The Lallantop

दिल्ली की ये 'छिपी शक्तियां' नहीं देखी होंगी, वर्ल्ड क्लास शहर पानी भरते नजर आएंगे!

Delhi-NCR Rain: सिंगापुर, चीन जैसे देश अपने यहां की इमारतों की नुमाइश करते हैं. बताते हैं कि हमारे यहां फला बिल्डिंग के भीतर झरना है. फला बिल्डिंग के बाहर झरना है. लेकिन इनकी भव्यता का ये नाच, हमारी नई संसद के सामने कहीं नहीं टिकता नजर आ रहा है.

Advertisement
post-main-image
वेनिस बनाम दिल्ली. संसद में रखी नीली बाल्टी. (फोटो: सोशल मीडिया)

उत्तर पूर्वी इटली में एक शहर है, वेनिस. ये अपनी नावों और लगून के लिए बहुत फेमस है. दुनिया भर से लोग लाखों रुपये खर्च करके यहां जाते हैं. लेकिन वेनिस जैसा एक अजूबा है, जो हमने छिपा रखा है. हमारी राजधानी दिल्ली! यहां भी शहर के बीच से नदियां जाती हैं. ध्यान रहे नदी नहीं, नदियां. छुपा तो हमने नई संसद के भीतर एक झरना भी रखा था. लेकिन इसका वीडियो हाल ही में वायरल हो गया. अगर आपकी विदेश घूमने की इच्छा अभी न पूरी हो पाई हो, तो दिल छोटा मत करिए. ये तस्वीरें देखकर आपको भी लगेगा कि आप एक वर्ल्ड क्लास शहर में रह रहे हैं.

Add Lallantop as a Trusted Sourcegoogle-icon
Advertisement
जाने भी दो यारों!

अमेरिका में पब-बार वगैरह का चलन है. क्रैनबेरी जूस, सोडा ये वो, जाने क्या-क्या मिलाकर, ये कॉकटेल बनाते रहते हैं. लेकिन एक चीज, जिसका शराब के साथ दामन-चोली का रिश्ता है, वो है पानी. मिलाने में भी और माहौल में भी (डोंट जज मी… ये जानकारी गूगल से मिली है, बाकी शराब पीना तो स्वास्थ्य के लिए हानिकारक है ही). बॉलीवुड के गाने ही सुनिए, बरसात के मौसम में तन्हाई के आलम में… मैं घर से निकल आया, बोतल भी… 

लेकिन अमरीका की ‘सिन सिटी’, माने पाप की नगरी, लॉस वेगस में भी ये जलवा ना होगा, जो हमारी राजधानी दिल्ली में मौजूद प्रेस क्लब में है. यहां शराब के साथ ग्लास में पानी तो है ही. माहौल में भी पानी है. जरा देखिए तो.

Advertisement

नई संसद में छुपा झरना! 

सिंगापुर, चीन जैसे देश अपने यहां की इमारतों की नुमाइश करते हैं. बताते हैं कि हमारे यहां फला बिल्डिंग के भीतर झरना है. फला बिल्डिंग के बाहर झरना है. लेकिन इनकी भव्यता का ये नाच हमारी नई संसद के सामने कहीं नहीं टिकता नजर आ रहा है. 

मालूम पड़ता है कि हमारी संसद के भीतर कहीं एक ऐसा झरना था, जिसके बारे में खुद बनाने वालों को भी भनक ना थी. या फिर हो सकता है, इस तकनीक को विदेशी ताकतों से बचाने के लिए गुप्त रखा गया हो.

Advertisement

लेकिन आंध्र प्रदेश से कांग्रेस नेता और सांसद मणिकम टैगोर ने इसे लीक कर दिया. हाल ही में एक वीडियो पोस्ट किया है. जिसमें नई संसद में पानी चूने की बात कही गई है. 

