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लद्दाख में बारिश का कहर, 930 फीसदी ज्यादा हुई बारिश, सकते में आए मौसम वैज्ञानिक

IIT भुवनेश्वर की एक नई स्टडी में दावा किया गया है कि भारत में इस तरह की तेज और अचानक बारिश वाली घटनाएं बढ़ती जा रही हैं. सिर्फ बारिश ही नहीं लद्दाख पिघलते ग्लेशियरों की चुनौती का भी सामना कर रहा है. इसकी वजह से आने वाले वक्त में इस इलाके में पानी की कमी हो सकती है.

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लेह में 55 MM बारिश दर्ज की गई, जबकि मासिक औसत 5.6 MM है. (फाइल फोटो- PTI)

लद्दाख में हो रही रिकॉर्डतोड़ बारिश मौसम वैज्ञानिकों के लिए चिंता का विषय बनती जा रही है. यहां के बारिश के पैटर्न में शिफ्ट देखा जा रहा है. बीते महीने अगस्त में यहां रिकॉर्डतोड़ बारिश हुई. आमतौर पर यहां अगस्त महीने में सिर्फ 4.8 mm बारिश हुआ करती थी. लेकिन इस साल अगस्त में यहां 49.5 mm बारिश दर्ज की गई, जो औसत की तुलना में 930 प्रतिशत ज्यादा है. 

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इंडिया टुडे की रिपोर्ट के मुताबिक, अगस्त 2025 का महीना लद्दाख के इतिहास में सबसे ज्यादा बारिश वाला महीना बन गया है. लेह की बात करें तो यहां इस बार 55 mm बारिश हुई. यह सामान्य 5.6 mm से काफी ज्यादा है. उधर, करगिल में भी कुछ ऐसा ही हाल है. इस जिले में अगस्त में औसतन सिर्फ 2 mm पानी गिरता था. लेकिन इस बार यहां भी भी 32.6 mm बारिश हुई. इस ताबड़तोड़ बारिश ने इलाके में भारी तबाही मचाई. इसकी वजह से कई सड़क और हवाई मार्ग बंद हो गए. कई गांवों के आपस में संपर्क टूट गए. अचनाक आई बाढ़ ने पुल, खेत और जरूरी इंफ्रास्ट्रक्चर को काफी नुकसान पहुंचाया. 

मौसम के जानकारों और वैज्ञानिकों ने इसके पीछे साउथ-वेस्ट मॉनसून और वेस्टर्न डिस्टर्बेंस को कारण माना है. उनका मानना है कि वेस्टर्न डिस्टर्बेंस और साउथ-वेस्ट मॉनसून का असामन्य मेल हुआ, जिसने  नॉर्थ-वेस्ट भारत खासकर लद्दाख के ऊपर आकर भारी और लगातार बारिश पैदा की. वहीं, उत्तर भारत में लंबे वक्त तक मॉनसून ट्रफ का फंसा रहना और बंगाल की खाड़ी से कई लो-प्रेशर सिस्टम उत्तर-पश्चिम की ओर बढ़ने ने इस बारिश में और इजाफा किया.

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विशेषज्ञों का कहना है कि इसे सिर्फ मौसम का बदलाव नहीं कहा जा सकता, जो कभी-कभी होता है. असल में यह जलवायु परिवर्तन का प्रत्यक्ष उदाहरण है. यही वजह है कि लद्दाख जैसे शुष्क इलाकों में भी अचानक और अत्यधिक बारिश की संभावना बनी. कुछ इलाकों में तो अगस्त में बर्फबारी भी हुई, जो अगस्त के महीने में अमूमन पहले कभी नहीं होती थी. इसकी वजह से कई त्योहार रद्द करने पड़े और फ्लाइट्स तक कैंसल करनी पड़ीं.

IIT भुवनेश्वर की एक नई स्टडी में दावा किया गया है कि भारत में इस तरह की तेज और अचानक बारिश वाली घटनाएं बढ़ती जा रही हैं. सिर्फ बारिश ही नहीं लद्दाख पिघलते ग्लेशियरों की चुनौती का भी सामना कर रहा है. इसकी वजह से आने वाले वक्त में इस इलाके में पानी की कमी हो सकती है. सरकारी एजेंसियों ने चेतावनी दी है कि ऐसे मौसम अब सामान्य हो सकते हैं. इससे लद्दाख और पूरे हिमालय क्षेत्र की नाजुक स्थिति को बड़ा खतरा है.

वीडियो: सेहतः बारिश के मौसम में फंगल इंफेक्शन से ऐसे बचें!

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