टैरिफ समेत कई मुद्दों को लेकर भारत और अमेरिका संबंधों में तनातनी जारी है. अब इन विषयों को लेकर अमेरिका के भीतर की कलई खुलने लगी है. अमेरिका में कानून बनाने वाले 19 सांसदों ने ट्रंप को पत्र लिखकर भारत के साथ रिश्ते सुधारने की मांग की है. अमेरिकी कांग्रेस के इन 19 सदस्यों का कहना है कि ट्रंप प्रशासन द्वारा भारतीय सामानों पर 50 प्रतिशत टैरिफ लगाने की वजह से दोनों देशों के रिश्तों में तनाव आ गया है. इसका नकारात्मक असर दोनों देशों पर पड़ रहा है. उन्होंने कई मुद्दों को लेकर ट्रंप प्रशासन को चेतावनी भी दी है.
‘भारत से तुरंत रिश्ते सुधारें...’ अमेरिकी सांसदों की ट्रंप को चेतावनी
Indo-US Relations: अमेरिकी कांग्रेस के 19 सदस्यों के एक ग्रुप ने 8 अक्टूबर को ट्रंप को यह पत्र लिखा. कांग्रेस सदस्यों पत्र में इस बात का भी जिक्र किया कि आखिर एक व्यापारिक साझेदार के रूप में भारत कितना अहम है. कहा कि अमेरिका की मैन्युफैक्चरिंग इंडस्ट्री कई प्रमुख इनपुट के लिए भारत पर निर्भर हैं.


मीडिया रिपोर्ट्स के मुताबिक, अमेरिकी कांग्रेस के 19 सदस्यों के एक ग्रुप ने 8 अक्टूबर को ट्रंप को यह पत्र लिखा. कांग्रेस महिला सदस्य डेबोरा रॉस और कांग्रेस सदस्य रो खन्ना के नेतृत्व में अमेरिकी सांसदों ने ट्रंप से आग्रह किया कि वह भारत के साथ इस महत्वपूर्ण साझेदारी को फिर से स्थापित करें. साथ ही 50 प्रतिशत टैरिफ के फैसले भी वापस लें.
सांसदों ने बताया क्या असर पड़ रहासांसदों ने पत्र में लिखा कि अगस्त 2025 के आखिर में ट्रंप प्रशासन ने भारतीय सामानों पर टैरिफ को 50 प्रतिशत तक बढ़ा दिया है. इसमें रूस से तेल खरीदने के लिए 25 फीसदी की पेनल्टी भी शामिल है. यह कार्रवाई भारतीय निर्माताओं और अमेरिकी उपभोक्ताओं दोनों को नुकसान पहुंचा रही है. इससे सप्लाई चेन पर भी नकारात्मक असर पड़ रहा है. इनमें कुछ ऐसे सामान भी हैं जिनके आधार पर अमेरिकी कंपनियां अपने उत्पादों को बाजार में लाती हैं.
कांग्रेस सदस्यों ने पत्र में भारत की अहमियत बताई. कहा कि एक व्यापारिक साझेदार के रूप में भारत बेहद अहम है. साथ ही कहा कि अमेरिका की मैन्युफैक्चरिंग इंडस्ट्री सेमीकंडक्टर से लेकर स्वास्थ्य सेवा और ऊर्जा तक, सभी क्षेत्रों में प्रमुख इनपुट के लिए भारत पर निर्भर हैं.

उन्होंने लिखा कि भारत में निवेश करने वाली अमेरिकी कंपनियां दुनिया के सबसे तेजी से बढ़ते उपभोक्ता बाजारों में से एक तक पहुंच प्राप्त करती हैं. अमेरिका में भारतीय निवेश ने लोकल कम्युनिटी के लिए रोजगार और आर्थिक अवसर पैदा किए हैं.
इन मुद्दों को लेकर दी चेतावनीकांग्रेस सदस्यों ने चेतावनी दी कि टैरिफ का लगातार बढ़ना दोनों देशों के संबंधों में खतरा पैदा कर सकता है. इसका सीधा असर अमेरिकी लोगों की जेब पर पड़ सकता है. यही नहीं अमेरिकी कंपनियों की वैश्विक स्तर पर प्रतिस्पर्धा करने की क्षमता को कमजोर कर सकता है.
पत्र में आगे चेतावनी दी गई कि प्रशासन के इन कदमों से भारत के चीन और रूस के और करीब आने का खतरा है, जो कि अमेरिकी रणनीति के लिए चिंता का विषय है. उन्होंने यह भी याद दिलाया कि भारत इंडो-पैसिफिक क्षेत्र में चीन के बढ़ते प्रभाव का मुकाबला करने के लिए भी एक अहम भागीदार है.
सांसदों ने भारत और अमेरिका के बीच साझा लोकतांत्रिक मूल्यों पर जोर दिया. साथ ही ट्रंप से अपील की कि वह इस महत्वपूर्ण साझेदारी को मजबूत करने की दिशा में कदम उठाएं.
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