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ये सड़क बनी होती तो पहलगाम हमले के बाद तुरंत बाद एक्शन लिया जा सकता था

सरकारों की वोट-बैंक की राजनीति और आर्थिक हितों ने बैसारन में गाड़ी चलने योग्य सड़क नहीं बनने दी.

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मीर फरीद

पहलगाम के बैसरन घास के मैदान का सुदूर स्थान, जहां केवल पैदल या कच्चे रास्ते से टट्टू की सवारी करके पहुंचा जा सकता है. माना जाता है कि आतंकवादियों को नरसंहार करने और सुरक्षा बलों के पहुंचने से पहले भागने में इसी ने अहम भूमिका निभाई. पिछले कई सालों में, बाद की सरकारों की वोट-बैंक की राजनीति और आर्थिक हितों ने बैसारन में गाड़ी चलने योग्य सड़क नहीं बनने दी. क्या है पूरी अपडेट, जानने के लिए देखें कश्मीर से मीर फरीद की ये रिपोर्ट.