'All Eyes on Rafah'. हिंदी में कहें तो- रफ़ाह पर सबकी निगाहें. अगर आप थोड़ा बहुत भी सोशल मीडिया चलाते हैं तो बहुत मुमकिन है कि आपने इसे एक फ़ोटो के साथ लिखा हुआ देखा होगा. लोग इस फोटो को अपने सोशल मीडिया पोस्ट या स्टोरी में शेयर कर रहे हैं. ऐसा करके वो दक्षिणी ग़ाज़ा के रफ़ाह शहर के लिए अपना समर्थन जता रहे हैं. इस अभियान ने दुनियाभर में ज़ोर पकड़ लिया है. अंतरराष्ट्रीय स्तर पर इज़रायल की निंदा की जा रही है. आखिर इस ट्रेंड की शुरुआत हुई कैसे और पूरा मामला क्या है, सब विस्तार से जानते हैं.
All Eyes on Rafah वाला ट्रेंड तो देख ही लिया होगा, पता है इसकी शुरुआत कैसे हुई?
26 मई को इजरायल ने रफ़ाह में एक एयरस्ट्राइक की थी. इस एयरस्ट्राइक में एक शरणार्थी कैंप में रह रहे 45 लोग मारे गए थे. हमले के बाद के दृश्य विचलित करने वाले थे. जैसे ही इस हमले और इससे फैली तबाही की खबर सामने आई, वैश्विक स्तर पर इसकी आलोचना होने लगी.

इस ट्रेंड में जो फोटो दिखाई गई है, उसमें कई सारे तंबू बने हुए हैं. उन्हीं तंबुओं को मिलाकर लिखा गया है- All Eyes on Rafah. दरअसल, 26 मई को इजरायल ने रफ़ाह में एक एयरस्ट्राइक की थी. इस एयरस्ट्राइक में एक शरणार्थी कैंप में रह रहे 45 लोग मारे गए थे. हमले के बाद के दृश्य विचलित करने वाले थे. जैसे ही इस हमले और इससे फैली तबाही की खबर सामने आई, वैश्विक स्तर पर इसकी आलोचना होने लगी. इस हमले के समर्थन में फ़िलीस्तानी शरणार्थियों के लिए संयुक्त राष्ट्र एजेंसी ने X पर पोस्ट शेयर किया. लिखा,
“ग़ाज़ा धरती पर नरक बन गया है. परिवार युद्ध से बचने की कोशिश करते हैं. लेकिन सुरक्षित जगह जैसी कोई चीज़ नहीं है. कोई भी सुरक्षित नहीं है. नागरिक नहीं सहायताकर्मी नहीं, किसी को भी नहीं बख्शा गया है. हमें तुरंत सीज़फ़ायर की ज़रूरत है.”
इसके बाद मामले ने वैश्विक आक्रोश को जन्म दिया है. लोगों ने हमास और इज़रायल के बीच युद्ध विराम की मांग की है. इजरायल के प्रधानमंत्री बेंजामिन नेतन्याहू ने इसे एक 'दुखद गलती' बताया. रफ़ाह पर ये हमला संयुक्त राष्ट्र अंतर्राष्ट्रीय न्यायालय (ICJ) के फैसले के दो दिन बाद हुआ, जिसमें अदालत ने इजरायल को शहर पर हमला रोकने का आदेश दिया था. इस आदेश को 15 में से 13 जजों का समर्थन प्राप्त हुआ था.
भारत में इसको लेकर प्रियंका चोपड़ा, वरुण धवन, आलिया भट्ट, सामंथा रूथ प्रभु, त्रिप्ति डिमरी और ऋचा चड्ढा जैसी मशहूर हस्तियों ने ये वाक्य पोस्ट किया. पोस्ट रोहित शर्मा की पत्नी रितिका सजदेह ने भी किया. लेकिन ट्रोलिंग के बाद उन्होंने इसे हटा भी दिया. एक रिपोर्ट के मुताबिक़, 46 मिलियन से भी ज़्यादा इंस्टाग्राम यूज़र्स (गिनती जारी है) ने रफ़ाह की कहानी शेयर की.

फ़र्स्ट पोस्ट की एक ख़बर के मुताबिक़, ये वाक्य फ़िलिस्तीन के अलग-अलग क्षेत्रों में काम करने वाले निदेशक रिक पीपरकोर्न के कॉमेंट से निकला है. फ़रवरी 2024 की बात है. इज़रायल के प्रधानमंत्री बेंजामिन नेतन्याहू ने हमास के बचे हुए गढ़ों को ख़त्म करने के लिए हमला करने की बात कही. नेतन्याहू ने वहां मौजूद नागरिकों को हमलों से पहले शहर से बाहर निकलने के निर्देश दिए थे. उस दौरान रिक पीपरकोर्न ने कहा था, “सभी की निगाहें रफ़ाह पर हैं.”
ऑक्सफ़ैम, सेव द चिल्ड्रन समेत कई मानवाधिकार समूहों ने इसके इस्तेमाल के लिए अपील की है. समूहों ने कहा कि रफ़ाह में जो कुछ हो रहा है, उसे नज़रअंदाज ना किया जाए. क्योंकि बड़ी नागरिक आबादी के बावजूद इज़रायल ने अपना हमला जारी रखा था. इसी के बाद वैश्विक स्तर पर ये वाक्य फ़ैल गया.
रिपोर्ट के मुताबिक़, ये तस्वीर AI के ज़रिए बनाई गई है. AI से बनाए जाने की संभावनाओं को इससे भी बल मिलता है कि इनमें दर्शाए गए तंबू शिविर फैले हुए हैं. फ़ोटो रियलिस्टिक नहीं दिखती, क्योंकि इसमें असमानान्य छायाएं हैं. पैर्टन को बार-बार दोहराया गया है.
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इज़रायल ने दिया जवाबहालांकि, इस बीच इज़रायल ने इसके ख़िलाफ़ एक नया अभियान अभियान चलाया है. इसकी हेडिंग है, "7 अक्टूबर को आपकी नजरें कहां थीं?" इसमें 7 अक्टूबर को हुए हमास के नेतृत्व वाले हमलों का ज़िक्र है, जिसमें 1,200 लोग मारे गए थे.
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