सोशल मीडिया प्लेटफॉर्म X पर वीडियो पोस्ट कर कांग्रेस सांसद ने लिखा, 

बाहर पेपर लीक,

भीतर पानी लीक. 

हालांकि, कुछ दिन पहले दुबई में इमारतों से भी पानी चूता देखकर लगता है. यह तकनीक वहां तक पहुंच गई है. आखिर ये शहर भी दिल्ली की बराबरी करने पर तुले ही हैं.

ये सुविधा किसी को नहीं पता चलनी चाहिए

अच्छा एक और बात है, वेनिस का लगून न जाने कितने दशकों से है, लेकिन फिर भी वो शहर दिल्ली के इस टेकनीक को नहीं छू पा रहा है. जहां ये अमेरिका वाले पाइपलाइन से गैस पहुंचाते हैं, हमने गैस का सिलेंडर पहुंचाने का जुगाड़ निकाला है.

बारिश हो तो चुपके से सिलेंडर पानी में बहा दिए जाएं, और वो अपनी मंजिल तक खुद-ब-खुद पहुंच जाएंगे. आपको लग रहा है, हम मजाक कर रहे हैं? बिना देखे आप लोग कहां कुछ मानते हैं. खुद ही देखिए, इस टेक्नॉलजी की ‘लीक’ फुटेज! 

एलन भाई पहले ये देख लो, फिर बात करना!

एलन मस्क-वस्क सब लगे हैं कि ऐसी कारें बनाएं, जो बिना ड्राइवर के चलें. चाइना वाले भी दिमाग घोटे पड़े हैं. पहले हम बनाएंगे, अपने बीजिंग में चलाएंगे, ड्राइवर-लेस कार.

इनको क्या पता, हम बारिश में दिल्ली में ड्राइवर-लेस कारें चलाते हैं. हम तो एक कदम आगे निकलकर तैरने वाली ड्राइवर-लेस कारें चलाते हैं. जो खुद-ब-खुद सड़कों पर तैरते हुए, मर्जी की जगह पहुंच जाती हैं. हां, इनको रोकने और रास्ता बताने की तकनीक पर अभी काम चल रहा है. जिसके चलते फिलहाल ये बहकर यहां-वहां लग जा रही हैं. 

कोई नहीं. संघर्ष पथ पर जो भी मिला, ये भी सही वो भी सही!

लंदन ब्रिज वालों सावधान

ये अमेरिका, ब्रिटेन वालों को बड़ा लगता होगा. हमारे यहां लंदन ब्रिज है. हमारे यहां ब्रुकलिन ब्रिज है. वो तो हम ज्यादा हंबल हैं, जमीनी हैं. इसलिए दिल्ली के मिंटो पुल के तारीफों के पुल नहीं बांधते हैं.

नहीं तो इनको दिखाते, तुमने सागर में पुल बांधे तो क्या हुआ? हमने पुल में सागर बांध दिया है. हां, इसमें कभी-कभी कुछ बेचारे फंस जाते हैं. ये थोड़ा कमी रह गई.

लेकिन हालिया पर्यावरण और जलवायु का हाल देखकर लगता है, अमेरिका वाले भी इन सब का लुत्फ उठा पाते हैं. बारिश वगैरह के बाद, वहां भी इंफ्रास्ट्रक्चर चरमरा जाता है. दुनिया के तमाम शहरों को मौसम अब एक बना रहा है.

आखिर जलवायु बदलाव का बीज हम इंसानों ने ही तो बोया है. शहर बसाने में प्लानिंग की कमी. जहां मन वहां अवैध निर्माण. कचरा रिसाइकल न करना. संसाधनो का दोहन करना.

ऐसे में आगे कुदरत हमारे कितने इम्तिहान लेती है. देखने वाली बात होगी. और इस समस्या को समझने, बात करने और साझा समाधान ढूंढने वाली.

वीडियो: सेहतः बारिश में भीगना पसंद है तो डॉक्टर की ये बातें तुरंत सुन लें!

Advertisement