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भिंडरावाले के घर जन्मे आतंकी के बेटे की कहानी, जिसने अमृतपाल को ट्रेनिंग दे खालिस्तानी बनाया

अवतार सिंह खांडा का परिवार भी खालिस्तान मूवमेंट से जुड़ा है.

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अमृतपाल सिंह और अवतार सिंह खांडा (फोटो- इंडिया टुडे)

अमृतपाल सिंह मामले में एक और शख्स का नाम आया है. अवतार सिंह खांडा. लंदन में भारतीय दूतावास के बाहर लगे तिरंगे को उतारने के केस में खांडा को गिरफ्तार किया गया है. हालांकि खांडा का कहना है कि तिरंगा उतारने में वो शामिल नहीं था. खालिस्तान समर्थक परिवार से जुड़ा खांडा पिछले कई सालों से ब्रिटेन की शरण में रह रहा है. पंजाब के मोगा जिले का रहने वाला है. साल 2010 में पढ़ाई के लिए लंदन गया था. लेकिन अब तक भारत वापस नहीं आया.

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साल 2015 में प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ब्रिटेन गए थे. तब ब्रिटेन के प्रधानमंत्री डेविड कैमरन थे. उस दौरान पीएम मोदी ने ब्रिटिश सरकार को एक दस्तावेज सौंपा था, जिसमें उन लोगों के नाम शामिल थे जो "भारत विरोधी" गतिविधि में शामिल थे. इन लोगों की सूची में अवतार सिंह खांडा का नाम भी शामिल था. दस्तावेज में कहा गया था कि कट्टरपंथी संगठन विदेश में सिख युवाओं को उग्रवाद की ट्रेनिंग दे रहे हैं. इस दस्तावेज में खांडा पर आरोप लगाए गए थे कि वह लोगों को हथियार चलाने की ट्रेनिंग दे रहा है. अवतार सिंह खांडा तब शिरोमणि अकाली दल (मान) के यूथ विंग का उपाध्यक्ष था.

खांडा को खालिस्तानी आतंकी जगतार सिंह तारा और बब्बर खालसा इंटरनेशनल के परमजीत सिंह पम्मा का करीबी बताया जाता है. साल 2015 में खांडा अपनी बहन की शादी में भारत वापस आना चाहता था, लेकिन नहीं आ पाया. खांडा के मुताबिक, इसी दस्तावेज के कारण उसे वापस नहीं आने दिया गया.

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मैंने तिरंगा नहीं उतारा- खांडा

इंडिया टुडे से जुड़ीं लोवीना टंडन ने लंदन में दूतावास वाली घटना के बाद अवतार सिंह खांडा से बात की. खांडा ने बताया कि वो दूतावास के बाहर प्रदर्शन में शामिल था लेकिन तिरंगा उसने नहीं उतारा था. उसने कहा कि वहां बहुत सारे सिख थे. पुलिस को भी नहीं पता है कि झंडा किसने उतारा, लेकिन आश्चर्य है कि उसका नाम क्यों लिया जा रहा है.

अवतार सिंह खांडा के मुताबिक, उस दिन (19 मार्च) साउथ हॉल गुरुद्वारा में प्रोटेस्ट का कॉल दिया गया था. उसे भी बुलाया गया था. पंजाब में जो रहा था उसके खिलाफ लंदन स्थित भारतीय दूतावास के बाहर प्रदर्शन करना था. उसने बताया, 

"मैं भी अपने कुछ साथियों के साथ वहां जाने लगा. लेकिन वहां पहुंचने से थोड़ी देर पहले किसी ने बताया कि मत जाओ एंबेसी के बाहर बड़ा बवाल हो गया है. जब हम वहां पहुंचे तो वहां पहले ही पुलिस आ चुकी थी."

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खांडा वापस भारत आना चाहता है. 2010 के बाद वो अपनी मां से नहीं मिला है. उसने कहा कि अगर मौका मिलेगा, सुरक्षा मिलेगी तो कौन पंजाब नहीं जाना चाहेगा. खांडा का दावा है कि जरनैल सिंह भिंडरावाले के परिवार के साथ उसके अच्छे संबंध हैं. भिंडरावाल 1970 के दशक में पंजाब में खालिस्तान आंदोलन का सबसे बड़ा चेहरा था.

