The Lallantop

डूबते शिप का कप्तान ग़ायब, गिटार वादक ने कैसे बचाई 500 जानें?

कहानी एक और टाइटैनिक की

post-main-image
गिटारवादक और उनके साथी साजिंदों ने मिलकर 500 लोगों की जान बचाई, ये हादसा एक और टाइटैनिक बन सकता था (तस्वीर: nbcnews )

टाइटैनिक फ़िल्म का एक सीन याद करिए. 

जहाज़ डूब रहा है, बच्चों और महिलाओं को बचाने की कोशिश हो रही है रहा. पूरी शिप में अफ़रा तफ़री मची है. और इस हाल में डेक पर खड़े आठ साज़िंदे संगीत बजा रहे हैं. ये एक असली कहानी है. टायटैनिक में वो आठ अनाम लोग, जिन्हें पता था कि लाइफ़ बोट में जगह नहीं है. फिर भी वो अंत तक संगीत बजाते रहे और जहाज़ के साथ ही डूब गए. ऐसे ही टाइटैनिक के कप्तान भी थे, जिन्होंने डूब जाना चुना लेकिन जहाज़ छोड़ा नहीं. टाइटैनिक की कहानी आप सबने सुनी है. आज आपको सुनाएंगे एक दूसरे जहाज़ की कहानी. जो बीच समंदर डूबने लगा और शिप का अधिकतर क्रू लाइफ़ बोट लेकर रफ़ूचक्कर हो गया. यहां तक की शिप का कप्तान भी ग़ायब होने की फ़िराक़ में था. ऐसे में कमान सम्भाली एक गिटार बजाने वाले ने. और 500 लोगों की जान बचाई. 

डूबता हुआ जहाज़, कप्तान गायब

किसी अंधेरे कमरे में अपनी कुर्सी पर बैठा, एक सरकारी कर्मचारी स्पीकर से कान लगाए हए था. उसका काम - ज़रूरत पड़ने पर मुसीबत में फ़ंसे किसी जहाज़ की पुकार सुनना. दक्षिण अफ़्रीका के डरबन शहर में बैठा वो शख़्स रोज़ इस काम पर आता था. लेकिन इमरजेंसी की कॉल लगभग ही कभी आती थी. आती भी थी तो दिशा भटकने जैसा कोई छोटा मोटा मसला होता. इसके बावजूद काम ज़रूरी था, और जवान मुस्तैद. M

MTS Oceanos
MTS ओशिएनोस जहाज और शिप का कप्तान (तस्वीर: nbcnews )

 3 अगस्त 1991 की रात 11 बजे उसे स्पीकर पर एक आवाज़ सुनाई दी.

'मेडे, मेडे, मेडे' 
मदद की पुकार सुन उसने जवाब दिया, "हां, बताइए, क्या आप मुसीबत में हैं?" 
स्पीकर से आती घबराई सी आवाज़ ने कहा, "हम ओशिएनोस नाम के क्रूज़ शिप से बोल रहे हैं. शिप डूब रहा है" 
कर्मचारी ने पूछा, "आपके पास कितना समय है?"
सामने वाले ने बताया कि जहाज़ में काफ़ी पानी घुस चुका है. और 200 लोग फ़ंसे हुए हैं. तुरंत मदद भेजना ज़रूरी था. इसलिए सरकारी कर्मचारी ने जहाज़ से कॉल कर रहे शख़्स से उसके कोऑर्डिनेट पूछे. सामने वाले ने बताया कि उसे कोऑर्डिनेट नहीं पता हैं.

