सुप्रीम कोर्ट ने 2006 के मुंबई ट्रेन विस्फोट मामले में बॉम्बे हाईकोर्ट द्वारा 12 आरोपियों को बरी करने के फैसले पर रोक लगा दी है और इस कदम को 'दुर्लभतम' बताया है. मुख्य न्यायाधीश बीआर गवई ने यह टिप्पणी महाराष्ट्र सरकार की उस याचिका पर सुनवाई के दौरान की, जिसमें आरोपियों को बरी करने के फैसले को चुनौती दी गई थी. इससे पहले, हाईकोर्ट ने 2009 के एक ट्रायल कोर्ट के फैसले को पलट दिया था, जिसमें पांच आरोपियों को मौत की सजा और सात को आजीवन कारावास की सजा सुनाई गई थी. महाराष्ट्र एटीएस और सॉलिसिटर जनरल तुषार मेहता के तत्काल अनुरोध पर, प्रक्रियागत मुद्दों के बावजूद, अदालत इस मामले की सुनवाई के लिए सहमत हो गई. सुनवाई के दौरान अदालत के अंदर क्या हुआ, यह जानने के लिए अभी पूरा वीडियो देखें.
मुंबई ब्लास्ट के आरोपी हाईकोर्ट से बरी होने पर सुप्रीम कोर्ट ने क्या कहा?
यह टिप्पणी महाराष्ट्र सरकार की उस याचिका पर सुनवाई के दौरान की, जिसमें आरोपियों को बरी करने के फैसले को चुनौती दी गई थी.
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