID-19 को लेकर झूठी बातें फैलाने, कॉन्स्पिरेसी थिअरीज को बढ़ावा देने और यहूदी-विरोधी, नस्लभेदी और ट्रांसफोबिक टिप्पणियां करने वाला बताया गया है. साथ ही यह भी लिखा है कि जब 2022 में मस्क ने Twitter (अब X) खरीदा, तो उसके बाद से हेट स्पीच और फेक न्यूज फैलने की घटनाएं बढ़ गईं.
लेकिन ग्रोकीपीडिया मस्क के बारे में लिखता है,
मस्क ने तकनीकी प्रगति, जनसंख्या घटने और संस्थागत पक्षपात जैसे बड़े मुद्दों पर बहसों को दिशा दी है. Twitter खरीदने के बाद मस्क ने कॉन्टेंट मॉडरेशन में सुधार को प्राथमिकता दी, जबकि पुराना मीडिया उसे वामपंथी झुकाव वाले कवरेज के लिए आलोचना करता रहा.

George Floyd के बारे में भी Grokipedia का लेख काफी अलग दिखता है. George Floyd वही व्यक्ति थे जिनकी 2020 में गिरफ्तारी के दौरान हुई मौत ने अमेरिका में पुलिस हिंसा और नस्लभेद के खिलाफ बड़े पैमाने पर विरोध प्रदर्शन भड़काए थे. Grokipedia का लेख शुरुआत में Floyd को इस तरह बताता है,
एक अमेरिकी व्यक्ति, जिसका लंबा आपराधिक रिकॉर्ड था. जिसमें डकैती, ड्रग्स रखने और चोरी जैसे मामलों में सजा शामिल थी.
यानी इसमें उनकी पुरानी आपराधिक पृष्ठभूमि पर जोर दिया गया है, जो उनकी मौत से कई साल पहले की थी. वहीं Wikipedia पर फ्लॉयड का पेज शुरू होता है इस लाइन से
George Floyd एक अश्वेत व्यक्ति थे, जिनकी एक श्वेत पुलिस अधिकारी ने हत्या कर दी.

CNN के मुताबिक, एक और उदाहरण में Grokipedia ने ऐसे सोर्स का हवाला दिया है जो असल में लेख में लिखी बातों को साबित ही नहीं करते. उदाहरण के तौर पर, उसमें लिखा है कि Floyd की मौत के बाद देशभर में हुए विरोध हिंसक थे, जिनमें अरबों डॉलर की संपत्ति का नुकसान हुआ. लेकिन इस दावे के लिए जो लिंक दिया गया है, वो 'Texas State Historical Association' की वेबसाइट पर छपा एक शोक संदेश (obituary) है, जिसमें इन बातों का कहीं जिक्र ही नहीं है.
सीएनएन ने लिखा है कि जब xAI (मस्क की AI कंपनी) से इन विरोधाभासों पर प्रतिक्रिया मांगी गई तो मीडिया ईमेल से ऑटोमैटिक जवाब आया,
Legacy Media Lies. यानी – पुराना मीडिया झूठ बोलता है.
हालांकि, मंगलवार 29 अक्टूबर को एलन मस्क ने एक्स पर लिखा कि जैसे-जैसे ग्रोक बेहतर होगा, ग्रोकीपीडिया भी बेहतर होता जाएगा. उन्होंने कहा कि आने वाले दिनों में इसका और बढ़िया वर्जन ग्रोकीपीडिया 1.0 लाया जाएगा.
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