सरकारी कर्मचारी को लग रहा था, कॉल करने वाला जहाज़ का कप्तान होगा. लेकिन कप्तान होता तो उसे कोऑर्डिनेट पता होते. इसलिए उसने एक बार फिर पूछा, "तुम्हारा रैंक क्या है?"
"कौन सा रैंक, मैं गिटार बजाने वाला हूं", सामने से आवाज़ आई.
मदद भेजने की कोशिश कर रहा शख़्स हैरान था कि इमरजेंसी रेडियो सेट के पास एक गिटार प्लेयर क्या कर रहा है. 
उसने एक बार फिर पूछा,”तुम वहां शिप के ब्रिज पर क्या कर रहे हो, और कौन-कौन हैं वहां?”
सामने से जवाब आया, “यहां और कोई नहीं है, सिवाय मेरी पत्नी के, जो बेस बजाती है, और हमारे साथ एक जादूगर भी है”.
बचाव कर्मचारी अब तक बुरी तरह कनफ़्यूज हो चुका था. डूबता हुआ जहाज़, वो भी क्रूज़ शिप, कप्तान गायब, एक गिटार प्लेयर, और एक जादूगर. आख़िर ये हो क्या रहा था? ये जानने के लिए इस कॉल से ठीक 6 घंटे पहले के घटनाक्रम पर चलते हैं.

जहाज डूबा कैसे?  

ये कहानी शुरू हुई थी ओशिएनोस नाम के एक जहाज़ से. 502ft लम्बा और 66 फ़ीट चौड़ा एक क्रूज़ शिप जिसमें क्रू समेत 750 लोग आ सकते थे. साल 1991 में 3 अगस्त की शाम ये शिप दक्षिण अफ़्रीका के डरबन शहर की ओर रवाना हुआ. कहां से रवाना हुआ? दक्षिण अफ़्रीका के ही एक दूसरे शहर से. ये क्रूज़ शिप था. यानी ऐसा शिप जिसका सफ़र करने वालों को मंज़िल से मतलब नहीं होता. ऐसे समझिए कि पानी के बीच कुछ दिन की मौज मस्ती, ऐश और अति अमीर लोगों के चोंचले.

बहरहाल उस रोज़ शिप में 550 यात्री सवार थे और 250 लोगों का क्रू था. क्रू में यात्रियों के मनोरंजन के लिए कुछ साज़िंदे और एक जादूगर भी शामिल था. 3 अगस्त के रोज़ शाम के 7 बजे क़रीब शिप पर पार्टी चल रही थी. मॉस हिल्स नाम के एक कलाकार ने गिटार सम्भाला था और उनकी पत्नी ट्रेसी बेस बजा रही थी. सारा आयोजन डेक पर हो रहा था कि अचानक मौसम तेज़ी से बदलने लगा. तेज हवाओं के साथ तूफ़ान की आशंका के चलते सब लोग अंदर चले गए. लेकिन पार्टी जारी रही. सबको लग रहा था मौसम गुजर जाएगा, लेकिन वक्त के साथ वो और ख़राब होता गया. और तेज लहरों में जहाज़ ज़ोरों के हिचकोले खाने लगा.

साल 2022 में BBC की पत्रकार सारा मैकडरमौट के साथ बातचीत में मॉस हिल्स बताते हैं,

"गीत संगीत और नाच गाना चल ही रहा था कि अचानक जहाज़ तेज़ी से हिला. अंदर टेबल और कुर्सी में रखी चीजें इधर उधर गिरने लगे. वेटर्स के हाथ में रखी प्लेट्स भी गिर गई. जो लोग कुर्सी पर बैठे थे, वो भी ज़मीन पर लुढ़क रहे थे".

MTS Oceanos
लोग इधर से उधर लुड़क रहे थे (तस्वीर : nbcnews)

मौसम ख़राब था. ऐसे में जहाज़ का हिलना डुलना सामान्य बात थी. लेकिन कुछ देर बाद कुछ ऐसा हुआ जिससे सब लोगों की सांस अटक गई. मॉस हिल्स का ग्रुप संगीत बजा रहा था की अचानक तेज की आवाज हुई. मानों किसी ने एक बड़े हुए घूमते हुए चक्के को अड़ंगा लगाकर रोक दिया हो. पूरी शिप की बिजली चली गई और अंधेरा हो गया. लोगों को जो मिला, वो उसे पकड़कर संभलने की कोशिश करने लगे.

मॉस हिल्स बताते हैं, "स्टेज पर मुझे कुछ अजीब सा महसूस हुआ. मानों किसी चीज़ की कमी है. बाद में मुझे अहसास हुआ शिप के इंजन की तेज आवाज़ बंद हो गई है. ये सोचकर मैं बहुत ही ज़्यादा घबरा गया".

