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'मुस्लिम महिला पर्सनल लॉ बोर्ड' ने वक्फ बिल का समर्थन किया, सरकार से पारदर्शिता की मांग की

Waqf Amendment Bill को लेकर केंद्र सरकार को 'ऑल इंडिया मुस्लिम महिला पर्सनल लॉ बोर्ड' का साथ मिला है. बोर्ड की अध्यक्ष शाइस्ता अंबर ने कहा है कि भाजपा सरकार ने वो किया है जो अब तक की सरकारें नहीं कर पाईं.

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ऑल इंडिया मुस्लिम महिला पर्सनल लॉ बोर्ड की अध्यक्ष शाइस्ता अंबर. (तस्वीर: ANI)

ऑल इंडिया मुस्लिम महिला पर्सनल लॉ बोर्ड ने ‘वक्फ संशोधन विधेयक’ (Waqf Amendment Bill) का समर्थन किया है. सरकार ने इस विधेयक को संसद के दोनों सदनों से पास करा लिया गया है. लोकसभा में इस मामले को लेकर 12 घंटे से ज्यादा बहस चली. लभगभ इतनी ही अवधि तक राज्यसभा में भी चर्चा हुई. भाजपा को अपने सहयोगी दलों का साथ मिला और अब ये बिल राष्ट्रपति के पास है. 

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अब इसको लेकर ऑल इंडिया मुस्लिम महिला पर्सनल लॉ बोर्ड की अध्यक्ष शाइस्ता अंबर का बयान आया है. न्यूज एजेंसी ANI की रिपोर्ट के मुताबिक, उन्होंने कहा है,

सकारात्मक काम होना चाहिए. पहले की सरकारों और धर्मगुरुओं को वो कदम उठाना चाहिए था जो सरकार ने अब उठाया है... जो लोग वक्फ को दान देते हैं, उनकी मंशा होती है कि उनका दान गरीबों के काम आएगा... लेकिन ऐसा नहीं हो रहा था. ऐसा नहीं है कि सभी वक्फ की जमीनों का दुरुपयोग हुआ, लेकिन वक्फ बोर्ड ने ईमानदारी से काम नहीं किया. उनको जो करना चाहिए था, वो नहीं किया. हम सरकार से उम्मीद और अनुरोध करते हैं कि अगर बिल आया है, तो वक्फ की जमीनों का इस्तेमाल पूरी पारदर्शिता के साथ गरीब तबके के लिए किया जाए... 

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उन्होंने आगे कहा,

आज तक किसी भी सरकार ने मुसलमानों के लिए काम नहीं किया. उन्होंने सिर्फ वोटों की राजनीति की. हम भाजपा सरकार से आग्रह करते हैं कि वो महिलाओं को उनके अधिकार दें और वक्फ बोर्ड में पारदर्शिता लाएं. दूसरी पार्टियों ने अब तक क्या किया? क्या वो सो रहे थे? मैं मौजूदा सरकार से अनुरोध करती हूं कि आज तक जो भी हुआ… अब उन्हें वक्फ की जमीनों को मुक्त कराने में मदद करनी चाहिए. अवैध कब्जे वाले जमीनों की जांच होनी चाहिए और दोषियों के खिलाफ कार्रवाई होनी चाहिए.

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सुप्रीम कोर्ट में दी गई चुनौती

दोनों सदनों से इस बिल के पास होने के बाद, देश के कुछ हिस्सों में इसके खिलाफ विरोध प्रदर्शन भी हुए हैं. 4 अप्रैल को गुजरात, पश्चिम बंगाल, बिहार से ऐसी खबरें आईं. हालांकि, किसी भी राज्य में हालात काबू से बाहर नहीं हुए. कुछ जगहों पर पुलिस ने लोगों को हिरासत में भी लिया.

सुप्रीम कोर्ट में इस बिल के विरोध में चार अलग-अलग याचिकाएं दायर हुई हैं. कांग्रेस सांसद मोहम्मद जावेद, AIMIM प्रमुख असदुद्दीन ओवैसी और AAP विधायक अमानतुल्लाह खान ने इस बिल को चुनौती दी है. इनके अलावा 'एसोसिएशन फॉर द प्रोटेक्शन इन द मैटर ऑफ सिविल राइट्स' ने भी उच्चतम न्यायाल में याचिका दायर की है.

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