उत्तराखंड हाई कोर्ट (Uttarakhand High Court) ने यूनिफॉर्म सिविल कोड (Uniform Civil Code) से प्रभावित लोगों को बड़ी राहत दी है. UCC के तहत की जाने वाले कार्रवाई से असंतुष्ट लोग कोर्ट का दरवाजा खटखटा सकते हैं. उत्तराखंड सरकार ने कुछ दिन पहले UCC लागू करने की घोषणा की थी. उत्तराखंड ऐसा करने वाला देश का पहला राज्य बन गया है.
'UCC से प्रभावित लोग कोर्ट के पास आ सकते हैं... ' उत्तराखंड हाई कोर्ट ने बड़ा आदेश दे दिया
Uttarakhand High Court ने कहा कि Uniform Civil Code के तहत कार्रवाई का सामना करने वाला कोई भी व्यक्ति कोर्ट आ सकता है. कोर्ट में उसकी सुनवाई की जाएगी. कोर्ट ने यह आदेश UCC के खिलाफ दायर की गई याचिकाओं पर सुनवाई के दौरान दिया है.

लाइव लॉ की रिपोर्ट के मुताबिक, हाई कोर्ट ने यह आदेश UCC लागू करने के विरोध में दायर की गई याचिकाओं पर सुनवाई के दौरान दिया. हाई कोर्ट की बेंच ने सुनवाई के दौरान कहा,
यदि कोई व्यक्ति प्रभावित है तो वो इस बेंच को अप्रोच कर सकता है. यदि कोई कार्रवाई हुई हो तो कृपया हमारे पास आएं.
याचिकाकर्ताओं की ओर से सीनियर एडवोकेट कपिल सिब्बल कोर्ट में पेश हुए थे. उत्तराखंड हाई कोर्ट के चीफ जस्टिस जी नरेंद्र ने उनको संबोधित करते हुए कहा कि UCC के तहत कार्रवाई का सामना करने वाला कोई भी व्यक्ति कोर्ट आ सकता है. यहां उसकी सुनवाई की जाएगी. इससे पहले हाई कोर्ट ने उत्तराखंड सरकार को नोटिस जारी कर नए कानून को चुनौती देने वाली याचिकाओं पर जवाब मांगा था.
हाई कोर्ट का ये आदेश UCC के मिसयूज के खिलाफ उत्तराखंड सरकार की सख्त चेतावनी जारी करने के बाद आया है. 13 फरवरी को उत्तराखंड सरकार ने एक आधिकारिक बयान जारी कर UCC के खिलाफ पुलिस में झूठी शिकायत दर्ज कराने वालों पर जुर्माना लगाने का एलान किया था. जुर्माने को लैंड रेवेन्यू के तौर पर वसूला जाएगा.
उत्तराखंड सरकार ने UCC के दुरुपयोग को रोकने के लिए एक स्ट्रक्चर्ड पेनल्टी सिस्टम बनाया है. UCC के चैप्टर 6, नियम 20 (उपधारा 02) के तहत झूठी शिकायत करने वालों को पहली गलती के लिए चेतावनी दी जाएगी. फिर वे दोबारा ऐसी गलती करते हैं तो उन पर 5 हजार रुपये का जुर्माना लगाया जाएगा. और तीसरी गलती पर जुर्माने की राशि बढ़कर दस हजार हो जाएगी.
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जुर्माना 45 दिनों के भीतर ऑनलाइन जमा करना होगा. अगर ऐसा नहीं होता है तो जुर्माने को वसूलने में तहसील अधिकारी की मदद ली जाएगी. सरकार ने बताया कि इस प्रावधान का उद्देश्य उत्पीड़न को रोकना और UCC के तहत किए जाने वाले रजिस्ट्रेशन को विवादों से दूर रखना है. उत्तराखंड की बीजेपी सरकार ने 27 जनवरी को राज्य में UCC लागू किया था.
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