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गांधी के जीवन और दार्शनिक शिक्षाओं को प्रस्तुत करती 'गांधी: सियासत और साम्प्रदायिकता': Ep 26

किताबवाला के इस एपिसोड में जानिए किताब 'गांधी: सियासत और साम्प्रदायिकता' के बारे में जिसे लिखा है पियूष बबेले ने. जानिए एपिसोड में महात्मा गांधी पर लिखी गयी ये किताब उनके समय और आज के वक़्त की साम्प्रदायिकता में भेद कैसे करती है. जानिए किताब के ज़रिए की दुनिया भर में गांधी के नाम के बावजूद उनके नाम पर भ्रम और झूठ कैसे फैलाया जा रहा है. जानिए किस प्रकार गांधी के उस दौर को किताब में लिख कर लेखक ने पाठको के लिए उनके भविष्य को समाहित करने की कोशिश की है. इसके साथ ही किताब में गाँधी और गोडसे से जुड़े किस तरह के राज़ खोले गए हैं और इस एपिसोड के ज़रिए आप हिंदू-मुस्लिम दंगों और गांधी जी की मृत्यु की घटनाओं के बारे में भी जानेंगे.

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किताबवाला का ये पॉडकास्ट पियूष बबेले की किताब 'गांधी: सियासत और साम्प्रदायिकता' के बारे में हैं. इस एपिसोड में आप सौरभ द्विवेदी और दीपक तेंगुरिया की लेखक पियूष बबेले से बातचीत सुनेंगे. ये किताब गांधी के समय की सियासत और साम्प्रदायिकता और आज के समय की सियासत और साम्प्रदायिकता में अंतर को महसूस कराती है. यह किताब महात्मा गांधी के जीवन और दार्शनिक शिक्षाओं को प्रस्तुत करती है. इसके साथ ही आप इस किताब में जानेंगे हिंदू-मुस्लिम दंगों और गांधी जी की मृत्यु की घटना के बारे में.

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एपिसोड में आप लेखक पियूष बबेले की इस किताब 'गांधी: सियासत और साम्प्रदायिकता' को लिखने के पीछे की मंशा को भी समझेंगे. बबले पहले एक राजनैतिक पत्रकार थे जो बाद मैं राजनेताओ के साथ काम करते हुए मध्य प्रदेश के पूर्व मुख्यमंत्री कमलनाथ के मीडिया एडवाइजर बने. किताब में गांधी वाङ्मय के ज़िक्र के साथ ही अपने समय की कई चर्चाएं जैसे गांधी और गौरक्षा, गांधी और हिन्दू साम्प्रदायिकता, गांधी और मुस्लिम साम्प्रदायिकता, भाषा और विभाजन का सवाल आदि पर बात की गयी है. जानिए इस किताब में नाथूराम गोडसे और मोहम्मद अली जिन्ना पर भी किस तरह के अनकहे राज़ की बात की गई है.

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