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जिसकी वजह से बादशाह लाखों कमा रहे हैं, उस आर्टिस्ट के सिर पर छत तक नहीं है

जिसे कभी गाना लिखने का क्रेडिट नहीं मिला.

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बादशाह और जैकलीन (वीडियो स्क्रीनशॉट) और फोक आर्टिस्ट रतन कहार.
चले जब तू लटक लटक लौंडों के दिल पटक पटक सांसें जाएं अटक अटक आता माझी सटक सटक
बम तेरा गोते खाए कमर पे तेरी बटरफ्लाय बॉडी तेरी मक्खन जैसे खाने में तू बस बटर खाए
ये रैपर बादशाह के नए गीत के बोल हैं. नायिका जैकलीन फ़र्नांडीज़ हैं. 'गेंदा फूल' नाम का ये गीत लगभग 3 दिन से यूट्यूब के टॉप ट्रेंड में बना हुआ है. गीत का कैच है इसका एक हिस्सा जो बांग्ला में गाया गया है. इसे गाया है पायल देव ने. इसके बोल हैं:
बोरो लोके'र बिटी लो लोंबा लोंबा चूल एमोन माथाए बेंधे देबो लाल गेंदा फूल
बादशाह को इस गीत के बाद सोशल मीडिया पर खूब लपेटा गया. क्योंकि बंगाल की स्मृति में बसे एक सुंदर लोकगीत को उन्होंने उसके कॉन्टेक्स्ट से अलग कर उसे एक ऐसे गीत में पिरो दिया है. जिसने भाषाई हिंसा की सभी सीमाएं तोड़ते हुए गेंदे की सुगंध और 'बम के गोते' को एक साथ लाकर खड़ा कर दिया है. मगर सबसे ज्यादा उन्हें इस बात के लिए लताड़ा गया है कि जिस आर्टिस्ट के बोल ये असलियत में हैं, उसे कोई क्रेडिट नहीं दिया गया.
इस तरह कई लोगों ने बादशाह को लताड़ लगाईं है और यूट्यूब से अनुरोध किया है कि वो ये वीडियो हटा लें.
इस तरह कई लोगों ने बादशाह को लताड़ लगाईं है और यूट्यूब से अनुरोध किया है कि वो ये वीडियो हटा लें.

रतन कहार
पश्चिम बंगाल के बीरभूम डिस्ट्रिक्ट का छोटा सा गांव नागुरी. एक घर टूटा हुआ, सामान बिखरा हुआ. पास में कूड़े का ढेर. सरकारी आदेश के चलते रतन कहार का घर गिरा दिया गया. उनके घर वालों का कहना है कि अगर लोगों को पता होता कि रतन इतना मीठा गाते हैं. अगर वो एक मशहूर सिंगर होते तो ये घर कभी न गिराया जाता. 'इन्फिनिटी वेव्स प्रोडक्शन' नाम के यूट्यूब चैनल पर एक छोटी सी डाक्यूमेंट्री से ये बात पता चलती है.
इस आर्टिकल को लिखते वक़्त तक गाने के यूट्यूब पर 6 करोड़ से ज्यादा व्यू हो चुके हैं. ये बताने की ज़रुरत नहीं कि सोनी म्यूजिक देश की सबसे बड़ी म्यूजिक कंपनियों में से एक है. बादशाह एक गीत के कई लाख लेते होंगे. ये कोई जजमेंट नहीं. ये उनका मेहनताना है. उन्हें मिलना चाहिए. मगर जिस व्यक्ति ने इस गीत को असल में लिखा है, उसके पास आज बेटी के लिए एक हारमोनियम लाने के पैसे नहीं है.
म्यूजिक से बेहद प्यार करने वाली बेटी कॉलेज नहीं जा पाई. न ही रतन के बाकी तीन बच्चे. उनका बेटा कहता है:
पिताजी बस गीत गाते हैं. जीवन में और कुछ कर नहीं पाए. उनके गीत गाकर दूसरों ने खूब पैसे जरूर बना लिए.
कैसे हुई 'चोरी'
रतन कहार के मुताबिक़:
'मैंने 1972 में ये गीत लिखा. मैं आकाशवाणी कोलकाता में गाने गया. वहां से मुझे दोतारा प्लेयर परितोष रॉय एक अंडरग्राउंड जगह पर ले गए. एक फॉर्म लेकर आए. उसमें मेरे चार गीत लिखे थे. मुझसे पूछा कि क्या ये मैंने लिखे हैं. मैंने हां कहा. तो कहा कि अब इस फॉर्म पर साइन करो. मैंने मना किया. तो कहा नहीं करोगे तो बहुत खतरे में आ जाओगे. जबरन मुझसे दस्तखत करवाए गए.'
1976 में ये गाना रिकॉर्ड पर आया. सिंगर स्वप्ना चक्रबर्ती की आवाज में. गज़ब का पॉपुलर हुआ. लिरिक्स के क्रेडिट इसमें भी नहीं थे. केवल बंगाली फोक कहा गया. आज भी सारेगामा के ऑफिशियल चैनल पर गीतकार को क्रेडिट नहीं है.

