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लाल किला बम ब्लास्ट में डॉ. उमर का साथ देने वाला दानिश कौन है?

कार बम ब्लास्ट से पहले दानिश ने ड्रोन को मॉडिफाई करके हमले में टेक्निकल सपोर्ट दिया था. इतना ही नहीं उनसे रॉकेट बनाने की कोशिश भी की थी.

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दानिश की उमर से पहली मुलाकात कश्मीर के एक मस्जिद में हुई थी. (फोटो- इंडिया टुडे)

दिल्ली बम ब्लास्ट केस में NIA ने जसीर बिलाल उर्फ दानिश नाम के आरोपी को गिरफ्तार किया है. इस हादसे में 14 लोगों की मौत हो गई है. लाल किले पर हुए बम ब्लास्ट का आरोपी डॉक्टर उमर, दानिश को दिल्ली बम धमाके के लिए सुसाइड बॉम्बर बनाने की ट्रेनिंग दे रहा था. दानिश अनंतनाग के काजीगुंड का रहने वाला है और उमर को टेक्निकल सपोर्ट भी देता था.

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पिता ने खुद को आग लगाई, मौत

NIA सूत्रों के मुताबिक, दानिश न सिर्फ उमर के साथ बम धमाका साजिश में शामिल था, बल्कि उमर ने उसे फिदायीन (आत्मघाती) हमला करने के लिए भी तैयार रहने को कहा था. दानिश जम्मू-कश्मीर के अनंतनाग जिले के काजीगुंड का रहने वाला है. उसके पिता ड्राई फ्रूट बेचते थे. इंडिया टुडे से जुड़े अरविंद ओझा की रिपोर्ट के मुताबिक रविवार, 16 नवंबर को दानिश के पिता बिलाल अहमद ने खुद को आग लगा ली थी. जम्मू-कश्मीर पुलिस ने उन्हें उनके बेटों से मिलने से मना कर दिया था. जिसके बाद बिलाल ने ये कदम उठाया. सोमवार, 17 नवंबर को श्रीनगर के एक अस्पताल में उनकी मौत हो गई.

रॉकेट बनाने की कोशिश की थी

रिपोर्ट के अनुसार कार बम ब्लास्ट से पहले दानिश ने ड्रोन को मॉडिफाई करके हमले में टेक्निकल सपोर्ट दिया था. इतना ही नहीं उनसे रॉकेट बनाने की कोशिश भी की थी. NIA की जांच में खुलासा हुआ है कि दानिश ने कथित तौर पर ड्रोन में बदलाव करके रॉकेट बनाने की कोशिश की थी. और आतंकी हमलों के लिए तकनीकी सहायता दी थी. वो इस हमले का सक्रिय साजिशकर्ता था और आतंकी उमर उन नबी के साथ मिलकर इस आतंकी साजिश की प्लानिंग कर रहा था.

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उमर से मस्जिद में मिला

दानिश की उमर से पहली मुलाकात कश्मीर के एक मस्जिद में हुई थी. जहां कथित तौर पर उमर ने उसे ब्रेनवॉश किया था. सूत्रों के मुताबिक, दानिश न सिर्फ उमर के साथ बम धमाके की साजिश में शामिल था, बल्कि उसे फिदायीन हमला करने के लिए भी तैयार रहने को कहा गया था.

इससे पहले NIA ने जम्मू-कश्मीर के पंपोर स्थित संबूरा के रहने वाले आमिर रशीद अली को गिरफ्तार किया था. जो कथित रूप से बॉम्बर के साथ मिलकर इस हमले को अंजाम देने की साजिश रच रहा था. ब्लास्ट में इस्तेमाल हुई गाड़ी उसी के नाम पर रजिस्टर्ड थी. जांच में लगे अधिकारियों का कहना है कि वो दिल्ली तक आया था, ताकि गाड़ी खरीदने में मदद कर सके. जिसे बाद इसी कार को IED से भरा बम बना दिया गया.

73 लोगों से पूछताछ

इस मामले में NIA ने अब तक 73 गवाहों से पूछताछ की है, जिनमें हमले में घायल हुए कई लोग भी शामिल हैं. एजेंसी दिल्ली पुलिस, जम्मू-कश्मीर पुलिस, हरियाणा पुलिस, उत्तर प्रदेश पुलिस और अन्य एजेंसियों के साथ मिलकर इस ब्लास्ट की जांच में लगी है.

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