भिंडरावाले के घर में जन्म

अवतार के मुताबिक उसका जन्म भी भिंडरावाला के घर (रोडे, मोगा) में हुआ था. उसका पूरा परिवार खालिस्तान मूवमेंट से जुड़ा रहा है. पिता कुलवंत सिंह खुकराना खालिस्तान लिबरेशन फोर्स से जुड़े थे. कुलवंत सिंह 1991 में मारा गया था. खांदा अपने पिता को 'शहीद' बताता है. चाचा बलवंत सिंह खुकराना 1988 में मारा गया था. मामा गुरजंत सिंह बुधसिंहवाला खालिस्तान लिबरेशन फोर्स का चीफ था.

हथियारों की ट्रेनिंग देने के आरोपों पर खांडा ने सफाई दी है. इंडिया टुडे से बातचीत में उसने कहा कि खालिस्तान मूवमेंट से जुड़े होने का मतलब यह नहीं है कि मैं लोगों को हथियार की ट्रेनिंग दे रहा हूं. उसने बताया, 

"अगर मैं ऐसी किसी चीज में शामिल होता तो अभी साल 2023 है. इन आठ सालों में यूके पुलिस को मुझे बुलाना चाहिए था, पूछताछ करनी चाहिए थी या कम से कम एक बार गिरफ्तार करना चाहिए था. लेकिन ऐसा कुछ नहीं हुआ. असल में, सांसदों के निमंत्रण पर मैं तीन या चार बार यूके की संसद गया हूं."

खांडा पर पाकिस्तानी खुफिया एजेंसी ISI से संबंध रखने और फंडिंग लेने का आरोप है. इस पर खांडा ने कहा कि ISI खुद दूसरे देशों से फंडिंग मांग रहा है. लोग खालिस्तान की बात आते ही ISI से जोड़ने लगते हैं. चीन भी है, रूस भी है, उससे क्यों नहीं जोड़ते? उसने कहा कि आंदोलन की फंडिंग सिख संगठनों से मिलती है. 22 मार्च को होने वाले प्रदर्शन का खर्च गुरुद्वारे उठाएंगे.

अमृतपाल के संपर्क में कैसे आया?

अवतार और अमृतपाल फेसबुक के जरिये संपर्क में आए. खांडा के मुताबिक, साल 2014 में उसे फेसबुक पर अमृतपाल का मैसेज आया था. उसने हायर स्टडीज करने वाले लोगों की लिस्ट मांगी थी. अमृतपाल कहां है? इस सवाल के जवाब में अवतार कहता है कि अगर हमें ये पता होता तो हम पुलिस से नहीं पूछ रहे होते. हमने उसके बारे में जानने के लिए याचिका दाखिल की है.

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अंग्रेजी अखबार इंडियन एक्सप्रेस की रिपोर्ट के मुताबिक, अमृतपाल मामले की जांच कर रही जांच एजेंसियों ने बताया है कि अवतार सिंह खांडा, अमृतपाल का "गॉडफादर" रहा है. एजेंसियों ने अखबार को बताया कि अमृतपाल के पंजाब आने से पहले खांडा ने ही उसे पूरी तरह "तैयार" किया था.

एजेंसियां अवतार सिंह खांडा के उन वीडियो की जांच कर रही हैं, जिसमें वह कहता है कि "दीप सिद्धू द्वारा शुरू की गई विरासत को वह जिंदा रखेगा." दीप सिद्धू ने फरवरी 2022 में अपनी मौत से लगभग 6 महीने पहले ‘वारिस पंजाब दे’ संगठन बनाया था. अगस्त, 2022 में अमृतपाल सिंह दुबई से भारत आया और ‘वारिस पंजाब दे’ का मुखिया बन गया. 

जांच अधिकारियों ने भी माना है कि खांडा और अमृतपाल सोशल मीडिया के जरिये संपर्क में आए. हालांकि, अभी तक इसकी पुष्टि नहीं हुई है कि दोनों आमने-सामने मिले हैं या नहीं.

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