कहानी गेंदा फूल की
रतन के मुताबिक़ उन्होंने ये गीत एक 'पतिता' को ध्यान में रखकर लिखा था. एक औरत जिसका पति उसे छोड़कर चला गया है. मगर उसके पेट में बच्चा है. औरत बाद में एक कोठे पर वेश्या बन जाती है.
उसकी बेटी अब कुछ बड़ी हो गई है. जिसकी वो चोटी बना रही है. बच्ची का पिता कौन है, ये मां के अलावा कोई नहीं जानता. वो अपनी नन्ही बच्ची को देखकर मोहित हो जाती है. और कहती है:
तुम बड़े बाप की बेटी हो तुम्हारे कितने लंबे बाल हैं तुम्हारे सिर में मैं लगाऊंगी लाल गेंदा फूल
वो आगे कहती है,
देखेछिलाम शाराने आमार शोंगे देखा होबे बाबू'र बागाने
लाल धूलो'र शाराने भालोबाशा दारीन छिलो माथा'र शीताने
यानी, 'मैंने सपने में देखा कि मैं अपने प्रेमी से मिलने बाग़ में गई हूं. लाल मिट्टी वाले इस बाग़ में मेरा प्रेमी मेरे सिर के पास खड़ा है.'
ये वही प्रेम संबंध है जिसके बाद उसके गर्भ में बच्ची आती है.
ज़ाहिर सी बात है. जब यही शब्द बादशाह के नए गीत में आते हैं. उनके मायने बदल जाते हैं. गेंदा फूल जहां असल गीत में ममता का प्रतीक था. नए गीत में वो इरॉटिक मायने अपना लेता है.

ये पहली बार नहीं है कि गेंदे के फूल को सेक्शुअल टेंशन दिखाने के लिए इस्तेमाल किया गया हो. 'दीदी तेरा देवर दीवाना' में भी इसका इस्तेमाल नायिका को 'छेड़ने' के लिए किया गया था.
गीत के मायने बदल जाना उतना खतरनाक नहीं
जितना खतरनाक उसे लिखने वाले को सिस्टमैटिक तरीके से सामूहिक स्मृति से मिटा देना है. एक छोटा सा गूगल सर्च करें तो पाएंगे कि गीत का क्रेडिट पहले 10 रिजल्ट्स में बादशाह को मिलता है. जिस तरह तमाम एल्गॉरिदम काम करते हैं, अगले 50 साल बाद कौन सा सर्च इंजन बताएगा कि असल गीत किसने बनाया था?
रतन के घर की मौजूदा हालत. सोर्स: इन्फ्निटी वेव्स प्रोडक्शन
रतन के घर की मौजूदा हालत. सोर्स: इन्फ्निटी वेव्स प्रोडक्शन

आज जब रतन से पूछा जाता है कि क्रेडिट नहीं मिलता तो उन्हें बुरा नहीं लगता. वो कहते हैं:
'नहीं, बुरा नहीं लगता. ये सब मुझे विचलित नहीं करता. अगर ये सब बातें दिल से लगाकर बैठता तो गाना कबका छोड़ चुका होता. बस बच्चों और पत्नी के लिए खराब लगता है. वो कहते हैं आप कभी अपने हक़ के लिए नहीं लड़ पाए. मुझे सम्मानित खूब किया जाता है. लेकिन सम्मान से किसी को फर्क नहीं पड़ता. पैसे लेकर आओ तभी लोग खुश होते हैं.'