माझी जो नाव डुबोये, उसे कौन बचाये?

हिल्स का घबराना ज़ायज था. ओशिएनोस जहाज़ के इंजन रूम में पानी घुस आया था. ख़राब मेंटेंनेट्स के चलते शिप के तलवे में लगे एक पाइप में छेद हो गया. और समंदर का पानी जहाज़ के अंदर घुस गया. पानी सबसे पहले इंजन के पास पहुंचा. और इंजन ठप्प पड़ गया. यानी बीच समंदर में जहाज़ अब सिर्फ़ मौसम और क़िस्मत के भरोसे था. हवाएं इतनी तेज थी कि कई टन का जहाज़ सूखी पत्ती की तरफ़ लहरा रहा था. उसे आगे बढ़ाने वाला इंजन बंद पड़ चुका था. और उसके पास जाने के एक ही रास्ता बचा था. बदक़िस्मती से ये रास्ता समंदर की तलहटी की ओर जाता था. यानी जहाज़ डूबने वाला था. और उसे डूबने से कोई नहीं बचा सकता था. अंदर अंधेरे में लोग ज़मीन पर बैठे हुए थे. उन्हें इंतज़ार था कि क्रू और जहाज़ का कप्तान, उन्हें आगे क्या करना है, ये बताएंगे. लेकिन जैसा किसी महान लेखक ने पूछा है, 

मजधार में नैया डोले, तो माझी पार लगाये
माझी जो नाव डुबोये, उसे कौन बचाये?

इस शिप के माझी यानी कप्तान का नाम था यीआनिस अरवानिस. अरवानिस को जहाज़ चलाने का 30 साल का अनुभव था. लेकिन ये जहाज़ चल नहीं सकता था. ऐसे में उनकी ज़िम्मेदारी यात्रियों को बचाने की थी. उनके पीछे नाविकों की एक लम्बी परम्परा थी, जिसमें माना जाता था कि कप्तान तब तक जहाज़ को नहीं छोड़ेगा जब तक सारे लोग उसमें से निकल ना जाएं. बाक़ायदा इतिहास में ऐसी मिसालें भी थी, जिनमें कप्तान ने जहाज़ के साथ ही डूब जाना चुना लेकिन जहाज़ छोड़ा नहीं. अरवानिस साहब ने क्या किया?

मॉस हिल्स के अनुसार शिप का इंजन रुकने के कुछ देर बाद उनकी मुलाक़ात क्रूज़ डायरेक्टर से हुई. डायरेक्टर ने बताया कि कप्तान ने सबसे कहा है शिप छोड़ कर चले जाएं. शिप छोड़ने के लिए लाइफ़ बोट्स की ज़रूरत थी. उन्हें पानी में उतारने का काम शिप के कप्तान और बाक़ी अफसरों का था. लेकिन जैसे ही मॉस हिल्स डेक पर आए. उन्हें पता चला कि अधिकतर क्रू और अफ़सर एक लाइफ़ बोट लेकर पहले ही भाग चुके हैं. और कप्तान?

कप्तान खुद शिप छोड़कर भागने की फ़िराक़ में थे. लेकिन ऐन मौक़े पर किसी ने उन्हें लाइफ़ बोट से वापिस शिप में खींच लिया. इसलिए कप्तान साहब सिर झुकाए हुए एक कोने में खड़े हुए थे. और हाथों में उन्होंने एक सिगरेट जलाई हुई थी. बाद में जब उनसे इस बाबत पूछताछ हुई, उन्होंने अपनी सफ़ाई में कहा, "जब मैंने शिप छोड़ने का आदेश दे दिया, इसके बाद क्या फ़र्क़ पड़ता है कि मैं शिप किस वक्त पर छोड़ता हूं. अगर कुछ लोग रुकना चाहते थे, तो उसमें मैं क्या कर सकता था".

