कई दौर की बैठकों के बावजूद भारत और अमेरिका के बीच ट्रेड डील अब फाइनल नहीं हो पाई है. भारत को अब भी अमेरिका की ओर से लगाया गया 50 प्रतिशत टैरिफ झेलना पड़ रहा है. भारत और यहां के मंत्री इन्हीं मुद्दों को लेकर अमेरिका कूच कर रहे हैं. विदेश मंत्री इन दिनों अमेरिका की यात्रा पर हैं. खबर है कि दोनों देश ट्रेड डील फाइनल करने को लेकर प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी और डॉनल्ड ट्रंप के बीच बैठक की संभावना तलाश रहे हैं. दोनों राष्ट्र प्रमुखों के बीच यह बैठक अक्टूबर के आखिर में हो सकती है.
जयशंकर-रुबियो मुलाकात के बाद गर्माया ट्रेड डील मुद्दा, अब मोदी-ट्रंप की मलेशिया मीटिंग पर सबकी नज़रें
US-India Bilateral Talks: खबर है कि PM Modi और राष्ट्रपति Donald Trump के बीच संभावित मुलाकात हो सकती है. लेकिन यह सब इस बात पर निर्भर करता है कि व्यापार समझौते पर बातचीत किस दिशा में आगे बढ़ती है.


इंडियन एक्सप्रेस की खबर के मुताबिक, विदेश मंत्री एस. जयशंकर ने 22 सितंबर को अमेरिका के विदेश मंत्री मार्को रुबियो के साथ बैठक की थी. इस बैठक के बाद रुबियो ने कहा कि “भारत अमेरिका के लिए बेहद महत्वपूर्ण संबंध है.” उन्होंने दोनों देशों के बीच व्यापार, डिफेंस, एनर्जी, फार्मास्यूटिकल्स और अहम खनिजों जैसे प्रमुख मुद्दे की जरूरत बताई.
इसके अलावा विदेश मंत्री जयशंकर ने ट्रंप प्रशासन के भारत में राजदूत पद के उम्मीदवार सर्जियो गोर से भी मुलाकात की. इसी बीच भारतीय वाणिज्य मंत्री पीयूष गोयल अमेरिकी अधिकारियों से व्यापार समझौते पर भी बातचीत कर रहे हैं. ट्रेड डील फाइनल करने को लेकर दोनों देश प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी और राष्ट्रपति डॉनल्ड ट्रंप के बीच संभावित मुलाकात पर चर्चा कर रहे हैं.
आने वाले दिनों में दोनों राष्ट्र प्रमुख की बैठक के लिए एक मौका आता दिख रहा है. दरअसल अक्टूबर के अंत में मलेशिया के कुआलालंपुर में ASEAN और पूर्वी देशों का शिखर सम्मेलन होना है. मोदी इस सम्मेलन में हिस्सा लेंगे. वहीं अगर ट्रंप इस सम्मेलन में शामिल होने का फैसला लेते हैं तो उनके और मोदी के बीच द्विपक्षीय बैठक होना मुमकिन है.
लेकिन यह सब इस बात पर निर्भर करता है कि व्यापार समझौते पर बातचीत किस दिशा में आगे बढ़ती है. अगर कुआलालंपुर में मोदी और ट्रंप के बीच कोई बैठक होती है तो ट्रेड डील को सम्मेलन शुरू होने से पहले पूरा करना होगा.
न्यूयॉर्क में जयशंकर ने यूरोपीय संघ (EU) के विदेश मंत्रियों से भी मुलाकात की. यूरोपीय संघ ने हाल ही में भारत के लिए एक महत्वाकांक्षी एजेंडा पेश किया है, जो अगले साल यूरोपीय संघ-भारत शिखर सम्मेलन से पहले होगा. यह संतुलन बनाए रखना बेहद अहम है क्योंकि भारत के व्यापार वार्ता और व्यापक रणनीतिक साझेदारी को लेकर अमेरिका और यूरोपीय संघ दोनों से बातचीत हो रही है.
रुबियो ने जयशंकर से अपनी मुलाकात में क्वाड (Quad) समूह के बारे में भी बात की. उन्होंने कहा कि दोनों देश “खुला और स्वतंत्र” हिंद-प्रशांत क्षेत्र को बढ़ावा देने के लिए एक साथ काम करते रहेंगे. यहां रुबियो का इशारा चीन की ओर था, जो लगातार इस क्षेत्र में अपना प्रभाव बढ़ा रहा है.
भारत और अमेरिका के बीच बातचीतरुबियो ने भारतीय सरकार की व्यापार, रक्षा, ऊर्जा, फार्मास्यूटिकल्स, महत्वपूर्ण खनिजों और अन्य द्विपक्षीय मुद्दों पर जारी प्रतिबद्धता की सराहना की. अमेरिकी विदेश मंत्री ने कहा,
“हमने देखा कि भारत अमेरिका के लिए एक अहम साझेदार है. दोनों देशों के बीच सहयोग बढ़ाने के लिए दोनों मंत्री पूरी तरह से प्रतिबद्ध हैं.”
जयशंकर ने इस मुलाकात के बाद उन्होंने X (पूर्व में ट्विटर) पर लिखा कि कई महत्वपूर्ण द्विपक्षीय और अंतरराष्ट्रीय मुद्दों पर चर्चा हुई. जयशंकर के मुताबिक, यह बैठक “सकारात्मक” रही और सभी मुद्दों पर खुले मन से चर्चा की गई.
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