भारत और अमेरिका के बीच रिश्ते इन दिनों खराब तो हैं, लेकिन क्या ये इतने खराब हो गए हैं कि वह भारत में GMail बैन करने की सोच रहा है? ये सवाल उठे हैं ‘खान सर’ के नाम से मशहूर फैजल खान के एक वायरल वीडियो से. वीडियो में खान सर ने दावा किया कि अमेरिका से रिश्ते खराब हुए तो वह भारत में Gmail बंद कर देगा और भारत को जमीन पर ला देगा. यही नहीं इससे UPI, फेसबुक और वॉट्सऐप जैसी ऐप्स भी ठप हो जाएंगी. यहां तक कि फोन भी चलना बंद हो जाएगा!
'US गूगल बैन कर देगा तो UPI बंद', ये बोल खान सर वायरल तो हो गए मगर 'गलत' बात कह दी
भारत और अमेरिका के बीच रिश्ते इन दिनों खराब तो हैं, लेकिन क्या इतने खराब हैं कि वह भारत में GMail बैन करने की सोच रहा है? वायरल टीचर खान सर के एक वीडियो के बाद ये सवाल उठ रहे हैं.


वीडियो वायरल होने के बाद सोशल मीडिया पर लोग खान सर पर बरस पड़े. हर कोई उन्हें बताने लगा कि GMail बंद होने से UPI बंद नहीं होगा. कुछ लोगों ने दावा किया कि Gmail बंद होने का मतलब है कि गूगल बंद हो जाएगा, गूगल बंद हुआ तो प्लेस्टोर नहीं चलेगा. अगर प्लेस्टोर नहीं चलेगा तो कोई UPI ऐप नहीं डाउनलोड होगा. ऐसे में भारत में ऑनलाइन पेमेंट सिस्टिम ठप हो जाएगा.
ये सब तर्क वगैरह चल रहे थे कि किसी ने Grok से ही सवाल पूछ लिया. जवाब में Grok ने कहा,
जीमेल से बंद हो जाएगा UPI?खान सर की बात में कुछ गलतफहमी है. यूपीआई एनसीपीआई के अपने इंडियन डेटा सेंटर्स पर चलता है. जीमेल या गूगल सर्विस से डायरेक्ट लिंक नहीं है. अगर जीमेल ब्लॉक हो भी जाए, यूपीआई ऐप जैसे भीम, पेटीएम इत्यादि काम करते रहेंगे. एंड्रॉयड फोन्स पर कुछ लिमिटेशन्स आ सकती हैं लेकिन खान सर का दावा पूरी तरह से सही नहीं है.
ग्रोक की बात सही है क्या? वरिष्ठ वकील प्राची प्रताप के मुताबिक, बिल्कुल सही बात है. UPI के इस्तेमाल के लिए Gmail अकाउंट की जरूरत अनिवार्य नहीं है. इसके लिए सिर्फ आपके पास पेमेंट करने वाला APP जैसे फोनपे, पेटीएम आदि होना चाहिए. उस पर अपना फोन नंबर डालकर अकाउंट बना सकते हैं.
जैसा कि एक यूजर ने भी बताया कि यूपीआई किसी पब्लिक क्लाउड पर रन नहीं करता. भारत में कोई भी सरकारी ऐप लोकेशन किसी पब्लिक क्लाउड पर रन नहीं करती है. सरकार के पास अपने डेटा सेंटर होते हैं. NPCI ऐसा ही डेटा सेंटर है, जिस पर UPI वर्क करता है.

NPCI यानी National Payments Corporation of India एक गैर-लाभकारी कंपनी है, जो रिजर्व बैंक और भारतीय बैंक संघ ने 2008 में बनाई थी. ताकि पूरे भारत में डिजिटल भुगतान और पैसों के लेन-देन को सरल और सुरक्षित बनाया जा सके.
लेकिन, सबसे जरूरी बात ये है कि क्या डॉनल्ड ट्रंप के हाथ में भारत में Gmail बैन करना है?
इंडिया टाइम्स की एक रिपोर्ट के मुताबिक, भारत या किसी भी संप्रभु देश में डॉनल्ड ट्रंप जीमेल ब्लॉक नहीं कर सकते. Gmail गूगल का प्रोडक्ट है और गूगल एक प्राइवेट कंपनी है. ट्रंप इतना कर सकते हैं कि वह गूगल पर कुछ प्रतिबंध लगा दें. लेकिन भारत में जीमेल बैन करने का अधिकार सिर्फ भारत सरकार के पास है. रही बात गूगल कंपनी के ऐसा करने की, तो वह इतने बड़े बाजार में दुकान बंद कर अपने पैर पर कुल्हाड़ी क्यों मारना चाहेगी?
प्राची प्रताप बताती हैं कि अगर अमेरिका के राष्ट्रपति यह एलान करते हैं कि विदेशों में जीमेल या गूगल सेवाएं राष्ट्रीय सुरक्षा के लिए खतरा हैं. इसके जरिए आतंकवाद या जासूसी का रिस्क है तो वह अंतरराष्ट्रीय आपातकालीन आर्थिक शक्ति अधिनियम (IEEPA) 1977 के तहत अमेरिकी कंपनियों को कुछ देशों में ये सेवाएं बंद करने का आदेश दे सकते हैं. इसके लिए पहले उन्हें उन सभी कंपनियों के संबंध में राष्ट्रीय आपातकाल घोषित करना होगा. लेकिन उनके लिए इस एक्ट के जरिए सिर्फ एक कंपनी को काम करने से रोकना संभव नहीं होगा.
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