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जब सुखदेव ने ताना मारा तो भगत सिंह ने कहा, प्यार इंसानी कमजोरी है

भगत सिंह के साथ फांसी पर शहीद होने वाले सुखदेव का एक किस्सा.

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फोटो - thelallantop

भगत सिंह. ये सिर्फ एक नाम नहीं, बल्कि इतिहास, तर्क, विचारधारा, आदर्श... बहुत कुछ है. सब जानते हैं कि आजादी को अपनी दुल्हन मान चुके भगत शादी से इनकार कर चुके थे, लेकिन लाहौर के नेशनल कॉलेज में पढ़ने के दौरान उनके साथ एक बेहद रोचक किस्सा हुआ है. बताते हैं कि एक लड़की भगत को पसंद करने लगी थी और उनकी वजह से ही वो उनके क्रांतिकारी दल में शामिल हो गई थी. जब असेंबली में बम फेंकने की प्लानिंग हो रही थी, तब भगत ये जिम्मेदारी लेने से पीछे हट गए.

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इस पर सुखदेव ने ताना मारते हुए कहा कि उस लड़की की वजह से भगत मरने से डर रहे हैं. इस बात से भगत का दिल रो दिया. उन्होंने दोबारा मीटिंग बुलाई और असेंबली में बम फेंकने का जिम्मा जबरन अपने नाम करा लिया. कहा जाता है कि 8 अप्रैल, 1929 को असेंबली में बम फेंकने से पहले शायद 5 अप्रैल को भगत ने सुखदेव को एक पत्र लिखा था, जिसे शिव वर्मा ने उन तक पहुंचाया था. 13 अप्रैल को जब सुखदेव गिरफ्तार हुए तो ये खत उनके पास मिला और बाद में कोर्ट में सबूत के तौर पर पेश किया गया.

पढ़िए भगत ने क्या लिखा था उस पत्र में...

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