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बंगाल में 527 अधिकारियों का ट्रांसफर, BJP ने SIR को बताया वजह

West Bengal में बड़े प्रशासनिक फेरबदल पर BJP ने TMC पर हमला बोला है. BJP को शक है कि इतने बड़े पैमाने पर अधिकारियों का ट्रांसफर करने का मकसद पश्चिम बंगाल में SIR की प्रक्रिया में रुकावट डालना हो सकता है.

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527 अधिकारियों के ट्रांसफर पर BJP ने ममता बनर्जी सरकार पर निशाना साधा है. (PTI)
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इंद्रजीत कुंडू

पश्चिम बंगाल सरकार ने वोटर लिस्ट के विशेष गहन पुनरीक्षण (Special Intensive Revision - SIR) से पहले 527 अधिकारियों का तबादला कर दिया है. इतने बड़े पैमाने पर अधिकारियों को इधर-उधर करने की वजह से इसे अब तक के सबसे बड़े प्रशासनिक फेरबदल में से एक माना जा रहा है. मुख्यमंत्री ममता बनर्जी की सरकार ने सोमवार, 27 अक्टूबर को इन सभी अधिकारियों की लिस्ट जारी की.

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527 अधिकारियों में भारतीय सिविल सेवा (IAS) और पश्चिम बंगाल सिविल सेवा (WBCS) के अधिकारी शामिल हैं. इंडिया टुडे से जुड़े इंद्रजीत कुंडू की रिपोर्ट के मुताबिक, ट्रांसफर का नोटिफिकेशन 24 अक्टूबर को जारी किया गया था, लेकिन लिस्ट 27 अक्टूबर को जारी की गई. इसमें उत्तर 24 परगना, दक्षिण 24 परगना, हुगली, दक्षिण दिनाजपुर, कलिम्पोंग, पश्चिम मिदनापुर, कूचबिहार, मुर्शिदाबाद, पुरुलिया, दार्जिलिंग, मालदा, बीरभूम, झाड़ग्राम और पूर्वी मिदनापुर के जिला मजिस्ट्रेट (DM) शामिल हैं.

हिंदुस्तान टाइम्स की रिपोर्ट के मुताबिक, राज्य सचिवालय के एक सीनियर अधिकारी ने बताया,

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"ऑफिसर्स ऑन स्पेशनल ड्यूटी(OSD), निदेशक, विशेष सचिव, जिला मजिस्ट्रेट, अतिरिक्त जिला मजिस्ट्रेट, उप-मंडल अधिकारी (SDO) और यहां तक ​​कि BDO समेत विभिन्न रैंकों के लगभग 527 IAS और WBCS अधिकारियों का तबादला कर दिया गया है."

इस फेरबदल ने बंगाल में नया राजनीतिक तूफान खड़ा कर दिया है. भारतीय जनता पार्टी (BJP) के नेताओं ने आरोप लगाया है कि यह कदम SIR प्रक्रिया में अड़चन पैदा करने के लिए उठाया गया है. BJP नेता सजल घोष ने मीडिया को बताया,

“तृणमूल कांग्रेस (TMC) अच्छी तरह जानती है कि अगर पश्चिम बंगाल में SIR लागू किया गया, तो वो सत्ता में नहीं रह पाएगी और ममता बनर्जी राज्य की पूर्व मुख्यमंत्री बन जाएंगी. इसलिए TMC राज्य में SIR होने का कड़ा विरोध कर रही है, जहां 2026 में चुनाव होने हैं. इन तबादलों के पीछे का असली मकसद अभी साफ नहीं है. हमें यह जानने के लिए कुछ समय इंतजार करना होगा कि क्या यह तबादला राज्य में SIR प्रक्रिया को रोकने की TMC सरकार की एक और कोशिश है."

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हालांकि, TMC ने पलटवार करते हुए कहा कि यह एक नियमित तबादला था. TMC ने दावा किया कि वो चुनाव जीतने के लिए नौकरशाहों पर निर्भर नहीं है. TMC के राज्य प्रवक्ता देबांग्शु भट्टाचार्य ने जवाब दिया,

"चाहे 2019 हो, 2021 हो या 2024, BJP के नेतृत्व वाली केंद्र सरकार ने चुनावों में फायदा उठाने के लिए कई अधिकारियों का तबादला किया है. उन्हें लगता है कि अधिकारियों का तबादला करके वे चुनाव जीत सकते हैं. TMC चुनाव जीतने के लिए जनता की शक्ति पर निर्भर है. ये सब नियमित तबादले हैं. विपक्ष को कोई मुद्दा नहीं मिल रहा है, इसलिए वो इसे मुद्दा बना रहा है. इस तरह के तबादले साल भर होते रहते हैं."

ट्रांसफर लिस्ट में कोलकाता नगर निगम (KMC) के कमिश्नर धवल जैन, राज्य स्वास्थ्य विभाग के विशेष सचिव यूआर इस्माइल, राज्य उद्योग और वाणिज्य विभाग के विशेष सचिव राजू मिश्रा और पश्चिम बंगाल हाउसिंग इंफ्रास्ट्रक्चर डेवलपमेंट कॉरपोरेशन के प्रबंध निदेशक शशांक सेठी भी शामिल हैं.

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