MTS Oceanos
शिप के सभी लोगों को बचा लिया गया (तस्वीर: nbcnews )

 असल बात ये थी कि शिप पर कोई अनाउनसमेंट नहीं हुआ था कि आगे क्या करना है. मॉस और उनके साथियों को अहसास हुआ कि अगर जान बचानी है तो उन्हें खुद ही अपने मदद करनी होगी. मॉस को बचाव कार्य का कोई तजुर्बा नहीं था. इसके बावजूद उन्होंने अपने साथियों की मदद से लाइफ़ बोट्स को पानी में उतारा और क़रीब 300 लोगों को सुरक्षित निकाल लिया. जब तक लोग लाइफ़ बोट में चढ़े, शिप लगभग तिरछा हो चुका था. और तेज़ी से पानी के अंदर जा रहा था. और लाइफ़ बोट उतारने की सम्भावना नहीं थी. जबकि 200 से ज़्यादा लोग अभी भी शिप पर फ़ंसे हुए थे. 

गिटारवादक ने बचाए 500 लोग!

मॉस और उनके साथी भागकर शिप के ब्रिज तक पहुंचे. उन्हें उम्मीद थी शिप के कप्तान वहां होंगे, या कम से कम कोई अफ़सर होगा. लेकिन वहां सब नदारद थे. वहां नारंगी रंग की लाइटें जल रही थीं. कई बटन थे. लेकिन किसी को भी अंदाज़ा नहीं था कि उनका इस्तेमाल कैसे करना है. तभी मॉस को वहां एक रेडियो दिखाई दिया. रेडियो उठाकर उन्होंने इमरजेंसी का सिग्नल भेजा. क़िस्मत से दूर तट पर बैठे एक व्यक्ति ने ये सिग्नल पकड़ा और मॉस से बातचीत की. ये वही बातचीत थी, जिसके बारे में हमने शुरू में बताया था.

मॉस को ये तक पता नहीं था कि शिप के को ऑर्डिनेट क्या है. फ़िर भी किसी तरह उस शख़्स ने उन्हें पास ही मौजूद एक शिप से कनेक्ट किया. उस शिप ने ओशिएनोस जहाज़ का पता तट रक्षकों को बताया. तुरंत दक्षिण अफ़्रीकी नेवी के हेलिकॉप्टर रवाना हुए और शिप तक पहुंचे. पहला हेलिकॉप्टर जब पहुंचा, शिप के कप्तान तब भी ज़िद पर अड़े थे कि पहले वो जाएंगे. इसकी सफ़ाई देते हुए उन्होंने कहा कि वो हेलिकॉप्टर से रेस्क्यू ऑपरेशन की देख रेख करना चाहते थे.

टायटैनिक की ही तरह, जब ओशिएनोस जहाज़ से लोगों को बचाया जा रहा था, साज़िंदे लोगों को शांत करने के लिए गीत संगीत बजा रहे थे. इस दौरान एक दिलचस्प वाक़या भी हुआ. 
एलवन कोलिजन नाम के एक कैब्रे डांसर गाना गाकर लोगों का ध्यान बंटाने की कोशिश कर रहे थे. उन्होंने एक गाना गाना शुरू किया, जिसके बोल थे, "बाय बाय अमेरिकन पाई". लेकिन तभी उन्हें अहसास हुआ कि गाने के अगले बोल मौक़े के हिसाब से ग़लत हैं, और उन्होंने गाना बदल दिया. गाने के अगले बोल थे, "दिस विल बी द डे दैट आइ डाई". 

अच्छी बात ये थी कि इस हादसे में किसी की भी जान नहीं गई. 4 अगस्त की सुबह सब लोगों को हेलिकाप्टर से रेस्क्यू कर लिया गया. ये सब सम्भव हुआ था क्रूज़ पर गिटार बजाने वाले मॉस हिल्स और उनकी पत्नी ट्रेसी के कारण जो सबसे आख़िर में शिप से रेस्क्यू किए गए.

वीडियो: तारीख: 'व्हाइट डेथ' दुनिया का सबसे ख़तरनाक स्नाइपर जो मुंह में बर्फ़ दबा के निशाना लगाता था!