The Lallantop

'बुलडोजर एक्शन के खिलाफ फैसला देकर बहुत सुकून मिला', CJI गवई ने एक और जज को दिया क्रेडिट

Justice BR Gavai (अब CJI) और Justice KV Viswanathan की बेंच ने पूरे देश में अवैध निर्माणों को तोड़ने से जुड़े Bulldozer Action को लेकर कुछ अहम दिशा-निर्देश भी जारी किए थे, ताकि आगे इस तरह की कार्रवाई कानून के तहत ही हो.

Advertisement
post-main-image
बीते साल जस्टिस BR गवई (अब CJI) की बेंच ने बुलडोजर एक्शन पर फैसला दिया था. (PTI)
author-image
सृष्टि ओझा

भारत के मुख्य न्यायाधीश (CJI) बीआर गवई ने बताया कि 'बुलडोजर एक्शन' के खिलाफ दिए फैसले से उन्हें और जस्टिस केवी विश्वनाथन को बहुत सुकून और संतोष मिला. सुप्रीम कोर्ट में वकीलों के साथ एक चर्चा कार्यक्रम के दौरान उन्होंने यह बात कही.

Add Lallantop as a Trusted Sourcegoogle-icon
Advertisement

यह फैसला पिछले साल आया था, जिसमें मनमाने ढंग से किए जाने वाले 'बुलडोजर एक्शन' की निंदा की गई थी. सुप्रीम कोर्ट ने साफ कहा था कि इस तरह की कार्रवाई संविधान और कानूनी अधिकारों का उल्लंघन है. कोर्ट ने यह भी कहा था कि कार्यपालिका (सरकार) का कोई भी कदम न्यायिक प्रक्रिया से ऊपर नहीं हो सकता.

इंडिया टुडे से जुड़ीं सृष्टि ओझा की रिपोर्ट के मुताबिक, हाल ही में सुप्रीम कोर्ट के वकीलों के 269वें फ्राइडे ग्रुप कार्यक्रम में CJI गवई ने कहा कि उन्हें जस्टिस केवी विश्वनाथन के साथ लगभग छह महीने तक काम करने का मौका मिला.

Advertisement

उन्होंने आगे कहा,

"मुझे लगता है कि बुलडोजर वाला फैसला, उन फैसलों में से एक है जिसने हम दोनों को बहुत सुकून दिया. इस फैसले के मूल में मानवीय समस्याएं और इंसानों के सामने आने वाली परेशानियां थीं. परिवार वालों को सिर्फ इसलिए परेशान किया जा रहा था क्योंकि वे उस परिवार का हिस्सा थे, जिसके सदस्यों में से एक या तो अपराधी था या कथित अपराधी था."

उस समय जस्टिस गवई (अब CJI) और जस्टिस केवी विश्वनाथन की बेंच ने पूरे देश में अवैध निर्माणों को तोड़ने से जुड़ी कार्रवाइयों को लेकर कुछ अहम दिशा-निर्देश भी जारी किए थे, ताकि आगे इस तरह की कार्रवाई कानून के तहत ही हो.

Advertisement

CJI गवई ने यह भी कहा,

"हालांकि इस फैसले का क्रेडिट मुझे ज्यादा दिया गया, लेकिन मैं साफ कहना चाहता हूं कि इस फैसले को लिखने में जस्टिस विश्वनाथन को भी बराबर का क्रेडिट मिलना चाहिए."

Justice KV Viswanathan
जस्टिस केवी विश्वनाथन. (Supreme Court)

लाइव लॉ की रिपोर्ट के मुताबिक, उस दौरान दोनों जजों की बेंच ने आरोपियों/दोषियों की संपत्तियों को मनमाने ढंग से ध्वस्त करने के कार्यपालिका के रवैये के खिलाफ कई निर्देश दिए थे. इस तरह की कार्रवाई के लिए जिम्मेदार लोगों को जवाबदेह ठहराते हुए बेंच ने कहा था कि कानून के शासन वाले एक सभ्य समाज में 'बुलडोजर जस्टिस' कबूल नहीं है.

वीडियो: दिल्ली हाईकोर्ट ने कहा, "भारत में व्यभिचार अपराध नहीं है, लेकिन इसके सामाजिक परिणाम हैं", देना पड़ सकता है Compensation

Advertisement